‘ओ भिना कसिकै जानूं द्वारहाटा’ जैसे कुमाऊं के लोकप्रिय लोक गीतों में वर्णित और कत्यूरी शासनकाल में राजधानी रहा द्वाराहाट अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए देश-प्रदेश में प्रसिद्ध है। उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा जिले में रानीखेत तहसील मुख्यालय से लगभग 21 किलोमीटर दूर गेवाड़ घाटी में स्थित इस छोटे से कस्बे में 8वीं से 13वीं शदी के बीच निर्मित महामृत्युंजय, गूजरदेव, मनिया, शीतला देवी व रत्नदेव आदि अनेक मंदिरों के अवशेष आज भी अपनी स्थापत्य कला से प्रभावित करते हैं। मंदिरों के चारों ओर अनेक भित्तियों को कलापूर्ण तरीके से शिलापटों अलंकृत किया गया है। विस्तार से पढ़ने को यहाँ क्लिक करें…
डॉ. नवीन जोशी द्वारा प्रकाशित
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6 Comments
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लेकिन मुझे लगता है कि आज यह जगहे अपना अस्तित्व खो रही है, हमारी आज कि पीड़ी इन जगहो से वाकिफ़ हि नहि … आज सबको विदेश जाना है अपने देश के इतिहास मे जाक कर तो देखो कितना अनमोल है….
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श्यल्दे बिखौति मेला हमारी पहचान,हमारी शान 😉😉😉
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