केन्द्रीय बजट में सुनी जाएगी नैनीताल की आवाजें ?
केवल आधा दर्जन साहित्यकारों ने ही वास्तव में लौटाए पुरस्कार

-इनसे से भी आधों ने लौटाई पुरस्कार की राशि
नैनीताल (एसएनबी)। पिछले दिनों साहित्य अकादमी के पुरस्कार लौटाने की खूब चर्चाएं रहीं, और अनेक साहित्यकारों के पुरस्कार लौटाने की खबरें मीडिया में आर्इं। लेकिन सच्चाई यह है कि मुश्किल से आधा दर्जन साहित्यकारों ने ही साहित्य अकादमी को औपचारिक तौर पर अपने पुरस्कार लौटाने के पत्र भेजे, वहीं इनमें से भी करीब आधों ने ही साहित्य अकादमी पुरस्कार के साथ मिली एक लाख रुपए की धनराशि लौटाने की हिम्मत दिखाई।
यह दावा बीते माह ही सेवानिवृत्त हुए साहित्य अकादमी में हिंदी विभाग देखने वाले पूर्व उपसचिव डा. बृजेंद्र त्रिपाठी ने सोमवार को मुख्यालय में कही। वह यहां महादेवी सृजन पीठ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने यह टिप्पणी भी कि पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों ने वास्तव में अकादमी अथवा सरकार नहीं वरन साहित्यकारों की गरिमा को ही ठेस पहुंचाई है, और उल्टे सरकार को साहित्य अकादमी पर हस्तक्षेप करने का मौका दे दिया है। क्योंकि साहित्य अकादमी सरकारी संस्था नहीं है। वास्तव में यह साहित्यकारों की संस्था है। इस संस्था की पुरस्कार देने वाली ज्यूरी और पैनल में सरकार के लोग नहीं वरन साहित्यकार ही होते हैं, इस प्रकार यह पुरस्कार सरकार नहीं देती है। सरकार से संस्था का संबंध केवल अनुदान देने का होता है। बिहार के विस चुनावों के बाद इस मुद्दे पर पुरस्कार लौटाने वाले साहित्यकारों की चुप्पी को इंगित करते हुए उन्होंने इस मुद्दे के राजनीति से प्रेरित होने की ओर भी इशारा किया।
अब हेलीकॉप्टर से करिए नैनीताल व जिले की अन्य झीलों के दर्शन
नैनीताल(एसएनबी)। झीलों के जनपद नैनीताल की सरोवरनगरी सहित सातताल, नौकुचियाताल व भीमताल आदि झीलों के दर्शन अब सैलानी बिना किसी जाम की समस्या के हेलीकॉप्टर से कर सकेंगे। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इसके लिए ‘‘झील दर्शन’ योजना की शुरुआत की है। केएमवीएन के महाप्रबंधक त्रिलोक सिंह मतरेलिया ने बताया कि योजना के तहत 19 दिसम्बर से 15 फरवरी के बीच सप्ताहांत यानी शनिवार व रविवार को हेलीकॉप्टर की हर दिन चार उड़ानों के जरिए अधिकतम 20 सैलानियों को जनपद की झीलों के दर्शन कराए जाएंगे। करीब 20 मिनट की इस यात्रा पर प्रति व्यक्ति किराया करों सहित 4125 रुपये होगा। बताया गया है कि 19 से ही गढ़वाल मंडल में हिमालय दर्शन की योजना भी शुरू हो रही है।

राष्ट्रीय सहारा, 26 नवम्बर 2015
उत्तराखण्ड के नए मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह तैयार कर रहे भ्रष्ट अफसरों की कुंडली

नैनीताल के फ्लैट्स मैदान में बुधवार 25 नवम्बर 2015 को बना 1843 में स्थपित नैनीताल जिमखाना के 172 वर्ष के इतिहास में सर्वाधिक तेज शतक का रिकार्ड.. किशनगंज जिमखाना दिल्ली के आलराउंडर खिलाडी यशपाल डागर ने पैराडाइज क्लब मेरठ के खिलाफ 39 गेंदों में 9 चौकों और 9 छक्कों की पारी के साथ बनाया नाबाद शतक-(101* रन)
अधिकारों में नहीं कर्तव्यों में निहित है संविधान की आत्मा 
देश पर गहरा रहा आतंकवाद का खतरा : पी चिदंबरम
अब पता चला कि क्यों वरिष्ठ कांग्रेसी पी चिदंबरम ने गत 26 नवंबर को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार की शराब नीति के खिलाफ उतरने के साथ ही नैनीताल में क्यों केंद्र सरकार के खिलाफ जहर नहीं उगला, वरन पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेई के साथ भाजपा को भी लिबरल यानी उदारवादी पार्टी करार दिया। और अगले दिन दिल्ली में सलमान रश्दी की किताब को बैन करने को राजीव गांधी की गलती बताने वाला बयान दिया।
लेकिन लगता है वास्तव में केंद्र की मौजूदा भाजपानीत सरकार उदारवादी नहीं है। यदि होती तो इतने से पिघल ही गई होती और आज पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की कई फर्मों पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी न हुई होती।
और हमें अपनी अक्ल पर तरस आ रहा है कि हम चिदंबरम के बदले रुख व बयान पर शंका जताने के बावजूद उनकी घाघ राजनीति का सही अंदाजा क्यों नहीं लगा पाए….. देखें नवभारत टाइम्स की खबर
