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टैग: Culture
कुमाऊं में परंपरागत ‘जन्यो-पुन्यू’ के रूप में मनाया जाता है रक्षाबंधन
वैश्वीकरण के दौर में लोक पर्व भी अपना मूल स्वरूप खोकर अपने से अन्य बड़े त्योहार में स्वयं को विलीन … अधिक
गौरा-महेश को बेटी-जवांई के रूप में विवाह-बंधन में बांधने का पर्व: सातूं-आठूं (गंवरा या गमरा)
गौरा से यहां की पर्वत पुत्रियों ने बेटी का रिश्ता बना लिया हैं, तो देवों के देव जगत्पिता महादेव का … अधिक
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का लोकपर्व घी-त्यार, घृत-संक्रांति
प्रकृति एवं पर्यावरण से प्रेम व उसके संरक्षण के साथ ही अभावों में भी हर मौके को उत्साहपूर्वक त्योहारों के … अधिक
कुमाऊँ के ऋतु, प्रकृति व लोक पर्व-हरेला, भिटौली, चैतौल और फूलदेई
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उत्तराखंड में गुझिया-मिठाई सहित कुछ भी खाना रिस्की, मैगी नूडल्स की जांच की भी नहीं व्यवस्था
नवीन जोशी, नैनीताल। उत्तराखंड राज्य में त्योहार राज्य वासियों के स्वास्थ्य पर भारी न पड़ जाए। राज्यवासी होली दिवाली या … अधिक
उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी-रत्नगर्भा अल्मोड़ा
चंद शासकों की राजधानी रहे अल्मोड़ा की मौजूदा पहचान निर्विवाद तौर पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में है। … अधिक
चंपावत से मिला ‘कुमाऊं’ को अपना नाम और यह ही ‘कुमाऊं’ की मूल पहचान
यूं चंपावत वर्तमान में कुमाऊं मंडल का एक जनपद और जनपद मुख्यालय है, लेकिन यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि … अधिक
प्रसिद्ध वैष्णो देवी शक्तिपीठ सदृश रामायण-महाभारतकालीन द्रोणगिरि वैष्णवी शक्तिपीठ दूनागिरि
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समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सहेजे द्वाराहाट और स्याल्दे बिखौती का मेला
‘ओ भिना कसिकै जानूं द्वारहाटा’ जैसे कुमाऊं के लोकप्रिय लोक गीतों में वर्णित और कत्यूरी शासनकाल में राजधानी रहा द्वाराहाट … अधिक
राजुला-मालूशाही और उत्तराखंड की रक्तहीन क्रांति की धरती, कुमाऊं की काशी-बागेश्वर
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कुमाउनी ऐपण: शक, हूण सभ्यताओं के साथ ही तिब्बत, महाराष्ट्र, राजस्थान व बिहार की लोक चित्रकारी की भी मिलती है झलक
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कुमाऊं का ऋतु पर्व ही नहीं ऐतिहासिक व सांस्कृतिक लोक पर्व भी है घुघुतिया-उत्तरायणी
1921 में इसी त्योहार के दौरान बागेश्वर में हुई प्रदेश की अनूठी रक्तहीन क्रांति, कुली बेगार प्रथा से मिली थी … अधिक
चंद राजाओं की विरासत है कुमाऊं का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य
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12 ज्योर्तिलिंगों में प्रथम ज्योर्तिलिंग है जागेश्वर, यहीं से शुरू हुई दुनिया में शिव लिंग की पूजा
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