Rape


 10 वर्षीया मासूम से हुई जघन्यता, खिलौने का लालच दे बलात्कार के बाद हत्या

टुकड़ों में मिला नोंचा गया शव, नेपाली निकले हैवान..

नवीन समाचार, कोटद्वार, 8 अगस्त 2019। कड़े कानूनों के बावजूद बच्चियों के साथ जघन्य वारदातों में कमी आने का नाम नहीं ले रही है। गत 5 अक्तूबर को गायब हुई शहर की कक्षा पांच में पढ़ने वाली मात्र 10 वर्षी मासूम बच्ची के साथ भी वही हुआ है, जिसे सभ्य समाज में कोई नहीं सुनना चाहता। हैवानों ने एक खिलौना देने के लालच में उसे साथ लेजाकर उसका बलात्कार किया और फिर जान से मार डाला था, और शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया। पुलिस ने उसके शव को जानवरों द्वारा खाई गई, क्षत-विक्षत हालत में चार दिन बाद बरामद कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो नेपाली मूल के आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ हत्या व पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बड़ा सवाल है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए क्या किया जाना चाहिए। हैवान इतने शातिर थे कि स्वयं भी पुलिस पर बच्ची को जल्द तलाशने का दबाव बना रहे थे, और खुद भी बच्ची को तलाशने का अभिनय कर रहे थे। किंतु पास के एक सीसीटीवी कैमरे में पुलिस को अपने साथ घूमने वाले एक युवक ही बच्ची को बहला-फुसला कर ले जाते दिख गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल लिया। दोनों आरोपी बच्ची व उसके परिजनों के परिचित थे, और उसके घर आते-जाते रहते थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार झूलापुल बस्ती निवासी बच्ची सोमवार शाम पांच बजे घर के पास ही एक दुकान में सामान लेने गई थी, लेकिन देर रात को भी वह घर नहीं लौटी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए बच्ची की खोजबीन शुरू कर की। इधर पुलिस ने सुरागकशी करते हुए पता लगाया कि मूलतः नेपाल के नागरिक व यहां झूलाबस्ती निवासी 31 वर्षीय अशोक पुत्र सूरत सिंह और प्रजापति नगर निवासी 28 वर्षीय पदम पुत्र कालू सिंह बच्ची को खिलौना दिलाने का झांसा देकर अपने साथ ले गये। इसके बाद उन्होंने नजदीक में रेलवे स्टेशन के अंदर बने गोदाम के पीछे झाड़ियों में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने रेलवे परिसर से बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद कर लिया है। दोनों की निशानदेही पर जब पुलिस जब मौके पर पहुंची तो उसे शव के कई टुकड़े बिखरे मिले, जबकि सुअर व कुत्ते आधा शव खा चुके थे। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने शराब के नशे में घटना को अंजाम दिया।

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-न्यायालय ने खारिज की आरोपित की जमानत याचिका

डॉ. नवीन जोशी @ नवीन समाचार, नैनीताल, 8 नवंबर 2021। बिजनौर यूपी निवासी एक व्यक्ति ने हल्द्वानी निवासी युवती से उसके पिता को जान से मारने की धमकी देकर पिछले तीन माह में दो बार दुष्कर्म किया, और वीडियो बना लिए। इसके बाद उसने अपने साथ चलने से इंकार करने पर युवती के वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिए। मामले में जेल में बंद आरोपित ने इधर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत में जमानत हेतु प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।

जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोपित सचिन गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता निवासी मोहम्मद गंज ककराला जिला बदायूं उत्तर प्रदेश के जमानत प्रार्थना पत्र का अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने विरोध किया। कहा कि इंद्रानगर बनभूलपुरा में बड़ी मस्जिद के पीछे रहने वाली पीड़िता के पिता अपनी पत्नी व दो बेटियों को छोड़कर काफी समय से गांव में रहने लगे हैं। इस बीच उन्होंने एक नंबर से पत्नी को फोन कर खैरियत पूछी।

बाद में इसी नंबर से खुद को पिता के साथ काम करने वाला बताकर सचिन गुप्ता फोन करने लगा और पिता की खैरियत बताने लगा और धीरे’-धीरे सोशल मीडिया से महिला की बड़ी बेटी से जुड़ गया। इधर पहले तीन माह पूर्व घर आकर उसने अकेली पाकर बड़ी बेटी से मुंह पर हाथ व गर्दन पर चाकू रखकर बलात्कार किया व वीडियो बना ली, और आगे 12 जून को पिता को जान से मारने की धमकी देकर पुनः जबर्दस्ती यौन संबंध बनाए और साथ चलने को कहने लगा।

ऐसा न करने पर उसने उसके फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिए। यह फोटो व वीडियो पीड़िता के चाचा ने देख लिए तो अब तक चुप रही पीड़िता ने चाचा को सारी बात बताई और चाचा द्वारा हिम्मत दिलाने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इस दलील पर आरोपित के अपराध को गंभीर स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उसकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : युवती से बंधक बनाकर किया दुष्कर्म, फिर छह लाख में बेच दिया, पुलिस ने भी नहीं सुनी पीड़िता की गुहार

नवीन समाचार, मंगलौर, 29 अक्टूबर 2021। मंगलौर कोतवाली क्षेत्र निवासी एक युवती को सहारनपुर जनपद के थाना गागलहेड़ी निवासी मांगा नाम का एक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। उसने उसे बंधक बनाकर रखा। इस बीच युवक ने उससे दुराचार किया और बाद में अपने एक परिचित को छह लाख रुपए में बेच दिया।

उसे बंधक बनाने में डॉ अन्य युवकों ने भी उसका साथ दिया। पीड़िता ने पुलिस में मामले की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। इस पर पीड़िता ने न्यायालय में गुहार लगाई। अब न्यायालय के आदेश पर पुलिस को आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना पड़ा है।

युवती ने न्यायालय को दी तहरीर में कहा है कि गत 25 सितंबर की दोपहर दो बजे मांगा नाम का युवक बाइक पर सवार होकर उसके घर पर आया। वह घर में अकेली थी। आरोपी ने तमंचे के बल पर उसे आतंकित करते हुए मारपीट कर उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म किया। तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।

कोर्ट के आदेश पर मांगा और उसका साथ देने वाले राहुल निवासी ग्राम माली थाना गागलहेड़ी जनपद सहारनपुर तथा कर्मवीर निवासी ग्राम ठायकी उर्फ ढायकी थाना नकुड जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश के खिलाफ अपहरण, दुराचार, मानव तस्करी, मारपीट तथा अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच महिला उप निरीक्षक डिंपल जोशी को सौंपी गई है। (डॉ. नवीन समाचार) अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : ससुर ने बहु से की अश्लील हरकत, शिकायत करने पर पति ने उल्टे पीट दिया

नवीन समाचार, रुद्रपुर, 14 अक्टूबर 2021। महिलाओं पर अपने घर में भी कुदृष्ट ? नशे में धुत ससुर ने अपनी बहु से अश्लील हरकत कर दी। उसके कपड़े भी फाड़ दिए। पीड़िता ने जब इसकी शिकायत अपने पति से की तो उसने भी उसकी पिटाई कर दी। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित ससुर और पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर की टीचर्स कालोनी निवासी महिला ने पुलिस में शिकायती पत्र दिया कि मंगलवार रात जब वह घर में अकेली ही थी, उसका ससुर सुनील कुमार शराब पीकर उसके कमरे में घुस आया और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। विरोध करने पर उसके कपड़े भी फाड़ दिए। किसी तरह वह अपने ससुर से बचते हुए बाहर आई और पति सौरभ से शिकायत की। इस पर पति ने उस पर ही आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद वह पति और ससुर से बचते हुए रम्पुरा चौकी पहुंची।

गुरुवार को पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित ससुर पर अश्लील हरकत करने और पति के खिलाफ पिटाई करने के मामले में अभियोग पंजीकृत कर लिया है। कोतवाल विक्रम राठौर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, आगे जांच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। (डॉ. नवीन समाचार) अन्य नवीन समाचार पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : छात्रा के साथ दरिंदगी के साथ दुष्कर्म, छात्रा ने दी कार्रवाई न होने पर परिवार सहित आत्महत्या की धमकी

नवीन समाचार, हरिद्वार, 4 अक्टूबर 2021। शहर में कॉलेज से लौटती एक छात्रा के साथ दरिंदगी के साथ दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पीड़िता ने धमकी दी है कि यदि आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न की गई तो वह अपने परिजनों के साथ आत्महत्या कर लेगी। दूसरी ओर पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़िता की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार घटना बीते 27 सितंबर की है। छात्रा अपने कॉलेज से फीस जमा करने के बाद घर लौट रही थी। आरोप है कि इस दौरान पड़ोस के गांव के युवक गौरव नाम के युवक ने मौका देख कर उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती खेत में ले गया। यहां पर उसने छात्रा के हाथ-पैर बांधे और उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद आरोपी आरोपित ने छात्रा को धमकी दी कि अगर उसने इस बारे में किसी को कुछ भी बताया तो वह उसके परिजनों को मार डालेगा।

घर पहुंचकर पीड़िता ने अपने परिजनों को दुष्कर्म की जानकारी दी। इस मामले में गंगनहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सिंह कोश्यारी का कहना है कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपित गौरव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। उसकी तलाश की जा रही है और गंभीरता से मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : महिला से घर में घुसकर किया दुष्कर्म का प्रयास, कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा दर्ज

नवीन समाचार, लक्सर (हरिद्वार), 27 सितंबर 2021। कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने तीन व्यक्तियों पर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि उसके पड़ोसी सुमित, अंकित और अनिल उससे रंजिश रखते हैं और उसका मकान खाली करवाने के फिराक में रहते हैं। इसी कोशिश में गत 11 सितंबर की शाम को जब वह अपनी बेटी के साथ घर पर थी, और उसके पति बाहर काम पर गए हुए थे।

तभी तीनों आरोपित उसके घर में घुस आए। विरोध किया तो सुमित एवं अनिल ने उसके कपड़े फाड़ डाले और जबरन उसको एक कमरे में खींच ले गए। यहां पर अंकित ने दुष्कर्म का प्रयास किया। उसके लगातार शोर मचाने पर पड़ोसी मौके पर पहुंच़े। इसके बाद आरोपित मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से भागने में कामयाब रहे। 12 सितंबर को उसने पुलिस को सूचना दी। लेकिन, पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस पर उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने सुमित, अंकित और अनिल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : हल्द्वानी: युवक ने पहले युवती से 3 लाख की नगदी व जेवर लिए, फिर अस्मत लूट ली, अब वीडियो बनाने की धमकी

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 27 अगस्त 2021। हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र में एक महिला ने एक युवक पर मारपीट और दुष्कर्म करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस को सौंपी तहरीर में कहा है कि 2018 में वह अपनी बेटी के उपचार के लिए एक निजी चिकित्सालय गई थी। जहां उसे बिन्दुखत्ता निवासी युवक मिला। इस दौरान उनकी बेटी से युवक की जान पहचान हो गई।

बाद में युवक ने कुछ परेशानी बताते हुए उसकी बेटी से पैसे की गुहार लगाई। इस पर बेटी ने युवक को दो लाख रुपये नगद और एक लाख रुपये के गहने दे दिए। लेकिन जब गहने वापस मांगे तो युवक ने बेटी को टीपी नगर चौराहे के पास बुलाया। इसके बाद वह उसे एक होटल में ले गया और युवक ने उसकी बेटी के साथ मारपीट कर दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने वीडियो भी बना ली। अब युवक वीडियो वायरल कर रहा है। महिला ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

हालाँकि इस सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा है कि बेटी ने कैसे युवक को दो लाख रुपये नगद और एक लाख रुपये के गहरे देने और बाद में उसके साथ कमरे में जाने का भरोसा कर लिया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : युवती से पहले धोखे से दुष्कर्म, फिर शादी का झांसा देकर लुटती रही अस्मत, अब मन भरा तो भगा दिया

नवीन समाचार, हरिद्वार, 25 अगस्त 2021। हरिद्वार में सिडकुल स्थित एक फैक्ट्री में काम करने वाली मंगलौर के ग्रामीण क्षेत्र की निवासी युवती ने सुपरवाइजर पर दुष्कर्म करने और विरोध करने पर पहले शादी का वादा करने और फिर गाली-गलौज और धमकी देते हुए भगाने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर सिडकुल थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता ने पुलिस को तहरीर देकर बताया है कि कुछ दिन पहले कंपनी के सुपरवाइजर हिमांशु सिंह से उसकी जान-पहचान हुई थी। गत मार्च माह में हिमांशु ने अपना जन्मदिन बताकर धोखे से उसे अपने कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसे शादी का आश्वासन दिया और फिर अक्सर दुष्कर्म करने लगा।

इधर कुछ दिन पहले उसने हिमांशु से शादी करने के लिए कहा तो उसने गाली-गलौज करते हुए धमकी दी और उसे भगा दिया। इस पर पीड़िता ने पुलिस को तहरीर दी। सिडकुल थानाध्यक्ष लखपत सिंह बुटोला ने बताया कि सुपरवाइजर हिमांशु सिंह निवासी अटरिया गोपालपुर जिला जौनपुर उत्तर प्रदेश, हाल निवासी रावली महदूद सिडकुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : यूपी में उत्तराखंड की युवती से नैनीताल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप

नवीन समाचार, रामपुर (यूपी), 5 अगस्त 2021। मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में उत्तराखंड की एक युवती से नैनीताल के होटल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप किए जाने के आरोप में अदालत के आदेश पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें एक आरोपित दिल्ली का रहने वाला है। मुकदमा अदालत के आदेश पर हुआ है। पीड़िता उत्तराखंड के जिला ऊधमसिंहनगर में थाना रुद्रपुर के एक मुहल्ले की रहने वाली है।

पीड़िता का आरोप है कि रामपुर जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत गली सनातन धर्म इंटर कालेज निवासी एक युवक का उसके घर आना जाना था। युवती के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसका फायदा उठाते हुए युवक ने उसे अपने एक दोस्त के माध्यम से नैनीताल के होटल में साफ-सफाई का काम दिलाने का लालच दिया। बताया कि उसका दोस्त दिल्ली में रहता है और वह 27 मार्च 2021 को रामपुर होते हुए नैनीताल जाएगा। उसके साथ नैनीताल चली जाना। इस पर वह 27 मार्च को रामपुर पहुंच गई।

वहां से युवती को युवक, उसका दोस्त व एक अन्य आरोपित कार में बैठाकर सुनसान जगह पर ले गए, और उसके साथ युवक के दोस्त व अन्य आरोपित ने दुष्कर्म किया। विरोध करने पर उसे कार में गला दबाकर मारने की धमकी दी, तथा रुपये देकर चुप रहने का भी लालच दिया। वह उनके लालच में नहीं आई तो उसे मार-पीटकर कार से वहीं उतारकर आरोपित फरार हो गए। पीड़िता किसी तरह थाने पहुंची। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर उसने एसपी को प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मुकदमा स्थानीय युवक हर्षित रस्तोगी, उसके दोस्त दक्षिणी दिल्ली के साउथ कैंपस में साउथ एक्स विहार के रहने वाले अमन बंसल व तीसरे आरोपित अभय गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुकदमे में अमन व अभय पर दुष्कर्म करने का आरोप है। मुकदमा मारपीट, सामूहिक दुष्कर्म, एससीएसटी एक्ट आदि धाराओं में हुआ है। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस दुर्गा सिंह के अनुसार मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। मुकदमे की जांच सीओ बिलासपुर विद्या किशोर को सौंपी गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : युवक ने दोस्त के साथ मिलकर किया परिचित युवती को बेहोश कर दुष्कर्म

नवीन समाचार, रुद्रपुर, 2 अगस्त 2021। शहर के आवास विकास निवासी वंशक मकीजा नाम के युवक पर एक युवती ने दोस्त के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म करने और विरोध करने पर उसकी पिटाई कर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मेडिकल कराने के बाद आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर दोनों की तलाश शुरू कर दी है।

पीड़िता का कहना है कि वह वंशक से परिचित है। गत 31 जुलाई की शाम को वंशज ने उसे अपने घर बुलाया और घर पर मौजूद एक अन्य दोस्त के साथ उसे कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर बेहोशी में दोनों ने उससे दुष्कर्म कर दिया। होश में आने पर जब उसने विरोध किया तो उन्होंने उसकी पिटाई की और जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित की शिकायत पर ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस ने वंशज मकीजा और उसके दोस्त के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष विनोद फर्त्याल ने बताया कि नशीला पदार्थ खिलाकर पीड़िता से दुष्कर्म किया गया है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : युवक ने मकान मालकिन को नशीला पदार्थ पिलाकर किया दुष्कर्म, पुलिस ने नहीं सुनी, कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज

नवीन समाचार, रामनगर, 18 जुलाई 2021। रामनगर में किराएदार द्वारा मकान मालिक की गैर मौजूदगी में मकान मालकिन को नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। पहले मना करने के बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर आरोपित किरायेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच कालाढूंगी थाने की महिला एसआई को सौंपी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसर जनपद अल्मोड़ा के सल्ट ब्लाक का निवासी चेतन मठपाल रामनगर में कमरा किराए पर लेकर रहता है। उसका मकान मालिक बाहर नौकरी करता है, और घर में मकान मालकिन अकेली रहती है। आरोप है कि कुछ दिन पूर्व किराएदार चेतन ने महिला के पति की गैर मौजूदगी का फायदा उठाते हुए उसे घर में अकेली पाकर धोखे से नशीला पदार्थ खिला दिया, और नशे की अवस्था में मकान मालकिन के साथ दुष्कर्म किया। महिला के विरोध करने पर उसने उसे जान से मारने की धमकी दी।

किसी तरह साहस साहस करके महिला ने पुलिस में तहरीर दी। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर महिला ने न्यायालय की शरण लेकर अपनी आपबीती बताई। न्यायालय ने रामनगर कोतवाली को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस ने रविवार को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की। कोतवाल एके सिंह ने बताया कि आरोपित चेतन मठपाल के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले की जांच कालाढूंगी थाने की महिला एसआई को सौंपी गई है। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : तलाकशुदा महिला का नैनीताल के होटल में बनाया गया अश्लील वीडियो, दिखाकर किया दुष्कर्म

नवीन समाचार, काशीपुर, 15 जुलाई 2021। काशीपर की एक तलाकशुदा महिला से शादी का झांसा देकर नैनीताल के एक होटल में आपत्तिजनक अवस्था में वीडियो बनाने और विरोध करने पर बेल्ट से पीटने तथा बाद में यही वीडियो दिखाकर आगे दुष्कर्म व मानसिक शोषण करने का मामला प्रकाश में आया है। काशीपुर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 504, 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

काशीपुर कोतवाली क्षेत्र निवासी तलाकशुदा महिला ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि फेसबुक पर उसकी पहचान बाजपुर के ग्राम हसन का मझरा निवासी आफताब अली पुत्र अहसान से हुई। मैसेंजर पर दोनों ने एक दूसरे के मोबाइल नंबर लिए, और दोनों निरंतर फोन पर बातचीत करने लगे। इस बीच आफताब कई बार उससे मिलने काशीपुर भी आता रहा और मिलने पर उसे शादी करने का झांसा देता रहा। महिला के लगातार दवाब देने के बाद 15 जून को वह उसे नैनीताल ले गया और वहां उसे एक होटल में ठहराया। इस दौरान उसने महिला की आपत्तिजनक अवस्था में वीडियो बना ली, और विरोध करने पर बेल्ट से पीटा। बाद में आरोपित ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर महिला से दुष्कर्म किया, तथा शादी करने की बात से पीछे हट गया और लगातार महिला को धमकी देता रहा।

इसी बीच जुलाई में वह फिर महिला से संपर्क कर उसे वीडियो की धमकी देकर मिलने के लिए बुलाता रहा। महिला के इंकार करने पर वह सात जुलाई को महिला के घर आ घमका और उसके साथ घर में घुसकर अभद्रता करते हुए जबरदस्ती करने की कोशिश की। महिला के शोर मचाने पर मुहल्ले वाले जुटे तो वह फरार हो गया। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : युवती के साथ होटल ले जाकर किया दुष्कर्म, बनाई अश्लील वीडियो, अगली सुबह देने लगा अगवा करने की धमकी..

नवीन समाचार, रुद्रपुर, 27 जून 2021। ऊधमसिंह नगर जनपद के मुख्यालय रुद्रपुर के भदईपुरा मोहल्ला निवासी युवती के साथ दुष्कर्म करने व दुष्कर्म का वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। आरोपों के अनुसार आरोपित ने वारदात की अगली सुबह पीड़िता को पुलिस से शिकायत करने पर वीडियो वायरल करने और अगवा कर लेने की धमकी भी दी है। पीड़िता के पिता ने पुलिस से आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस जांच कर रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भदईपुरा, वार्ड नंबर 16 निवासी एक युवक कई सालों से पीड़िता को परेशान कर छेड़छाड़ कर रहा है। कई बार युवक को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं मानता है। आरोप है कि इधर 25 जून को वह जबरन युवती को शहर के एक होटल में ले गया और उससे दुष्कर्म किया। साथ ही उसकी वीडियो भी बनाई। यही नहीं 26 जून की सुबह आरोपित घर के बाहर खड़े होकर धमकी देने लगा कि पीड़िता को अगवा कर ले जाएगा। पीड़िता के पिता ने पुलिस को तहरीर देकर आरोपित युवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सीओ सिटी अमित कुमार ने बताया कि जांच की जा रही है। इसके बाद आरोपित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। (डॉ.नवीन जोशी) आज के अन्य ताजा ‘नवीन समाचार’ पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

यह भी पढ़ें : किशोरी से दुष्कर्म, अश्लील विडियो भी बनाई, अब दुष्कर्मी दे रहा वीडियो वायरल करने की व उसकी मां की हत्या करने की धमकी..

नवीन समाचार, देहरादून, 30 मई 2021। ऊधमसिंह नगर जनपद के किच्छा में वार्ड नंबर 12 स्थित एक बुटीक में बुटीक संचालिका की गैरमौजूदगी में उसके भाई द्वारा वहां सिलाई सीखने आने वाली पुलभट्टा थाना अंतर्गत रहने वाली एक किशोरी से दुष्कर्म करने और अश्लील वीडियो बनाने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि आरोपी किशोरी को उसकी अश्लील वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर बदनाम करने की धमकी भी दे रहा है। शिकायत करने पर आरोपित की मां ने भी बेटे का पक्ष लेते हुए किशोरी को हत्या की धमकी दी है। शिकायत मिलने पर किच्छा पुलिस ने आरोपित मां-बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल करवाया है।

शिकायत के अनुसार महिला का बुटीक कोविड कर्फ्यू के बाद से घर के प्रथम तल से चल रहा है। आरोप है कि करीब दो माह पूर्व जब महिला किसी काम से बाजार गई थी इसी दौरान बुटीक संचालिका के भाई मिसवाल कुरैशी पुत्र इकबाल निवासी वार्ड नंबर 12 किच्छा ने किशोरी को दबोच लिया, और उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर हैवानियत की, और उसकी अश्लील वीडियो बना ली। आरोपी को उसके परिवार का भी साथ मिला, इससे उसकी हिम्मत बढ़ी और वह किशोरी को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आए दिन दुष्कर्म करने लगा।

इससे घबराई किशोरी गुमशुम रहने लगी। परिजनों द्वारा काफी पूछने पर उसने घटना का खुलासा किया, इसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने आरोपित मां-बेटे के खिलाफ पॉक्सो, धारा 376 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली किच्छा चंद्रमोहन सिंह ने जांच व मेडिकल रिपोर्ट के बाद जल्द आरोपितों की गिरफ्तारी करने की बात कही है।

यह भी पढ़ें : थाना तल्लीताल क्षेत्र में विवाहिता के साथ गांव के ही युवक ने गाड़ी में किया दुष्कर्म…

-रात्रि भर गाड़ी में बंद रखा, सुबह मुक्त हुई, बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी
नवीन समाचार, नैनीताल, 14 मार्च 2021। थाना तल्लीताल क्षेत्र अंतर्गत एक महिला के साथ पड़ोसी गांव के युवक के द्वारा गाड़ी में बलात्कार किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता व आरोपित दोनों 30-32 की उम्र के हैं तथा शादीशुदा और बाल-बच्चेदार हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना तल्लीताल के दूरस्थ गांव निवासी पीड़िता गत 11 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन आरोपित युवक के साथ उसके वाहन में नैनीताल घूमने आई थी। वापसी में आरोपित युवक ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया और थाना तल्लीताल क्षेत्र में ही गाड़ी में उसके साथ दुराचार किया। इसके बार आरोपित अमानवीयता की हदें पार कर बेहोश व दुष्कर्म पीड़िता को रात्रि में गाड़ी में बंद कर चला गया। रात्रि भर वह गाड़ी में बंद रही।

सुबह लोगों को पता चला तो उसे गाड़ी से बाहर निकाला गया। इस बीच आरोपित उसके साथ हुई वारदात की बात किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दे रहा है। इस सूचना के आधार पर थाना तल्लीताल में आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 342 व 506 के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। थाना प्रभारी विजय मेहता ने बताया कि मामले की विवेचना महिला उपनिरीक्षक पुष्पा को सोंपी गई है।

यह भी पढ़ें : युवक के खिलाफ दर्ज हुआ नाबालिकों का अश्लील वीडियो अपलोड करने पर पोर्नाेग्राफी का मामला..

-बच्चों से संबंधित अश्लील वीडियो इंटरनेट पर अपलोड करने के साथ लाइक और शेयर करना भी कानूनन अपराध
नवीन समाचार, रुद्रपुर, 09 दिसम्बर 2020। ऊधमसिंह नगर जिले में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का छठा व रुद्रपुर कोतवाली में पहला मामला आया है। कोतवाली पुलिस ने आरोपी नीरज भंडारी के खिलाफ भररतीय दंड संहिता की धारा 294 व 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लोइटिड चाइल्ड मिसिंग द्वारा चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सभी मामलों की मॉनिटरिंग की जाती है। इसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कोई भी सामग्री लाइक करना, अपलोड करना या शेयर करना अपराध है। और ऐसा करने वालों के खिलाफ सम्बंधित राज्यों के थानों को रिपोर्ट बना कर भेजी जाती है। इसी कड़ी में ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में भी एजेंसी को चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित मामला मिला था। जिसके बाद साइबर पोर्नोग्राफी एजेंसी द्वारा एससीआरबी नई दिल्ली से पुलिस मुख्यालय एसटीएफ देहरादून को शिकायत एक सीडी के रूप में भेजी गई।

इस सीडी में मौजूद एक वीडियो में एक नाबालिग लड़का और नाबालिग लड़की आपत्तिजनक कृत्य करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को त्रिलोकपुरी, चिल्ला सरोडा खटटर, प्रीत विहार, ईस्ट, नई दिल्ली निवासी नीरज भंडारी पुत्र नंदन सिंह भंडारी द्वारा अपलोड कर शेयर किया गया था। इस मामले में टीम ने आरोपी युवक को रुद्रपुर क्षेत्र में ट्रेस कर देहरादून पुलिस मुख्यालय को शिकायत की थी। मुख्यालय से आये दस्तावेजों के आधार पर साइबर सैल ने जांच कर आरोपी नीरज भंडारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सीओ सिटी अमित कुमार ने बताया कि रुद्रपुर कोतवाली में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले की विवेचना उप निरीक्षक ललित पांडे को सौंपी गई है। विवेचना के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। बताया गया है कि ऊधमसिंह नगर जिले में अब तक चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े पांच मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमेें दो-दो मुकदमे काशीपुर व खटीमा तथा एक मामला पुलभट्टा में दर्ज हुआ है।

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नवीन समाचार, बागेश्वर, 18 नवम्बर 2020। जनपद में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां कुछ लोगों ने घर में घुसकर एक नाबालिग से दुष्कर्म करने का प्रयास किया। विरोध करने पर नाबालिग की नाक काट दी। इतना ही नहीं उसके माता-पिता पर भी हमला कर उनको घायल कर दिया। साथ ही घर में लूट भी की। आरोपों पर राजस्व पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

राजस्व पुलिस के अनुसार काफलीगैर तहसील के एक गांव में सोमवार रात करीब आठ बजे गांव के दो लोगों ने घर में घुसकर 17 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर धारदार हथियार से नाबालिग की नाक काट दी। घटना में नाबालिग की मां और पिता के सिर पर गंभीर चोट आई हैं। तीनों ने जिला अस्पताल पहुंचकर प्राथमिक उपचार कराया। नाबालिग के पिता ने गिरीश परिहार, संजय मनकोटी के खिलाफ राजस्व पुलिस में तहरीर दी है। तहरीर में आरोपियों पर सोने के जेवरों के साथ 20 हजार रुपये की नकदी लूटने का भी आरोप है। मामले में एसडीएम को भी प्रार्थनापत्र देकर कार्रवाई की मांग की गई है। पीड़िता के पिता की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का प्रयास, मारपीट व लूट की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।

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नवीन समाचार, देहरादून, 4 नवंबर 2020। देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में कैसी नई दानवी पीढ़ी पैदा हो रही है। राज्य की राजधानी में बीते 24 घंटों में चार वर्ष की दो बच्चियों के साथ 9 व 12 वर्षीय दो बच्चों के द्वारा दुष्कर्म किए जाने के मामले प्रकाश मंे आये हैं। पहली घटना राजधानी के कैंट कोतवाली क्षेत्र की है। यहां चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाला खुद भी 12 साल का नाबालिग है। कैंट कोतवाली पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इंस्पेक्टर विद्याभूषण नेगी के अनुसार आइएमए के निकट सीआर कैंप में सैनिकों के परिवार रहते हैं। बीते 31 अक्टूबर को यहां रहनी वाली महिला अपनी चार साल की बच्ची को घर पर छोड़कर कहीं काम से गई थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला बच्चा उसके घर पर पहुंचा और बच्ची को कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। इस दौरान बच्ची की मां घर पहुंची और दरवाजा बंद होने पर उन्हें शक हुआ। उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो काफी देर तक दरवाजा नहीं खुला। कुछ देर बाद जब दरवाजा खुला तो एक बच्चा तेजी से भाग गया। महिला ने जब बच्ची से पूछा तो बच्ची ने पूरी कहानी बताई। महिला ने इस संबंधी तहरीर पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

वहीं दूसरी घटना थाना सहसपुर क्षेत्र के एक गांव की है। यहां नौ साल के बच्चे द्वारा चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बच्ची की मां ने सोमवार देर सायं पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार महिला ने बताया कि सोमवार को घर के पास ही स्थित खेत में उसकी चार साल की बच्ची खेल रही थी, इसी दौरान नौ साल के बच्चे ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। थाने के दारोगा नरेंद्र गहलावत के अनुसार मंगलवार को दोनों को मेडिकल के लिए देहरादून भेजा गया। इसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करने जा रही है।

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नवीन समाचार, देहरादून, 14 अगस्त 2020। द्वाराहाट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर एक फौजी की व्याहता पत्नी ने एक वीडियो जारी करके विधायक से सबंध और उनसे बेटी होने का दावा किया है। उसका यहां तक कहना है कि उसकी बेटी का डीएनए उसके पति से नहीं मिला है। अब वह अपनी बेटी के पिता का पता लगाने के लिए डीएनए जांच की मांग करेगी। वहीं विधायक की पत्नी ने नेहरू कॉलोनी थाने में एक महिला समेत चार लोगों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज कराया है।

आरोप है कि ये लोग विधायक को दुष्कर्म में फंसाने और बेटे को जान से मारने की धमकी देकर पांच करोड़ मांग रहे थे। विधायक की पत्नी का कहना है कि, उनके पति राजनीति में होने के कारण अल्मोड़ा निवासी महिला और उसके परिजनों की मदद करते थे। पर आचरण सही नहीं होने पर महिला और उसके परिवार के लोगों का आना घर में बंद कर दिया था। आरोप है कि, 9 अगस्त को महिला ने फोन पर विधायक को दुष्कर्म के मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। इसके बाद घंटाघर स्थित एक होटल में महिला को बातचीत के लिए बुलाया तो उसने पांच करोड़ की मांग रखी। साथ ही व्हाट्सएप पर रुपये के लेनदेन की बात कही।

रुपये नहीं देने पर विधायक के बेटे को मरवाने की धमकी दी गई। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि महिला, सेना में तैनात उसके पति, मां और भाभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 386 ओर 389 में मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। इधर, महिला का आरोप है कि विधायक के पिछले दो साल से उससे संबंध हैं। जिससे उसकी एक बेटी भी है। बेटी का डीएनए का मिलान उसके पति से नहीं हुआ है। अब वह कोर्ट के जरिए बेटी के डीएनए का मिलान विधायक से करवाएगी।

मामले में विधायक नेगी का कहना है कि पिछले सात-आठ दिन से महिला मुझे और पत्नी को ब्लैकमेल कर रही है। मेरठ और मुजफ्फरनगर के कुछ लोगों के संगठित गिरोह के साथ महिला षड्यंत्र रच रही है। इन्होंने पांच करोड़ की रंगदारी मांगी है। मेरे पास सभी साक्ष्य हैं। महिला पहले यह बताए कि वह किसलिए ब्लैकमेलिंग कर रही है। महिला ने मेरी पत्नी को धमकी दी। इससे मेरी पत्नी की तबीयत खराब हुई है।

यह भी पढ़ें : शर्मनाक: हल्द्वानी के नामी चिकित्सालय के चिकित्सक अपनी ही सात वर्षीय बेटी से दुष्कर्म करने के आरोप में भाई सहित जेल गये

-पत्नी ने ही करीब दो वर्ष पूर्व लगाया था बेटी के साथ 10 दिन से अधिक समय तक दुष्कर्म करने का आरोप, अब जांच के बाद हुई है गिरफ्तारी
नवीन समाचार, हल्द्वानी, 19 जून 2020। हल्द्वानी के बड़े चिकित्सालयों में शामिल जगदम्बा नगर स्थित हॉस्पिटल के एमडी-मेडिसिन, डीएम-कार्डियोलॉजी यानी वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. यतीन्द्र मोहन बहुगुणा एवं उनके भाई को हल्द्वानी पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद बीती शाम न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। मामले में सबसे बड़ी शर्मनाक बात यह है कि चिकित्सक पर उनकी ही पत्नी ने अपनी ही सिर्फ सात वर्ष की नाबालिक मासूम बेटी के साथ 10 दिन तक शराब पीकर दुष्कर्म करने का घिनौना आरोप लगाया था। इसी मामले में डा. बहुगुणा की मुख्य आरोपी के तौर पर भाई की साथ देने के आरोप में गिरफ्तारी हुई है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला करीब दो वर्ष पहले तब से चल रहा है जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में रेजीडेंट चिकित्सक के पद पर तैनात डा. बहुगुणा की पत्नी की तहरीर पर डा. बहुगुणा पर सात साल की मासूम बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए बनारस के लंका थाने में दुष्कर्म, मारपीट और पाक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया था। मामले का घटना स्थल हल्द्वानी बताया गया था, इसलिये जांच हल्द्वानी पुलिस के पास आ गयी थी। यहां महिला उप निरीक्षक गुरविंदर कौर इस मामले की जांच कर रही थीं। उन्होंने ही कल डा. बहुगुणा के साथ ही उनके भाई को उनका साथ देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से दोनों चिकित्सक भाइयों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

वर्ष 2018 में मीडिया में आई डा. बहुगुणा की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर के अनुसार महिला बीएचयू में सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर थीं। उनकी शादी हल्द्वानी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. यतीन्द्र मोहन बहुगुणा से हुई थी। वह अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ बनारस में ही रहती थी, जबकि पति हल्द्वानी में रहता थे। गर्मी की छुट्टी होने पर 23 मार्च 2018 को महिला ने बेटी को पति के पास हल्द्वानी रहने के लिए भेजा। वहां पिता ने बेटी के सामने ही शराब पीने के बाद गलत हरकत शुरू कर दी। डॉक्टर दस दिनों से अधिक समय तक बेटी के साथ गंदी हरकत करता रहा। पिता के कृत्य से तंग बेटी एक दिन रोने लगी तो चिकित्सक ने फोन करके मां से बेटी को बनारस ले जाने कहा। इसके बाद मां हल्द्वानी पहुंची तो बेटी उससे लिपटकर रो पड़ी। इस पर एक दिन बाद महिला रेजीडेंट उसे लेकर बनारस चली आईं।

बनारस आने के बाद बेटी ने मां को आपबीती बताई, जिसको सुनकर वह अवाक रह गईं। बेटी ने बताया कि पापा अश्लील हरकत करते थे। एक दिन वह रोने लगी तो पापा ने उसे काफी पीटा। बेटी के अनुसार पापा कहते थे कि ऐसी लड़की से कौन शादी करेगा। पति को फोन करके जब महिला ने उनके कृत्य का विरोध किया तो पति उल्टे किसी से न बताने की बात कहकर धमकी देने लगा। तब महिला डॉक्टर ने लंका थाने पर पति के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने दुष्कर्म के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 506 व 376 तथा 5/6 पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके सितंबर 2019 में जांच हल्द्वानी पुलिस को भेज दी।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड : नामी बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा से गैंगरेप के मामले में दोषी छात्र को 20 व स्कूल प्रबंधकों को 9-9 साल की जेल की सजा, 10 लाख का जुर्माना भी

नवीन समाचार, देहरादून, 4 फरवरी 2020। करीब डेढ़ साल पहले 14 अगस्त, 2018 को देहरादून के एक नामी बोर्डिंग स्कूल में पॉर्न विडियो दिखाकर स्कूल के ही चार छात्रों ने 16 साल की नाबालिग छात्रा से गैंगरेप किया था। बाद में स्कूल प्रबंधन ने मामले को छुपाते हुए पीड़िता के परिजनों को बताए बिना उसका गर्भपात तक करवा दिया है। स्थिति यह थी कि मीडिया में मामला आने तक पीड़िता के घरवाले भी उसके साथ हुए जघन्य अपराध से अनजान थे। इस मामले में गैंगरेप की शिकार हुई छात्रा को आखिरकार स्पेशल पॉक्सो कोर्ट से न्याय मिल गया है। देहरादून के सहसपुर क्षेत्र के भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में पिछले साल अगस्त महीने में हुई शर्मनाक घटना में सोमवार को दोषी छात्र सरबजीत को 20 साल की सजा सुनाई है। मामले में स्कूल के चार छात्रों और स्कूल प्रबंधन को मामले को छिपाने के लिए साजिश करने का दोषी भी पाया गया है। दोषी छात्रों में से 3 नाबालिग हैं, उन्हें तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है।

कोर्ट ने सरकारी गवाह बन गई आया को बरी कर दिया है। विशेष पॉक्सो जज रमा पांडेय की अदालत ने स्कूल की डायरेक्टर लता गुप्ता, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी दीपक, उनकी पत्नी तनु को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए सभी को 9-9 साल की सजा सुनाई। प्रिसिंपल जितेंद्र शर्मा को भी ढाई साल की सजा सुनाई गई है। उसे कोर्ट से जमानत भी मिल गई है। स्कूल प्रबंधन को सबूत छिपाने, साजिश और गर्भपात कराने में दोषी मानते हुए कोर्ट ने 10 लाख का जुर्माना भी लगाया। जुर्माने की इस राशि को पीड़िता को दिया जाएगा। इस मामले में दोषी तीनों नाबालिग छात्रों पिछले साल किशोर न्याय बोर्ड ने बरी कर दिया था। सोमवार को पॉक्सो कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद तीन दिन के अंदर तीनों को किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं।

मालूम हो कि बोर्डिंग स्कूल में सितंबर 2018 में यह मामला सामने आने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ था। इस गैंगरेप की शिकायत पीड़ित छात्रा ने स्कूल प्रबंधन से की थी, लेकिन प्रबंधन ने न सिर्फ इसे छिपाया बल्कि छात्रा पर भी चुप रहने का दबाव डाला। मामले के सरकारी वकील जेपी रतूड़ी ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से जहां पीड़िता को इंसाफ मिलेगा वहीं, ऐसे स्कूलों के लिए भी यह सबक बनेगा।

यह भी पढ़ें : इसे कहते हैं कुदरत का न्याय: दुष्कर्मियों को अब कुदरत देगी सजा: भुगतेंगे तीन दुष्कर्मी अधेड़, जिस युवक से कुकर्म किया-उसे था एड्स

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 2 दिसंबर 2019। रविवार को हल्द्वानी में रानीखेत एक्सप्रेस में गुजरात निवासी जो युवक दुष्कर्म के बाद बेहद बुरी-मलाशय से जबर्दस्त रक्तश्राव होने की स्थिति में और बेहोश मिला था, उसकी मेडिकल जांच में उसे एड्स होने की पुष्टि हुई है। ऐसे में अब उसके साथ दुष्कर्म करने वाले चार अधेड़ों को कुदरत से न्याय मिलना भी निश्चित लगता है।

उल्लेखनीय है कि रविवार को हल्द्वानी पहुंची रानीखेत एक्सप्रेस ट्रेन की बर्थ पर बेहोशी की हालत में एवं शरीर से रक्तस्राव होने की स्थिति में मिले युवक का अभी भी डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में उपचार चल रहा है। युवक द्वारा होश में आने पर बताई गई कहानी के अनुसार गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाला यह युवक किसी काम से राजस्थान के जयपुर गया था। जहां उससे 50-55 साल के तीन अधेड़ों ने चाय में नशीला पदार्थ खिलाकर कुकर्म किया और दूसरी ट्रेन में डाल दिया।

इधर मेडिकल चौकी प्रभारी कैलाश नेगी ने पत्रकारों को बताया कि एसटीएच में जब चिकित्सकों से उसका मेडिकल परीक्षण कराया तो उसमें युवक को एड्स होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि युवक का मोबाइल फोन आरोपियों द्वारा लूट लिये जाने के चलते किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। युवक अभी इस स्थिति में नहीं है कि उससे अधिक पूछताछ की जा सके। युवक द्वारा बताये गये नाम-पते के आधार पर अहमदाबाद पुलिस से संपर्क कर उसके परिजनों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

बहरहाल इस मामले में अभी तक पुलिस को तहरीर नहीं सौंपी गई है। वहीं एसआई कश्मीर सिंह का कहना है कि चूंकि घटनास्थल जयपुर का होना बताया गया है। इसलिए पीड़ित को जयपुर पुलिस में ही तहरीर देनी होगी। बहरहाल, यदि उसे एड्स है तो उसके दुष्कर्मियों को न्यायिक व्यवस्था से भले जो सजा मिले, लेकिन कुदरत से सजा मिलना तय लगता है।

यह भी पढ़ें : अब हवशियों से युवक भी सुरक्षित नहीं, ट्रेन में तीन अधेड़ों ने किया सामूहिक दुष्कर्म, हल्द्वानी पहुंचा पीड़ित युवक

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 1 दिसंबर। हद है। अब हवशियों से युवक भी सुरक्षित नहीं रहे। गुजरात के अहमदाबाद से जयपुर किसी काम से गए एक 29 वर्षीय युवक से जयपुर में तीन अधेड़ हवश में अंधों ने नशीला पदार्थ खिलाकर न सिर्फ दुष्कर्म किया बल्कि उसके साथ मारपीट व लूटपाट करने के बाद उसे स्टेशन पर खड़ी रानीखेत एक्सप्रेस में डाल कर फरार हो गए। रविवार सुबह युवक लगभग बेहोशी की हालत में हल्द्वानी स्टेशन पर पहुंचा। उसे पहले बेस चिकित्सालय में भर्ती कराया लेकिन उसकी हालत लगातार खराब होती देख चिकित्सकों ने उसे एसटीएच के लिए रेफर कर दिया है। चिकित्सकों के अनुसान उसके शरीर से रक्तस्राव थम नहीं रहा है। हालांकि युवक को अब होश आ गया है।

मिली जानकारी के अनुसार आज सुबह हल्द्वानी स्टेशन पर पहुंची रानीखेत एक्सप्रेस में एक बर्थ पर पड़े पाए गए युवक को आपात सेवा 108 के माध्यम से बेस चिकित्सालय पहुंचाया गया। जहां से स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने हल्द्वानी कोतवाली को मामले की जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो युवक बेहोश था। काफी देर बाद युवक को होश आया तो उसने जो कहानी सुनाई वह हैरान कर देने वाली थी। युवक के अनुसार वह गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला है और किसी काम से राजस्थान के जयपुर गया था। जहां उसे 50-55 साल के तीन अधेड़ मिले जिन्होंने उसे चाय पीने को दी। इसके बाद उसे बेहोशी छाने लगी।

इस बीच तीनों अधेड़ उसे जयपुर स्टेशन पर खड़ी एक ट्रेन में लेकर गए। जहां उससे मारपीट कर उसका मोबाइल फोन व अन्य सामान छीन लिया। बाद में तीनों से बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। काफी देर तक दुष्कर्म करने के बाद तीनों उसे दूसरी ट्रेन में बिठाकर भाग गए। युवक के अनुसार वह पीड़ा-रक्तस्राव व नशीली दवा के प्रभाव की वजह पूरी तरह से बेहोश हो गया। अब जब उसे होश आया तो वह चिकित्सालय में है। चिकित्सकों ने बेस चिकित्सालय में उसका प्राथमिक उपचार किया और हालत में सुधार न होते देख उसे एसटीएच के लिए रेफर कर दिया है।

यह भी पढ़ें : बेटी से बलात्कार कर वोट देने गढ़वाल स्थित गांव चला गया था आरोपित पिता, हुआ गिरफ्तार

नवीन समाचार, नैनीताल, 17 अक्टूबर 2019। भीमताल थाना पुलिस ने अपनी पुत्री से बलात्कार करने के आरोपित पिता को उसके गढ़वाल स्थित गृह स्थान से गिरफ्तार कर लिया है। मालूम हो कि गत 25 सितंबर की रात नगर के ब्लॉक कार्यालय क्षेत्र में रहने वाली एक 11 साल की बच्ची के साथ उसके पिता ने बलात्कार किया था। 26 सितंबर को आरोपी के खिलाफ थाने में पॉस्को अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

घटना के बाद आरोपी फरार चल रहा था और पुलिस लगातार संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। आरोपी गढ़वाल क्षेत्र का होने के चलते पुलिस उसके गांव में भी नजर बनाये हुए थी। पुलिस ने अपने मुखबिरों को भी इस संबंध में सूचना देने को कहा था। बीते बुधवार को आरोपी गांव में वोट देने पहुंचा था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम के साथ वहां पहुंची और उसे घर से गिरफ्तार कर लिया। एसओ कैलाश जोशी ने बताया कि आरोपी कल अदालत में पेश किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : बिन ब्याही मां बनी किशोरी ने कहा, ‘जो बच्ची को अपनायेगा, उसी से करूंगी शादी..’

नवीन समाचार, बरेली, 2 अक्तूबर 2019। अपने करीबी रिश्तेदार द्वारा दुष्कर्म किये जाने के बाद बिन ब्याहे ही मां बनी किशोरी ने बाल कल्याण समिति के समक्ष अपनी नवजात बिटिया को किसी को देने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही यह ऐलान करके बाल कल्याण समिति के सदस्यों को भी चौंका दिया कि वह बच्ची को खुद पालेगी और उस व्यक्ति के शादी करेगी जो उसकी बच्ची को अपनाने को तैयार होगा।

बताया गया है कि पिछले सप्ताह ही फरीदपुर सीएचसी में एक ग्रामीण किशोरी ने दुष्कर्म के बाद बेटी को जन्म दिया था। बेटी की परवरिश को लेकर उसे उसकी बड़ी बहन और पिता सोमवार को बाल कल्याण समिति में लाये थे। यहां उसने साफ कहा, ‘जो मेरी बेटी को अपनाएगा, मैं उसी युवक के साथ शादी करूंगी।’ उसके परिवार वालों ने भी बच्ची की परवरिश करने की इच्छा जताई। इस पर नवजात बच्ची बिन ब्याही मां को सौंप दी गई। काउंसलिंग के दौरान बाल कल्याण समिति की मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा ने किशोरी से बच्ची का नाम पूछा। किशोरी ने मजिस्ट्रेट से ही बच्ची का नाम रखने को कहा।

मजिस्ट्रेट ने नवजात का नाम दुर्गा रख दिया। बाल कल्याण समिति ने नवजात बच्ची को सरकार की कन्या सुमंगला योजना का लाभ दिलाने के आदेश दिए हैं। टीकाकरण से लेकर उच्च शिक्षा हासिल करने तक बिटिया सरकार को आर्थिक मदद देगी। वहीं दुष्कर्म करने वाले के नाम पर किशोरी ने परिवार टूटने का डर बताते हुएचुप्पी साध ली। अलबत्ता आंसुओं के साथ किसी करीबी रिश्तेदार की ओर इशारा किया।

यह भी पढ़ें : राइंका के प्रधानाचार्य पर छात्रा ने लगाया छेड़खानी का आरोप, मामले में दोनों और से राजनीति भी…

-पूरे दिन ग्रामीणों ने किया तहसील में कार्रवाई की मांग पर प्रदर्शन, देर शाम हुई रिपोर्ट दर्ज

नवीन समाचार, धानाचूली, 22 जुलाई 2019। जनपद के दूरस्थ ओखलकांडा विकास खंड के राजकीय इंटर कॉलेज खनस्यू के प्रधानाचार्य पर विद्यालय की ही एक छात्रा ने छेड़खानी का सनसनीखेज आरोप लगाया है। इससे शिक्षक समाज एक बार फिर से शर्मसार व कलंकित हो गया है। प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्यवाही की माग को लेकर ग्रामीण दिन भर तहसील मुख्यालय में जमे रहे, जिसके बाद देर शाम को राजस्व पुलिस में आरोपित प्रधानाचार्य के खिलाफ खेड़खानी की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले में राजनीति का घालमेल भी देखने को मिला। बताया गया है कि आरोपित की पत्नी राजनीति में हैं और अच्छे पद पर भी हैं। इसलिए आरोपित के खिलाफ कार्रवाई करने और न करने को लेकर दोनों ओर से दबाव भी देखा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राइंका खनस्यू के प्रधानाचार्य कुंदन सिह नयाल पर विद्यालय की कक्षा 12 की एक छात्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए तहसील खनस्यू में लिखित सूचना दी। जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। राजस्व उप निरीक्षक मोहम्मद शकील अहमद ने पीड़ित छात्रा के हवाले से बताया कि प्रधानाचार्य ने उसे बीती 20 जुलाई यानी शनिवार को कन्या धन के फार्म में आय प्रमाण पत्र लगाने की बात को लेकर अपने ऑफिस में बुलाया। जिस पर उसने दो-चार दिन में आय प्रमाण पत्र देने की बात कही। इस बीच प्रधानाचार्य कुंदन सिह ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर प्यार जताने लगा। छात्रा ने विरोध किया तो वह किसी को ना बताने की बात कहने लगा। छात्रा ने अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई, तो सोमवार को पट्टी बिश्जुला में एफआईआर दर्ज करा दी गई। राजस्व उप निरीक्षक शकील अहमद ने बताया कि भादंसं की धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इससे पूर्व दिन भर तहसील खनस्यू में आरोपित प्रधानाचार्य के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा।

यह भी पढ़ें : 6 वर्ष की बच्ची के साथ नशेड़ी ने किया दुष्कर्म..

नवीन समाचार, देहरादून, 15 जुलाई 2019। देहरादून के रायवाला थाना क्षेत्र में छह साल की बच्ची से एक नशेड़ी के द्वारा दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित के परिजनों की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। इस प्रकरण से आक्रोषित लोगों ने थाने पर पहुंचकर हंगामा भी किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून के रायवाला थाना क्षेत्र निवासी एक मात्र 6 वर्षीया मासूम बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान एक अज्ञात युवक बच्ची को बहला फुसलाकर ले गया। युवक ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। रोते बिलखते बच्ची घर पहुंची। पीड़ित के परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी और बच्ची का मेडिकल कराया। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई। देर रात्रि पुलिस ने आरोपी युवक सन्नी थाना निवासी नई बस्ती मोतीचूर को गिरफ्तार कर लिया है।आरोपी सन्नी थाना नारियल बेचने का कार्य करता है, और नशे का आदी बताया जा रहा है। पुलिस ने घटना के संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

यह भी पढ़ें : नाबालिग से गांव के ही 37 वर्षीय व्यक्ति ने कई बार किया दुष्कर्म, गर्भपात भी कराया, मामला दर्ज

नवीन समाचार, चौखुटिया (अल्मोड़ा), 5 जुलाई 2019। क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग लड़की के साथ गांव के ही एक 37 वर्षीय व्यक्ति द्वारा लंबे समय से दुष्कर्म करने और उसके गर्भवती होने पर उसका जबरन गर्भपात कराने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया गया है कि पहले पीड़िता के पिता को धमकियां देकर मामले को दबा दिया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार 37 वर्षीय आरोपित ने किशोरी के साथ अक्टूबर 2018 से फरवरी 2019 तक कई बार दुष्कर्म किया। इस दौरान वह गर्भवती हो गई। बाद में उसका जबरन गर्भपात करा दिया गया। इसमें आरोपित के भाई सहित कुछ अन्य लोगों ने भी साथ दिया। पुलिस ने मामला पंजीकृत कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

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नवीन समाचार, कालाढूंगी, 3 जुलाई 2019 । कालाढूंगी पुलिस ने एलआईयू के एक दरोगा के खिलाफ शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। दरोगा पिथौरागढ़ जिले में तैनात है। बताया गया है कि दरोगा कालाढूंगी क्षेत्र की एक युवती के संपर्क में था। शादी के लिए दोनों के बीच पिछले साल बातचीत भी चल रही थी लेकिन कुंडली न मिलने पर दरोगा के परिवार ने शादी से इनकार कर दिया। इसी बात को लेकर युवती और दरोगा के बीच अनबन हो गई। कुछ लोगों ने इस मामले में समझौता कराने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन सकी। युवती ने कालाढूंगी थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि दरोगा ने शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया है। अब शादी करने से इनकार कर रहा है। कालाढूंगी थानाध्यक्ष शांति कुमार गंगवार ने बताया कि इस मामले में दरोगा के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस दरोगा का नाम उजागर करने से इनकार कर रही है।

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नवीन समाचार, सितारगंज, 29 जून 2019। सितारगंज के इस्लाम नगर क्षेत्र में एक सात वर्षीय बालक के साथ दो 14 वर्षीय किशोरों के द्वारा घर से बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। किशोर नशेड़ी भी बताये गये हैं। बताया गया है कि किशोरों ने सुनसान स्थान पर बालक के साथ कुकर्म किया। इससे बालक की तबीयत खराब हो गई। उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। उसने परिजनों को किशोरों की करतूत के बारे में जानकारी दी। परिजनों ने नशेड़ी किशोरों के खिलाफ पुलिस को नामजद तहरीर दी, जिस पर पुलिस ने दोनों आरोपित किशोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस किशोरों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है। कोतवाल सुधीर कुमार ने बताया कि मेडिकल जांच में कुकर्म की पुष्टि हो गई है। गिरफ्तारी के बाद किशोरों को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाएगा।

यह भी पढ़ें : बैंक चेयरमैन सहित उसके 3 साथियों पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर पिछले 4 वर्षों से युवती का शारीरिक शोषण करने का आरोप..

नवीन समाचार, काशीपुर, 27 जून 2019। उत्तराखंड के काशीपुर में ग्राम भीमनगर निवासी एक महिला ने डीआईजी को भेजे पत्र में एक बैंक के चेयरमैन सहित उसके चार साथियों पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर पिछले चार वर्षों से उसका शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का कहना है कि इस संबंध में एसएसपी ऊधमसिंह नगर और काशीपुर पुलिस को तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।

महिला ने कहा कि 16 सितंबर 2015 को बैंक का चेयरमैन मीटिंग के बहाने उसे रामनगर स्थित होटल में ले गया। वहां उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने इस संबंध में एसएसपी ऊधमसिंह नगर से शिकायत की। आरोप है कि बैंक चेयरमैन, उसके साथी ग्राम प्रधान और दो अन्य ने उसके बेटे का अपहरण कर लिया और उसके परिवारजनों को दबाव में लेकर झूठा शपथपत्र बनवा लिया। इसी आधार पर पुलिस से उनके पक्ष में जांच रिपोर्ट लगा दी। पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

यह भी पढ़ें : सगी मौसेरी बहन से बलात्कार के दोषी भाई से पति बने आरोपित को सात वर्ष की सजा

-ज्योलीकोट के गांव गांजा का दो वर्ष पुराना मामला, दिन में बलात्कार के बाद रात्रि में निकाह किया, किंतु विदा कर नहीं ले गया, बावजूद न्यायालय में पीड़िता को विवाहिता पत्नी बताकर बलात्कार से इंकार कर की गयी गुमराह करने की कोशिश
नवीन समाचार, नैनीताल, 13 जून 2019। जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने दो वर्ष पुराने बलात्कार के एक ऐसे मामले में आरोपित को सात वर्ष की जेल की सजा सुनाई है, जिसने अपनी सगी मौसेरी बहन से दिन में बलात्कार किया, और रात्रि में साजिशन निकाह कर लिया, किंतु उसे विदा कर अपने घर नहीं लाया। मामले में पुलिस की भूमिका भी दोषी ठहराये गये बलात्कारी युवक के पक्ष में रही। मामला उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय तक गया, जहां युवक ने पीड़िता को अपनी ब्याहता पत्नी बताकर बलात्कार के आरोप को औचित्यहीन बताते हुए न्यायालय को गुमराह करने की भी असफल कोशिश की। युवक पहले से विवाहित भी बताया जा रहा है।
जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार शर्मा ने मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए न्यायालय को बताया कि दो जनवरी 2017 को दिन में साढ़े 11 बजे निकटवर्ती ज्योलीकोट के ग्राम गांजा में जब पीड़िता के परिजन एक विवाह कार्यक्रम में गये थे, पड़ोस में रहने वाले सगे मौसेरे भाई यानी मां की बहन के बेटे अरमान सिद्दीकी ने उसे घर में अकेला पाकर जबर्दस्ती घर में घुसकर उससे बलात्कार किया। परिजन सूचना मिलने पर घर लौटे और ज्योलीकोट पुलिस चौकी में शिकायत करने पहुंचे किंतु तत्कालीन चौकी प्रभारी ने पीड़िता के परिवार को सामाजिक निष्कासन व मान-मर्यादा का भय दिखाकर रिपोर्ट नहीं लिखी। इसी रात्रि चौकी प्रभारी की मौजूदगी में मौलाना ने पीड़िता व अरमान का निकाह करवा दिया, लेकिन विदाई की तिथि 4 दिसंबर तय की। इस तिथि पर भी पीड़िता को अपने घर लाने की जगह अरमान फरार हो गया। इसके बाद 5 जनवरी को रिपोर्ट दर्ज की गयी। बाद में मामला पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट भी गया। जहां अरमान ने दलील दी कि पीड़िता उसकी विवाहिता पत्नी है इसलिए बलात्कार का आरोप हटाया जाए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इधर बृहस्पतिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की अदालत ने आरोपित अरमान को बलात्कार के आरोप में धारा 376 के तहत 7 वर्ष की सजा तथा 25 हजार रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न चुकाने पर तीन माह का कारोबार तथा धारा 452 के तहत दो वर्ष की सजा तथा दो हजार रुपए जुर्माना एवं जुर्माना न चुकाने पर एक माह की अतिरिक्त सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद जमानत पर चल रहे आरोपित को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया।

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नवीन समाचार, रुद्रपुर, 27 मई 2019। समाचार में खुलेपन की हवा के बीच उत्तराखंड के रुद्रपुर में दो ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं, जिनसे मानवता शर्मशार हो गयी है। यहां एक कलयुगी नाबालिग भाई ने बाहर पढ़ने वाली अपनी ही सगी बहन से दुष्कर्म की कोशिश करते हुए उसे कमरे में बंद कर उसके कपड़े फाड़ डाले। वहीं एक कलयुगी सौतेले पिता ने अपनी ही बेटी की इज्जत लूटने की कोशिश की।
दुनिया में सबसे पवित्र माने जाने वाले बंधन को ही शर्मशार करते हुए रुद्रपुर के ट्रांजिट कैम्प निवासी सिडकुल की एक कंपनी में काम करने वाले दंपति के 17 साल के बेटे ने दिल्ली में पढ़ने वाली व इधर 10वीं की परीक्षाएं देकर घर आई 15 साल की सगी बहन को रात्रि में आठ बजे, जब मां-पिता दोनों ड्यूटी पर गये थे, जबरन कमरे में ले जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। इस दौरान उसने अपनी छोटी बहन के कपड़े फाड़कर उससे दुष्कर्म करने का प्रयास किया। बहन के शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए। इसी बीच उनके माता पिता भी आ गए। इस पर पिता ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा और मासूम को हैवान बन चूके भाई से बचाया। सूचना मिलने पर ट्रांजिट कैम्प थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे और आरोपित किशोर को गिरफ्तार कर लिया।
वहीं रुद्रपुर में ही एक अन्य घटना में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सौतेले पिता के खिलाफ पुत्री से छेड़खानी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। बताया गया है कि शहर की एक कॉलोनी में रहने वाली महिला ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि पहले पति से विवाद होने के बाद उसने गदरपुर के रजपुरा क्षेत्र निवासी व्यक्ति से विवाह किया था। उसके साथ नाबालिग पुत्री भी रहती है। पति की हरकतों से तंग आकर वह अलग रहने लगी थी। आरोप लगाया है कि सात मार्च को पति ने उसकी पुत्री के साथ छेड़छाड़ की। पति की हरकतों से तंग आकर वह रुद्रपुर में एक कॉलोनी में रहने लगी। आरोप है कि एक दिन उसका पति रुद्रपुर आ गया और बेटी के साथ गलत हरकतें कीं। इसकी शिकायत कोतवाली पुलिस से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

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नवीन समाचार, चम्पावत, 22 मई 2019। चम्पावत जिले के रीठासाहिब के एक गांव में संचालित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक ने छात्रा के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक आरोपी शिक्षक बीते दो माह से कक्षा पांच में पढ़ने वाली अपनी एक छात्रा के साथ अश्लील हरकतें और दुष्कर्म कर रहा था। इस संबंध में पीड़ित छात्रा की मां की तहरीर पर रीठासाहिब पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के साथ ही पाक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि आरोपी शिक्षक स्कूल में बने परिसर में ही रहता है। आरोपी का मेडिकल परीक्षण कर न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।

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नवीन समाचार, मंगलौर (हरिद्वार), 14 अप्रैल 2019। हरिद्वार के रुड़की में मंगलौर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में दुष्कर्म पीड़िता 16 वर्ष की किशोरी ने एक वर्ष से उसके साथ दुष्कर्म कर रहे अपने साथी के खिलाफ 4 दिन पहले कोतवाली में तहरीर दी थी, और अब उसका शव उसके घर के पंखे पर लटका हुआ मिला है। जब परिवार के लोग बाहर से घर लौटे तो वह घर के कमरे में लगे पंखे में दुपट्टे से बने फंदे पर लटकी हुई मिली। घटना की सूचना पर कोतवाल प्रदीप चौहान, शहर चौकी प्रभारी आमिर खान और विवेचक उप निरीक्षक रेखा पाल वहां पहुंचे। पुलिस ने शव नीचे उतारा। पुलिस को 4 लाइन का पत्र वहां से मिला, जिसे पुलिस सुसाइड नोट और मौत को आत्महत्या मान रही है। इसमें लिखी बातों के बारे में पुलिस कुछ भी कहने से इनकार कर रही है, और युवक की तलाश में जुटी हुई है.
कोतवाल प्रदीन चौहान ने कहा कि 10 अप्रैल को एक 16 साल की बच्ची ने कोतवाली में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक युवक पर शादी का झांसा देकर एक साल तक दुराचार किया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस की जांच चल रही थी. लेकिन इसी बीच यह सूचना मिली की दुष्कर्म की पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कोतवाल ने आगे कहा कि घटना के बाद पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है. जांच पड़ताल में जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में नैनीताल की युवती के साथ 3 युवकों ने किया गैंगरेप

नवीन समाचार, लखनऊ 6 मार्च 2019। यूपी की राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में नैनीताल की एक युवती के साथ तीन युवकों ने गैंगरेप लखनऊ: ठाकुरगंज में नैनीताल की युवती से 3 युवकों ने किया गैंगरेपका मामला प्रकाश में आया है। युवती लखनऊ में एक कैटरिंग ठेकेदार के यहां वेटर का काम करती है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार युवती मंगलवार देर रात्रि मोहनलालगंज क्षेत्र से ड्यूटी के बाद अपने घर लौट रही थी। दुबग्गा स्थित मछली मंडी के पास ऑटो से उतरकर वह पैदल अपने घर जा रही थी, तभी तीन युवक उसे अगवा कर जंगल में घसीट कर ले गए और विरोध करने पर बेरहमी से पिटाई करते हुए तीनों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म कर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। बाद में आरोपी युवती को बदहवास हालत में सड़क के किनारे फेंककर भाग निकले। राहगीरों ने बेसुध हालत में पड़ी युवती के बारे में ठाकुरगंज पुलिस को सूचना दी। वहीं देर रात युवती ने एक युवक को पहचानने का दावा करते हुए युवकों के खिलाफ तहरीर दी है। युवती ने पुलिस को बताया कि उसे अगवा करने वाले दो युवकों ने जींस टी-शर्ट और एक ने कुर्ता पहन रखा था। इंस्पेक्टर ठाकुरगंज ने बताया कि नैनीताल निवासी पीड़िता लखनऊ के बसंत कुंज योजना में अपने सहेली के साथ रहती है। उसके परिवार से संपर्क किया जा रहा है। उसे मेडिकल के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। युवती की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दी है।

यह भी पढ़ें : मदरसे पढ़ने गई सात साल की मासूम के साथ हुआ दुष्कर्म

नवीन समाचार, रुड़की, 4 मार्च 2019। बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही  हैं। मदरसे में पढ़ने गई सात साल की मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। आशंका जताई जा रही है कि मदरसे से लौटने के बाद किसी दरिंदे ने उसे हवस का शिकार बनाया होगा। मासूम को गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सकों ने मेडिकल के बाद दुष्कर्म की पुष्टि की है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सात साल की बच्ची शनिवार को मदरसे में पढ़ने गई थी। शाम को जब वह घर लौटी तो बदहवास हालत में थी। उसकी हालत देख परिजनों को अनहोनी की आशंका हुई। परिजनों ने जानने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह बहुत डरी थी और कुछ बता नहीं पा रही थी।  इसके बाद परिजन उसे रुड़की के एक अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर देख हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने उसे एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि की। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ पोक्सो समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाली प्रभारी प्रदीप चौहान का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर घटना की गंभीरता से जांच की जा रही है। कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड के इस ‘नरपिशाच’ को बच्चियों से दुष्कर्म-हत्या के 10वें मामले में भी मौत की सजा

नवीन समाचार, गाजियाबाद (आईएएनएस), 2 मार्च 2019। नोएडा के निठारी गांव में बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के नौ मामलों में मौत की सजा पा चुके सुरेंद्र कोली को शनिवार को दुष्कर्म और हत्या के दसवें मामले में भी मौत की सजा सुनाई गई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने नोएडा के उद्योगपति मोनिंदर सिंह पंधेर के नौकर कोली के खिलाफ यह सजा सुनाई। ज्ञात हो 2005-06 में 16 लड़कियों की दुष्कर्म के बाद हत्या व कुछ मामलों में नरभक्षण के दोषी कोली को इससे पहले नौ मामलों में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। तीन मामलों में पंधेर भी आरोपी था और उसे भी मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में उसे बरी कर दिया। ज्ञात हो दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी गांव में पंधेर के घर के पीछे नाले से मानव-अवशेष मिलने पर जघन्य हत्याओं का यह मामला प्रकाश में आया था।

उल्लेखनीय है कि सुरेंद्र कोली मूलतः उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के पौड़ी गढ़वाल की सीमा के निकट मुंगरूखाल गांव का रहने वाला है। उसकी मां कुुंती देेेवी का कहना है कि जिस मालिक (पंधेर) के घर पर वह काम करता था उसे भी तो फांसी होनी चाहिए। वह पैसे वाला है इसलिए वह बच गया। सुरेंद्र कोली की मां कुंती देवी बताती है कि 9 साल पहले पुलिस ने उसे पकड़ लिया था तब से उसने सुरेंद्र को नहीं देखा है। कुंती देवी के पति शंकर राम का निधन बहुत पहले ही हो चुका है और उसके तीन अन्य बेटे दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। कुंती देवी गांव में अकेली रहती है। सुरेंद्र कोली की पत्नी पहले ही अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने भाई के पास दिल्ली चली गई है। कुंती की माली हालत काफी खराब है। कभी बेटे कुछ भेज देते हैं लेकिन कई बार पड़ोसी खाना खिलाते हैं। खेती बाड़ी भी कुछ नहीं है घर भी बहुत जीर्ण हालत में है और अंदर पानी टपक रहा है।

यह भी पढ़ें : हल्द्वानी में फिर 6 वर्ष की मासूम बच्ची से ‘गंदी बात’ होने से हड़कंप !

नवीन समाचार, हल्द्वानी, 12 फरवरी 2019। नगर के बनभूलपुरा क्षेत्र में एक 6 साल की बच्ची के साथ ‘गलत काम’ किये जाने के मामले की एक बार फिर पुनरावृत्ति हुई है। बच्ची के परिजनों ने बनभूलपुरा थाने में आरोपी युवक के खिलाफ तहरीर दी है। इसके बाद पुलिस प्रशासन में हडकंप मच गया है। बच्ची का मेडिकल कराया जा रहा है, जिसके बाद साफ होगा कि उसके साथ कैसी दरिंदगी की गयी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रहने वाले दंपत्ति ने बनभूलपुरा थाने में तहरीर देते हुए बताया है कि आज उनकी 6 साल की बेटी ने पेट में तेज दर्द बताकर स्कूल जाने से मना करने लगी। इस पर वे बच्ची को अस्पताल ले गये वहां चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची के साथ गलत कार्य हुआ है। उन्होंने आशंका जताई कि कि लाइन नंबर पांच में रहने वाला व गैस की रिफिलिंग का काम करने वाला एक युवक पिछले तीन-चार दिन से बच्ची के आसपास देखा गया है। पुलिस मामले में बच्ची से पूछताछ करके भी सही बात पता करने का प्रयास कर रही है, साथ ही उसका मेडिकल भी कराया जा रहा है।

यह भी पढ़ें : साढ़े तीन वर्ष की गरीब परिवार की मासूम के साथ स्कूल वैन में हैवानियत करने वाले हैवान पुलिस ने पकड़े

हल्द्वानी, 21 सितंबर 2018। हल्द्वानी में नर्सरी कक्षा की मात्र साढ़े तीन वर्ष की मासूम बच्ची के साथ स्कूल वैन में दरिंदगी करने वाले हैवान चालक-परिचालक काठगोदाम पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं। जनपद के एसएसपीइ जनमेजय खंडूड़ी ने शुक्रवार अपराह्न इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस करके दरिंदों का खुलासा करते हुए बताया कि बच्ची के साथ केवीएम स्कूल की गौलापार जाने वाली स्कूल वैन के परिचालक प्रदीप जोशी पुत्र पुष्ठि बल्लभ जोशी मूल निवासी गरुड़ तहसील जैंती जिला अल्मोड़ा व चालक रतन सिंह पुत्र लछम सिंह निवासी कटघरियाल पनियाली को गिरफ्तार कर लिया गया है। वे पिछले करीब एक पखवाड़े से बच्चे के साथ चलती स्कूल वैन में दरिंदगी कर रहे थे। उनके विरुद्ध समाजसेवी अनिल कुमार गुप्ता पुत्र पीएल गुप्ता निवासी अंबिका विहार भोटिया पड़ाव हल्द्वानी की तहरीर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 एवं 9/10 पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। एसएसपी ने यह भी कहा कि इस मामले में पीड़िता के परिजनों के द्वारा लोकलाज के भय एवं ‘किसी के दबाव’ के कारण पुलिस को सूचना नहीं दी। गिरफ्तारी करने वाली टीम में महिला उप निरीक्षक लता बिष्ट, उप निरीक्षक दीवान बिष्ट, आरक्षी मोहन, दिनेश शर्मा, भानु प्रताप सिंह शामिल रहे।

छात्रा के गुप्तांगों में पेंसिल डालते थे चालक-परिचालक
हल्द्वानी, 20 सितंबर 2018। शहर के हीरानगर स्थित एक केवीएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नर्सरी की छात्रा के साथ स्कूल वैन में उसके गुप्तागों से छेडछाड़ का गम्भीर मामला सामने आया है। वैन में जाने वाली साढ़े तीन साल की छात्रा के गुप्तांगों में चालक और परिचालक के द्वारा घिनौना अमानवीय कृत्य करने का आरोप लगा है। सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गुप्ता की शिकायत पर मामले में काठगोदाम थाना पुलिस ने पाक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
छात्रा एक गरीब परिवार से है। उसका पिता शनि बाजार में ठेला लगाकर परिवार की गुजर-बसर करता है। वे इतने  डरे हुए हैं कि रिपोर्ट लिखाने को भी तैयार नहीं हैं। इस पर एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि छुटटी के बाद स्कूल वैन के चालक-परिचालक घर दूर होने के कारण सबसे आखिर में उतरने वाली मासूम छात्रा को अन्य सभी बच्चों के उतर जाने के बाद उसके गुप्तांगों में पैंसिल डालकर घिनौना कृत्य करते थे। इधर दो दिन पहले बच्ची के पेट में दर्द की शिकायत होने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल में दिखाया गया, जहां इस अमानवीयता का पता चला। वहीं पूछने पर बच्ची ने अपनी मां को बताया, बावजूद बच्ची के मां-पिता अपनी गरीबी के कारण कुछ नही बोल पाये। ऐसे में समाजसेवी कैप्टन अनिल कुमार गुप्ता ने पहल कर काठगोदाम थाने में चालक-परिचालक के खिलाफ अज्ञात नाम से मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद बृहस्पतिवार को काठगोदाम पुलिस ने छात्रा की मेडिकल जांच करायी, वहीं स्कूल प्रबंधन ने अपनी जान बचाने के लिए संबंधित चालक-परिचालक को जांच में सहयोग के लिए पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

यह भी पढ़ें : सितारगंज में साढ़े तीन वर्ष की अबोध से प्रधानाचार्य ने किया दुष्कर्म, पुलिस के हवाले किया, थाने में बवाल की स्थिति

नवीन समाचार, सितारगंज, 19 जनवरी 2019।सितारगंज में एक बेहद शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल पर साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। दुष्कर्मी प्रिंसिपल को पुलिस के हवाले  कर दिया गया है। उसके बाद भी लोग बेहद आक्रोशित हैं।पुलिस थाने में बवाल की स्थिति है खाने में अतिरिक्त पुलिस पर लगा दिया गया है।
परिजनों का आरोप है कि घर में ट्यूशन पढ़ाने के लिए प्राइवट स्कूल के प्रिंसिपल आते थे। उन्होंने ही बच्ची संग दुष्कर्म किया है। गुस्साए घर वालों ने पकड़ कर आरोपी को पुलिस को सौंप दिया है। खबर लिखे जाने तक कोतवाली में लोगों की भीड़ लगी रही। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोतवाली में पुलिस बल तैनात किया गया है।

यह भी पढ़ें : अंधेर ! शोहदों के भय से कॉलेज नहीं जा रही छात्रा, शारीरिक संबंध बनाने पर दी है तेजाब डालने की धमकी, पुलिस भी नहीं कर रही मदद

वीन समाचार, रुड़की, 16 जनवरी 2019। रुड़की में  मंगलौर क्षेत्र की बीए की छात्रा ने शोहदों के डर से कॉलेज जाना बंद कर दिया है। आरोप है कि गांव के पास के ही दो युवक उसे पिछले एक साल से परेशान कर रहे हैं। अपहरण की कोशिश में असफल होने के बाद दोनों शारीरिक संबंध न बनाने पर तेजाब फेंकने और परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
मंगलौर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई!
छात्रा ने बताया कि उसने 13 जनवरी को मंगलौर कोतवाली में दोनों के खिलाफ तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने की बजाय दोनों का शांतिभंग में चालान कर दिया। वहीं, एसपी देहात नवनीत सिंह का कहना है कि मंगलौर पुलिस से मामले की जानकारी ली जाएगी। आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि मंगलौर पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोपों की भी जांच की जाएगी।

यह भी पढ़ें : 70 की वृद्ध विधवा से 22 के युवक ने की दिल दहला देने वाली प्राकृतिक-अप्राकृतिक हैवानियत, और सजा मिली सिर्फ 7 साल

-14 अगस्त 2017 की घटना, घर में जबर्दस्ती घुसकर दिया वारदात को अंजाम, न्यायालय ने सुनाई 7 वर्ष के कारावास की सजा
नवीन समाचार, पिथौरागढ़, 10 जनवरी 2019। धारचूला के एक दूरस्थ गांव में 22 वर्षीय अनिल नाम का युवक अकेली रहने वाली एक 70 वर्षीय विधवा वृद्धा के घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा, और उसके साथ जबर्दस्ती करते हुए मारपीट की। दांतों से उसके शरीर को नोंच डाला। इस पर वृद्धा निहाल पड़ी तो उसके साथ प्राकृतिक ही नहीं अप्राकृतिक तरीके से भी पूरी रात कई बार दुष्कर्म किया। इससे बुजुर्ग की हालत खराब हो गई। गांव के लोगों को भी दूसरे दिन घटना का पता चला। उन्होंने वृद्धा की बेटियों को सूचना दी। इस पर एक बेटी ने मायके पहुंचकर उसे धारचूला के अस्पताल पहुंचाया। यहां हालत नहीं सुधरी तो हल्द्वानी ले जाकर इलाज कराना पड़ा।
दिल को झकझोर कर रख देने और मानवता को शर्मशार करने वाली हैवानियत भरी यह घटना 14 अगस्त 2017 की रात की है। इस मामले में पीड़िता की बेटी द्वारा थाना पांगला में दर्ज कराई गये मामले में बृहस्पतिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की अदालत ने अभियुक्त अनिल को दोषी पाते हुए दुराचार के अभियोग में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत सात साल का कारावास, पांच हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का कारावास, अप्राकृतिक मैथून के अभियोग में धारा 377 के तहत भी सात साल का कारावास, पांच हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास, मारपीट के अभियोग में धारा 323 में एक साल कारावास, दांत काटने के अभियोग में धारा 325 के तहत दो साल का कारावास, एक हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास, दरवाजा तोड़कर घर में घुसने के अभियोग में धारा 457 में एक साल कारावास, 500 रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। चूंकि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए अभियुक्त को वास्तव में केवल 7 वर्ष के कारावास एवं 11,500 रुपये के अर्थदंड एवं अर्थदंड न चुकाने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की ही सजा भुगतनी होगी।

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नवीन समाचार, देहरादून, 3 जनवरी 2018। राजधानी देहरादून में फिर जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल जैसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है।  देहरादून के मसूरी रोड स्थित पेस्टलवीड बोर्डिंग स्कूल में कक्षा नौ की छात्रा के साथ स्विमिंग पूल के ट्रेनर के द्वारा पिछले लम्बे समय से यौन शोषण किये जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स (NAPSR)’ की शिकायत पर बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल के प्रधानाचार्य व प्रबंधक की मामले को दबाने में जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल की तरह ही  संलिप्तता बताते हुए उनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने की मांग देहरादून के एसएसपी और शिक्षा महानिदेशक से की है।

बताया गया है कि स्विमिंग पूल का ट्रेनर पीड़िता के साथ लम्बे समय से बलात्कार कर रहा था, लेकिन डर से सहमी छात्रा यह बात प्रारंभ में किसी को नहीं बता पाई। जब परिजनों को इसका पता चला तो स्कूल प्रबंधन पर आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। हालांकि अब आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। लेकिन अब अभिभावक स्कूल प्रबंधन की भी गिरफ़्तारी और स्कूल की मान्यता समाप्त किये जाने की मांग कर रहे हैं। इधर गुरुवार को बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने पेस्टलवीड स्कूल में जांच हेतु मौका मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने वहां की अव्यवस्थाएं, खासकर स्कूल में सीसीटीवी कैमरे नहीं पाने पर और स्विमिंग पूल में भी सुरक्षा प्रबंध न देखकर और स्कूल में एक वेडिंग प्वाइंट चलता देखकर स्कूल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई। बना हुआ है, जो कि स्कूल में शिक्षा के माहौल को खराब करता है।

नाबालिग के बलात्कारी हत्यारे को सुनाई फांसी की सजा

पुलिस गिरफ्त में नाबालिग का बलात्कारी हत्यारा। नवीन समाचार, देहरादून, 12 दिसंबर 2018। बच्चों के साथ यौन अपराधों की सुनवाई करने वाली देहरादून की पोक्सो कोर्ट ने जनवरी 2016 में नेपाली मूल की एक नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी पेशे से वाहन चालक मोहम्मद अजहर उर्फ अंट्रे पुत्र अहमद अली खान निवासी अंबाड़ी, डाकपत्थर को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 70 हजार का लगाया जुर्माना भी लगाया है।
विदित हो कि दो जनवरी 2016 को त्यूणी के रोटा खड्ड बैंड के पास कक्षा नौ में पढ़ने वाली नेपाली मूल की छात्रा का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला था। उसकी पहचान होने के बाद पुलिस को जांच में पता चला कि एक दिन पूर्व किशोरी को अजहर नाम के चालक के साथ मोटरसाइकिल पर त्यूणी की ओर जाते देखा गया था। घटना के बाद पुलिस को अजहर घर से फरार मिला। काफी तलाश के बाद अजहर को पांच जनवरी को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के बागरण कस्बे से दबोचा गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह किशोरी को त्यूणी घुमाने के बहाने साथ लेकर गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके शोर मचाने और घरवालों को यह बात बता देने के भय से उसकी हत्या कर दी और शव को उसकी ही चुन्नी से बांधकर पेड़ से लटका दिया, जिससे लोगों को लगे कि उसने खुदकुशी की है।

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-भीमताल विकास खंड के एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय की घटना, कई छात्राओं से लगातार करता था अश्लीलता, पूर्व भी ऐसे ही आरोपों में हटाया जा चुका है

नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़-अश्लीलता करने का आरोपित शिक्षक।

नवीन समाचार, नैनीताल, 4 दिसंबर 2018। जनपद के भीमताल खंड के अंतर्गत रानीबाग के निकट स्थित एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली नौ वर्षीया छात्रा के साथ अश्लील हरकतें व छेड़छाड़ करने के आरोप में एक 50 वर्षीय शिक्षक को भीमताल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिक्षक रवि चौधरी मूल निवासी द्वाराहाट अल्मोड़ा के खिलाफ पीड़िता के पिता द्वारा भीमताल थाने में दी गयी तहरीर के बाद यह कार्रवाई हुई है। 

भीमताल के थाना प्रभारी प्रमोद पाठक ने बताया कि आरोपित द्वारा विद्यालय की अन्य छात्राओं के साथ भी अश्लील हरकतें करने की बात प्रकाश में आयी है। वह छात्राओं से कपड़े उतारने को भी कहता था। एक बच्ची ने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद उसके पिता ने पुलिस को तहरीर दी। आरोपित को पूर्व में भी ऐसे ही आरोपों पर स्कूल से हटाये जाने की बात भी प्रकाश में आई है। आरोपित वर्तमान में गुलाबघाटी काठगोदाम रानीबाग में अपनी मां व भाई के साथ रहता है। आरोपित अविवाहित है। श्री पाठक ने बताया कि उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 354 पॉस्को अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। बुधवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

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देहरादून, 24 नवंबर 2018। देहरादून के प्रेमनगर थाने के पुलिस कर्मी एक युवती की खुद के साथ हुई दरिंदगी की शिकायत सुनकर दंग रह गये। पीड़िता का कहना था कि वह लगातार अपनों की ही हवस का शिकार बनती रहती है। और उसे हवस का शिकार बनाने वाले कोई और नहीं बल्कि उसके अपने, उसका सौतेला पिता व सौतेले भाई के साथ उसका सगा भाई भी है।इधर उसके सब्र का बांध टूटा तो उसने पुलिस से शिकायत की। तुरंत सक्रिय हुई पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें शनिवार को जेल भेज दिया गया है।
प्रेमनगर थाने में शुक्रवार रात करीब दस बजे करीब 24 साल की युवती हांफती हुई पहुंची। युवती ने बताया कि तीन साल की उम्र में ही उसके पिता की मौत हो गई थी। उस वक्त उसका भाई सात साल का था। कुछ साल बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली। जिससे उन्हें एक बेटा हुआ। जब वह करीब 10 साल की हुई तो उसका सौतेला बाप उस पर गलत नजर रखने लगा, और कुछ साल बाद ही उसने उससे दुष्कर्म भी किया। जबकि इधर पिछले कुछ सालों से उसका सौतेला भाई भी उससे दुष्कर्म करता आ रहा था। यह बात जब उसने अपने सगे भाई को बताई तो उसने भी मजबूरी का फायदा उठाया और उसने भी हवस का शिकार बनाया। बताया कि उसकी मां हर रोज शाम को प्राइवेट कंपनी में ड्यूटी पर चली जाती है। इसी बीच वे उसके साथ दुष्कर्म करते हैं। वह काफी समय से इन लोगों के चंगुल से बच निकलने का मौका देख रही थी। शुक्रवार रात जब उसकी मां ड्यूटी पर गई और उसका भाई कॉल सेंटर में नौकरी पर चला गया तो वह सौतेले पिता व भाई की नजरों से बचकर थाने आ गई।
थानाध्यक्ष दिलबर सिंह नेगी ने बताया कि युवती की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और उसके घर पर छापा मारा। वहां युवती का सौतेला बाप पकड़ा गया। कुछ देर बाद उसके सौतेले भाई को भी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद तड़के शहर के एक कॉल सेंटर में छापा मारा, जहां से उसके सगे भाई को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सभी आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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देहरादून, 19 नवंबर 2018। देहरादून के सहसपुर क्षेत्र में एक 15 वर्ष की नाबालिग छात्रा के साथ पांच युवकों के द्वारा सामूहिक बलात्कार करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि नाबालिग लड़की ने  इनमें से एक युवक से दोस्ती करने से इंकार कर दिया तो आरोपी ने पहले उसे अगुआ किया और फिर दोस्तों के साथ मिलकर लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया। यहां तक कि छात्रा ने जिस पर विश्वास करके यह घटना बताई, उसने भी मदद करने का झांसा देकर छात्रा की इज़्ज़त तार-तार कर दी।

बताया गया है कि सहसपुर थाने में एक व्यक्ति ने थाने पहुंचकर पुलिस अधिकारियों को अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की थी, किसी अनहोनी की आशंका पर पुलिस अधिकारियों ने टीम गठित कर अपह्रत लड़की की खोजबीन शुरू की।काफी खोजबीन के बाद पुलिस द्वारा लड़की को आईएसबीटी देहरादून से एक आरोपी रविन्द्र उर्फ लक्की के कब्जे से बरामद किया गया। थाना प्रभारी राठौड़ के मुताबिक, आरोपी रविंद्र उर्फ लक्की ने कड़ी पूछताछ में बताया कि डेढ़ महीने पहले पीड़िता से आदित्य सकलानी ने दोस्ती करनी चाही थी, जिसे पीड़िता ने मानने से इंकार कर दिया। गुस्साए और खुद को बेइज्जत महसूस करते हुए आदित्य सकलानी ने तीन अन्य दोस्तों अभिनव, जोगिंदर और राहुल राणा के साथ मिलकर उसे अगुवा किया और बारी-बारी रेप किया। इसके अलावा उन पर पीड़िता के अश्लील तस्वीरे भी लेने का आरोप है। वारदात को अंजाम देने के बाद पीड़िता को डरा धमकाकर छोड़ दिया गया। आरोप है कि इसके बाद भी कई दिनों तक मुख्य आरोपी आदित्य सकलानी पीड़िता को डराकर रेप करता रहा, जिसे पीड़िता धमकी के चलते चुपचाप सहती रही। पुलिस ने आरोपियों पर पोक्सो, अपहरण और रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीडिता के पिता सिक्युरिटी गार्ड की प्राइवेट नोकरी करते हैं जबकि मां दूसरों के घर में खाना बनाती हैं।

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नैनीताल, 12 नवंबर 2018। किच्छा के ग्राम भंगा में एक युवक ने शादी का झांसा देकर एक युवती से शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए, और उसका अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। पीड़िता ने पुलभट्टा पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि रियाज अहमद पुत्र इम्तियाज अहमद निवासी ग्राम भंगा ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए। इस दौरान उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने आरोपी एवं उसके भाई नौशाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
वहीं हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के एक गांव में किशोर द्वारा अपनी नाबालिग चचेरी बहन से दुष्कर्म करने का मामला प्रकाश में आया है। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया है। बताया गया है कि गांव में दो भाइयों के परिवार साथ रहते हैं। रविवार को दोनों परिवार के लोग घर से बाहर थे लेकिन चचेरे भाई-बहन घर पर ही थे। आरोप है कि किशोर ने अपनी नाबालिग चचेरी बहन के साथ दुष्कर्म किया। देर शाम जब परिजन घर पहुंचे तो किशोरी ने उन्हें इसकी जानकारी दी। जिसके बाद परिजनों के साथ थाने पहुंची पीड़िता ने पुलिस को आपबीती सुनाई। देर रात ही पुलिस ने पिता की ओर से नाबालिग भतीजे के खिलाफ केस दर्ज कर किशोर को गिरफ्तार किया, तथा किशोर न्यायालय में पेश कर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया।

चाकू की नोक पर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में नामजद किशोर गिरफ्तार, किशोर आश्रम भेजा

सितारगंज, 6 नवंबर 2018। नगर से सटे एक गांव में घास काटने गई गरीब  परिवार की 16 साल की नाबालिग किशोरी से चाकू की नोक पर एक नाबालिग सहित दो युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में नामजद किशोर आरोपी बरुआबाग गांव निवासी रविंद्र सिंह उर्फ मिंदरी को पुलिस ने हिरासत में लेकर किशोर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे किशोर आश्रम भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि घटना बीती 21 अक्तूबर की है, और घटना की शिकायत गत 27 अक्तूबर को सितारगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 376, 323, 504 व 3/4 पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था, और पीड़ित को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज आरोपितों की तलाश की जा रही थी।

पुलिस के अनुसार किशोरी के पिता ने कोतवाली में घटना के बारे में बताया था कि वह गरीब  परिवार से है। दोनों बेटियां मवेशियों के लिए पास में रहने वाले व्यक्ति के घर से चारा काटकर लाती हैं। आने-जाने वाला रास्ता बहुत संकरा है। 21 अक्टूबर को दोनों रोज की तरह चारा काटकर ला रही थीं। तभी संकरी गली से सटे घर से आये युवक ने बड़ी लड़की को मुंह बंद कर भीतर खींच लिया, और उसे चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी, तथा एक अन्य नाबालिग युवक के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी किसी तरह उनके चंगुल से छूटी। वह काफी डरी थी। इस घटना के बारे में 27 अक्टूबर को परिजनों को बताया। पीडित ने एक नाबालिग को पहचान लिया है लेकिन दूसरे के मुंह पर कपड़ा बंधा होने की बात कहकर उसे नहीं पहचान पाई है।

बैंक ऑफ बड़ौदा का सहायक प्रबंधक नाबालिग से दुष्कर्म की कोशिश में गिरफ्तार

नैनीताल, 4 नवंबर 2018। नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने घर ले जाकर अश्लील हरकत करने के आरोपित काशीपुर निवासी, बैंक आफ बड़ौदा बेतालघाट के सहायक प्रबंधक अनिल कुमार को रविवार सायं बेतालघाट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि बीते दिनों उसने यहां अपनी नानी के घर आई नाबालिग को बहला-फुसलाकर अपने घर पर बुलाया, और किशोरी के साथ अश्लील हरकत की तथा दुराचार की कोशिश भी की। किसी तरह से नाबालिग उसके चंगुल से बचकर भागी, और घर जाकर पहले तो वह डर गई लेकिन बाद में उसने परिजनों को आपबीती बताई। परिजनों की तहरीर के आधार पर बेतालघाट थाने में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 और 7/8 पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। थानाध्यक्ष रोहताश सिंह सागर ने पुलिस बल के साथ रविवार देर शाम दबिश देेेकर आरोपित को उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। आगे सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : बिन मां की नाबालिग बेटी से सगा पिता ही करता है दुष्कर्म

हल्द्वानी, 24 अक्तूबर 2018। यूपी निवासी एक कलयुगी हैवान पिता पर उसकी बिन मां की नाबालिग बेटी ने पिछले एक वर्ष से दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
एसएसआई विजय मेहता ने पत्रकारों को बताया कि रिश्तों को शर्मसार करने वाला आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश का निवासी और पेशे से मजदूर है, और पत्नी की मौत के बाद पिछले तीन साल से हल्द्वानी के रामपुर रोड क्षेत्र के एक गांव में बेटी के साथ रहता है। उसकी सगी बेटी ने आरोप लगाया है कि वह पिछले एक साल से उससे दुष्कर्म कर रहा है। यही नहीं, विरोध करने पर वह उसे पीटता है। परेशान होकर वह बीते अगस्त माह में घर छोड़कर भाग गई और एक घर में काम कर अपना गुजारा करने लगी। इधर मंगलवार को मजदूर बेटी को लेने के लिए पहुंच गया। लेकिन बेटी ने उसके साथ जाने से साफ इनकार कर दिया। इस पर मजदूर ने हंगामा शुरू कर दिया। घबराई किशोरी ने एक परिचित महिला को बताया कि उसका पिता एक साल से मारपीट और जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। इसी शोषण से परेशान होकर वह घर से भाग आई थी। इससे लोगों में हड़कंप मच गया। इसके बाद पड़ोसियों की मदद से वह कोतवाली पहुंची और तहरीर देकर पिता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आरोप लगाया कि पिता की हरकतों की वजह से उसकी मां भी कई साल पहले उसके पिता को छोड़कर चली गई थी। कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 323, 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर दी है। आगे पुलिस पीड़ित किशोरी के बयान लेकर उसका पुलिस मेडिकल कराने और उसके आरोपित पिता को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया में है।

यह भी पढ़ें : महिला ने नाबालिग पर बनाया सेक्स का दबाव, भागने लगा तो जलाया गुप्तांग

नोएडा, अक्टूबर 2018।  हवस हर और बढ़ रही है। नोएडा की एक महिला पर ऐसी हवस चढ़ी कि उसने सेक्स की जरूरत पूरी करने से मना करने पर  7वीं कक्षा में पढ़ने वाले नाबालिग लड़के के गुप्तांग को गर्म चिमटे से जला दिया। बादलपुर कोतवाली क्षेत्र के इस मामले में पुलिस ने आरोपित महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। बताया गया है कि खेड़ा धर्मपुरा गांव स्थित सहारा कॉलोनी का पीड़ित छात्र शुक्रवार को घर पर था। आरोप है कि दोपहर करीब डेढ़ बजे पड़ोस में रहने वाली एक महिला उसके पास पहुंची और दुकान से सामान मंगाने के लिए कहकर अपने घर ले गई।आरोप है कि वह बच्चे पर सेक्स के लिए दबाव बनाने लगी। छात्र ने भागने की कोशिश की तो उसे पकड़कर कमरे में बंद कर दिया और उसके मुंह पर कपड़ा बांधकर गर्म चिमटे से उसके गुप्तांग को जला दिया। मंगलवार को रिपोर्ट दर्ज कर बच्चे का मेडिकल कराया गया। ग्रेटर नोएडा सीओ-3 निशांक शर्मा ने बताया कि महिला के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें: पहाड़ी बनकर उत्तराखंड की एक गायिका से ‘इंडियन आइडल’ में गंवाने का झांसा देकर दुष्कर्म करता रहा मुस्लिम युवक 

देहरादून, 4 अक्टूबर 2018। एक मुस्लिम युवक द्वारा स्वयं को पहाड़ी बताकर और छोटे परदे के बड़े गायकी के रियलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ में गाने का मौका दिलाने के सपने दिखाकर उत्तराखंड की एक उदीयमान गायिका से दुराचार करने का मामला सामने आया है। युवक की पोल खुलने के बाद गायिका ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस द्वारा पकड़े गये आरोपी फिरोज खान निवासी साबरी गेट, बड़ी मस्जिद थाना कोतवाली मेरठ पर आरोप है कि उसने वर्ष 2016 में ‘इंडियन आइडल’ पर देहरादून निवासी गायिका से उसकी प्रोफाइल देख कर संपर्क किया और स्वयं का नाम अभिषेक नेगी, और स्वयं को इंडियन ऑइडल से संबद्ध एवं पहाड़ का ही निवासी बताते हुए झांसे में लिया और इस रियलिटी शो में मौका दिलाने का झांसा दिलाकर दुष्कर्म किया। युवती ने जब विरोध करना चाहा तो उसने कहा कि ‘शो बिज’ की इस दुनिया में उसे इस सब की उसे आदत डालनी होगी। गायिका ने भी इन स्थितियों को स्वीकार कर लिया, और ऐसे में उसके समर्पण का लाभ उठाकर मसूरी व दिल्ली में कई बार संबंध बनाये। इधर गायिका को उसके आधार पहचान पत्र से उसके मुस्लिम होने की असलियत का पता चला, जिसके बाद उसने पुलिस से इसकी शिकायत की।
इधर पुलिस को जांच में पता चला है कि आरोपित ने दिल्ली से बीसीए किया हुआ है, और वह पहले भी कई लड़कियों सहित 10-15 लोगों को कई तरह का झांसा देकर रुपये ऐंठ चुका है। इधर कुछ दिनों से वह रूस में आर्टिफिशियल ज्वैलरी की प्रदर्शनी लगाने का काम कर रहा है। वह युवती का भरोसा हासिल कर उसके बैंक खाते का संचालन भी करता है, और इस खाते का दुरुपयोग करके भी उसने कुछ लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। इस पर भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है।

यह भी पढ़ें: पोर्न फिल्म देखकर बच्ची से किया दुष्कर्म, पुलिस ने दायर की चार्जशीट, सजा मिलनी तय !

देहरादून, 2 अक्टूबर 2018। गत 15 जुलाई को देहरादून के सहसपुर क्षेत्र में पोर्न फिल्म देखकर आठ साल की बच्ची से दुराचार करने के बाल अपचारियों के खिलाफ पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड में चार्जशीट दाखिल कर दी है। पांचों बाल अपराधियों की उम्र नौ से 14 वर्ष के बीच है। दो माह से भी ज्यादा समय से पांचों बाल सुधार गृह हरिद्वार में रह रहे हैं। अपराध को घिनौना कृत्य करार देते हुए बोर्ड ने उनके परिजनों को सुपुर्द नहीं किया गया था। अब चार्जशीट सौंपे जाने के बाद उन्हें सजा मिलनी तय मानी जा रही है।
इस मामले में पांच बच्चों के नाम सामने आए, जिनके खिलाफ पुलिस ने प्राथमिक जांच में पुष्टि होने के गैंगरेप, आपराधिक षड्यंत्र और पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। घटना के अगले दिन पांचों बच्चों के माता पिता को सभी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा। इसके बाद पीड़िता का मेडिकल कराया गया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

यह भी पढ़ें : नैनीताल की छोरियां भी किसी से कम हैं के ? पुलिस चौकी के पास ही मजनुओं को दिए दे-दनादन

नैनीताल, 29 सितंबर 2018। नैनीताल में शनिवार को युवतियों ने छेड़छाड़ पर दो युवकों की जमकर पिटाई की। सूचना मिलने पर पहुंचे साथी युवकों ने भी युवकों ने भी आरोपी युवकों को पीटा। पुलिस चौकी से महज चंद कदमों की दूरी पर शरारती तत्वों पर जमकर हाथ बरसाए गए। जानकारी के अनुसार शनिवार को नैनीताल में दो युवकों ने राह चलती दो युवतियों पर कमेंट कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि हाथापाई की नौबत आ गई। युवतियों ने युवकों को घेरकर पीटना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने मामले की सूचना अन्य साथियों को भी दी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे युवकों ने भी शरारती तत्वों को जमकर पीटा। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस आरोपी युवकों को कोतवाली ले गई। साथ ही युवतियों को भी कोतवाली बुलाया। इस दौरान कोतवाली में भी काफी देर तक हंगामा होता रहा। बाद में आरोपी युवकों के माफी मांगने पर उन्हें सख्त हिदायत देकर छोड़ दिया गया। एलएसआई आशा बिष्ट ने काउंसिलिंग के बाद युवकों को परिजनों के सुपुर्द किया। साथ ही भविष्य में ऐसी हरकत करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। 

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्कूल वैन में छेड़छाड़ पर दिए ऐसे ‘बड़े’ निर्देश कि हिल जायेंगे प्रशासन और निजी स्कूल…

स्कूली वाहनों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस लगाने, एसडीएम को रोजाना सीसीटीवी कैमरे की चेकिंग करने, प्रत्येक स्कूल कर्मचारी के सत्यापन

नैनीताल, 17 सितंबर 2018। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने हल्द्वानी में स्कूल वैन में बच्ची के साथ छेड़छाड़ की घटना को बेहद गंभीर मानते हुए बड़े व सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने स्कूली वाहनों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस लगाने, एसडीएम को रोजाना सीसीटीवी कैमरे की चेकिंग करने व उच्चाधिकारियों को इसकी मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने प्रत्येक स्कूल कर्मचारी के सत्यापन करने, निजी स्कूलों के वाहनों  में महिला कर्मचारी की नियुक्ति करने और एसएसपी को 48 घंटे के भीतर संबंधित स्कूल के प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज कराने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी निवासी ए परवीन ने जनहित याचिका दायर करके कहा था कि पछले सप्ताह हल्द्वानी में स्कूल वैन में अबोध बच्ची के साथ छेड़खानी की शर्मनाक घटना हुई। नैनीताल जिले में नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध बढ़े हैं, लिहाजा अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश पारित किए जाएं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए आदेश जारी किए। साथ ही उन्होंने स्कूल प्रबंधकों को आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। निजी स्कूल प्रबंधकों के लिए कोर्ट के दिशा निर्देश -स्कूली वाहन में महिला कर्मचारी की नियुक्ति करें, जो बच्चों को वाहन में बैठाएं और उतारें। 

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देहरादून, 17 सितंबर 2018। उत्तराखंड की राजधानी में फिर शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। महानगर के भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्ड बोर्डिंग स्कूल में हाईस्कूल की एक नाबालिग छात्रा से न सिर्फ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, बल्कि गर्भ ठहरने के बाद एक अस्पताल में ले जाकर उसका गर्भपात कराने का भी प्रयास किया गया। सोमवार को मामले में सहसपुर पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित चार छात्रों के अलावा प्रकरण को दबाने की कोशिश के आरोप में स्कूल की महिला निदेशक व प्रधानाचार्य समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ छात्रा के पिता की तहरीर पर दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इधर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूल का दौरा किया और छात्रा व उसके अभिभावकों से बात की। गैंगरेप के सभी आरोपित छात्र पीड़िता की जान पहचान के व नाबालिग बताए जा रहे हैं, जिन्हें मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करते हुए अन्य आरोपितों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही मंगलवार को ही पीड़ित छात्रा का मेडिकल भी कराया जाएगा।
घटना बीती 14 अगस्त की बतायी गयी है। यहां हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले दो-दो छात्रों ने हाईस्कूल की नाबालिग छात्रा के साथ छात्रावास में ही सामूहिक दुष्कर्म किया, और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। दुष्कर्म के बाद पहले किसी को कुछ न बताने और इधर कुछ दिन पहले पेट में दर्द की शिकायत होने पर उसने छात्रावास में ही साथ रहने वाली अपनी बड़ी बहन को पूरी बात बताई। बड़ी बहन ने स्कूल प्रबंधन को मामले से अवगत कराया। इसके बाद छात्रा को इलाज के लिए निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि वह गर्भवती है। इसके बाद प्रबंधन मामले को दबाने के प्रयास में जुट गया और उसका गर्भपात कराने की भी कोशिश हुई। इस बीच छात्रा ने दून में रह रही अपनी चाची को यह बात बता दी। रविवार को दून पहुंचे छात्रा के परिजनों ने एसएसपी निवेदिता कुकरेती को मामले की जाकनारी दी। साथ ही बताया कि स्कूल प्रबंधन उनकी मदद नहीं कर रहा है। इसके बाद शुरू हुई पुलिस कार्रवाई में सभी चार आरोपित छात्रों के साथ ही स्कूल की निदेशक लता गुप्ता, प्रधानाचार्य जितेंद्र शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी दीपक मल्होत्रा, दीपक की पत्नी तन्नू व आया मंजू सहित नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन पर छात्रा को डराने-धमकाने और गर्भपात कराने की कोशिश करने का आरोप है।

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नैनीताल, 17 सितंबर 2018। नंदा देवी महोत्सव जैसे पवित्र अवसरों पर भी कुछ लोग अपनी पाशविक हरकतें करने से बाज नहीं आते। सोमवार को नंदा देवी महोत्सव के पहले दिन ही मंदिर में दर्शनों के लिए लगी महिलाओं-युवतियों की लाइन में खड़े होकर एक मानसिक रूप से विकृत मानसिकता वाला युवक एक ‘न कहने वाली’ अश्लील हरकत करने लगा। युवतियों ने उसे ऐसा करते देखा, तो स्वयं ही सख्ती से दबोच लिया और मेला परिसर स्थित अस्थायी पुलिस चौकी में पुलिस को सोंप दिया। पुलिस की पूछताछ में वह अपना व अपने पिता का नाम ही लगातार बदलता रहा। उसकी पड़ताल करने पर पैंट की जिप खुली हुई थी, तथा जेब में यौन शक्तिवर्धक दवा का 10 गोलियों का पूरा पैकेट भी बरामद हुआ। पुलिस की पड़ताल में वह मानसिक रूप से बीमार भी लगा। बाद में पुलिस ने उसे पुलिस एक्ट में चालान करके और हिदायत देकर छोड़ दिया।

मेले में कुछ लोग पुलिस के प्रबंधों को धता बताते हुए महिलाओं के पर्स साफ करने से भी बाज नहीं आये। करीब एक दर्जन महिलाएं पर्स व सामान खोने-गायब होने की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचीं। 

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जसपुर, 15 सितंबर 2018। समाज न जाने किस ओर और कहां तक जा रहा है। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के जसपुर के एक गांव में 26 वर्षीय युवक के साथ  अप्राकृतिक तरीके से दुष्कर्म कर और उसकी वीडियो क्लिप बनाकर ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने तहरीर सौंपकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जाच कर रही है।

पुलिस के मुताबिक जसपुर क्षेत्र के एक 26 वर्षीय ग्रामीण युवक ने आरोप लगाया है कि दो साल पहले जसपुर के मोहल्ला नक्खा सिंह निवासी अनिल कुमार ने बहला-फुसलाकर उसके साथ कुकर्म किया था। इस दौरान उसने उसका वीडियो भी बना लिया। बाद में वह वीडियो को वायरल करने की धमकी देने लगा। इस घटना की जानकारी उसने किसी को नहीं दी। बाद में आरोपित वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उससे जबरन लगातार कुकर्म करता रहा। साथ ही वीडियो वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेलिंग भी करने लगा। इससे आजिज आकर पीड़ित ने शुक्रवार की देर शाम जसपुर थाने में आरोपित के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की माग की। एसआइ देवेंद्र राजपूत ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

युवतियां जरूर पढ़ें : फिल्मी स्टाइल में युवती से कई बार किया दुष्कर्म

काशीपुर, 13 सितंबर 2018। फिल्में युवकों को कानून की नजर से अपराधी और युवतियों को जीवन भर के लिए अपनी ही नजरों में अपराधी बना रही हैं। खासकर अगर किशोरियों-युवतियों को उनके खुलेपन को लेकर टोको तो वे उल्टा समझाने वाले को ही अपना भला-बुरा समझने की बात कह कर झिड़क देती हैं। लेकिन यह कहानी ऐसी लड़कियों के लिए सबक हो सकती है।

मुरादाबाद के अगवानपुर निवासी एक युवक ने काशीपुर के विजय नगर नई बस्ती निवासी एक युवती को फोन पर बातें कर पहले अपने जाल में फंसाया, और एक दिन उसे बहला-फुसलाकर होटल में ले गया। आधुनिक बॉय फ्रेंड-गर्ल फ्रेंड रखने का अनुभव लेने की चाहत में युवती भी उसके बहकावे में आ गयी। वहां युवक ने उसे कोई ड्रिंक पीने को दी, जिसे पीकर युवती बेहोश हो गयी। इसके बाद युवक ने उसकी अस्मत लूट ली। यही नहीं, फिल्मी स्टाइल में मोबाइल से उसकी वीडियो भी बना ली, और उसे दिखाकर किसी को न बताने को कहकर उल्टा उससे हजारों रुपए ऐंठ लिये। वह यहीं नहीं रुका। उसने आगे भी कई बार युवती को इस वीडियो की धमकी देकर होटल के कमरे में बुलाया और दुष्कर्म किया। इधर हद तब हो गयी, जब इस बार वह उसे मुरादाबाद ले गया। वहां दोनों को साथ में किसी ने देख लिया तो उसे धमकी देकर वहीं छोड़ दिया। वह किसी तरह अपने घर लौट पायी और मां को पूरी बात बतायी। इसके बाद युवती की मां ने काशीपुर कोतवाली में युवक के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। 

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शक्तिफार्म, 2 सितंबर 2018। बलात्कार के मामलों में कानूनों के कड़े होते जाने के बावजूद ऐसे मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला ऊधमसिंह नगर जिले के शक्तिफार्म से एक वहशी दादा द्वारा अपनी ही सगी और नाबालिग मात्र 14 वर्ष की पोती को कई बार हवस का शिकार बनाने का मानवता को शर्मशार करने वाला प्रकाश में आया है। पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर आरोपित दादा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया गया है कि क्षेत्र का एक राज मिस्त्री परिवार व बच्चों के साथ हल्द्वानी में रहता है। जबकि उसकी बेटी अपने चाचा-चाची और दादा के साथ शक्तिफार्म क्षेत्र में रहती है। बताया गया है कि दादा ने काफी समय पहले शराब के नशे में रिश्ते को कलंकित करते हुए पोती के साथ दुष्कर्म किया और किसी से इसका जिक्र न करने का कहा। वह इसके बाद भी जब-तब दादा पोती को हवस का शिकार बनाने लगा। इधर बीते 31 अगस्त को पोती ने दादा की हरकतों की जानकारी अपने एक परिचित को दी। परिचित ने फोन करके राजमिस्त्री को उसके पिता की हरकतो की जानकारी दी। जिसके बाद राजमिस्त्री ने यहां पहुंच कर पिता को पुलिस के हवाले करते हुए एक तहरीर दी। तहरीर के बाद पुलिस ने विधिक कार्रवाई पूरी करने के बाद जेल भेज दिया।

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p style=”text-align: justify;”>साथ ही रेप के मामलों की जांच के लिए 48 घंटे के भीतर हर जिले में एसआईटी का गठन करने के निर्देश
-निचली अदालतों से कहा फास्ट ट्रेक कोर्ट में करें ऐसे मामलों की सुनवाई
नैनीताल, 21 अगस्त 2018। प्रदेश में बढ़ रहे यौन अपराधों व खासकर उत्तरकाशी में 12 वर्षीया किशोरी के साथ हुई जघन्य वारदात पर नैनीताल हाईकोर्ट ने गंभीर रुख दिखाते हुए सरकार को हर जिले में स्थाई रूप से एसआईटी का गठन करने को कहा है। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व मनोज तिवारी की खंडपीठ ने साथ ही सरकार से पूछा है कि वह कब तक बच्चियों के साथ रेप के मामले में फांसी की सजा वाला कानून कब तक बनाने जा रही है। उत्तरकाशी में रेप के बाद बच्ची की हत्या के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए अदालत ने आज इस मामले की सुनवाई की और सरकार को आदेश दिए कि 48 घंटे के भीतर वह हर जनपद में एसआईटी का गठन करे। साथ ही निचली अदालतों को भी निर्देशित किया है कि वे भी ऐसे मामलों की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्टों में करें।
न्यायालय ने साथ ही सरकार से यह भी पूछा कि क्या सरकार ने हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर राज्य के बाहरी लोगों द्वारा राज्य में जमीन खरीदने के लिए कोई कानून बनाये हैं ?

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    • सम्पूर्णानंद जेल अधीक्षक सहित तीन पर कोर्ट के आदेश पर गैंगरेप का मामला दर्ज
  • जेल में भी महिला कैदियों का यौन शोषण व बदसलूकी किये जाने का भी लगाया गया है आरोप
आरोपित जेलर का वायरल वीडियो

रुद्रपुर 10 अगस्त 2018 । बिहार व यूपी के बालिका संरक्षण गृह में हुई दुष्कर्म के मामलों के बाद उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल व सितारगंज की संपूर्णानंद खुली जेल परिसरों में पीसीएस स्तर के अधिकारी जेल अधीक्षक व जेल अधिकारी सहित तीन लोगों पर एक महिला बंदी से दुष्कर्म करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। हालांकि मामला पुराना है। महिला ने पहले पुलिस में शिकायत की, किंतु पुलि ने मामला दर्ज करने में टालामटोली की, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है।मामले में आरोपी जेलर की शीघ्र गिरफ्तारी हो सकती है। मामले में जेलरों की अय्याशी का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। साथ ही महिला के द्वारा संपूर्णानंद जेल में होने वाले कई काले कारनामों, यहां जेल में कैदियों के पास मोबाइल होने और यहीं गत दिनों जसपुर में भाड़े के शूटर द्वारा की गयी हत्या का तानाबाना यहीं बुने जाने, जेल में महिला कैदियों का यौन शोषण भी किये जाने जैसे सनसनीखेज खुलासे भी किये है। 

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p style=”text-align: justify;”>यह है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार रुद्रपुर निवासी एक महिला ने खटीमा के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया था कि उसके भाई के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर वर्ष 2003 में उसे भी हल्द्वानी जेल भेज दिया गया था। हल्द्वानी जेल में तत्कालीन डिप्टी जेलर और वर्तमान में संपूर्णानंद जेल के अधीक्षक टीडी जोशी ने उसे अपने कार्यालय में बुला कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके कुछ दिन बाद वह जमानत पर रिहा हो गई, और जोशी की संपूर्णानंद जेल सितारगंज में तैनाती हो गई। बदकिस्मती से वह भी यहां राजस्व विभाग की जमीन पर खेती बाड़ी करने के साथ ही वह जेल में एक संस्था के माध्यम से कार्य कर रही थी। ऐसे में एक बार फिर उसकी मुलाकात जेल अधीक्षक से हो गई। महिला ने आरोप लगाया कि अक्तूबर 2016 में जेल अधीक्षक ने फिर उसे अपने कार्यालय बुला कर उसके साथ छेड़छाड़ की, जिसका उसने विरोध किया। इसके बाद आरोपी जेल अधीक्षक अपने साथ जेल अधिकारी जयंत पांगती व राकेश सिंह को साथ लेकर नवंबर 2016 में उसके घर आया, और उसके साथ गैंग रेप किया। यही घटना तीनों आरोपियों ने 26 जनवरी 2017 की रात करीब 8.30 बजे भी दोहराई। इस दौरान मोबाइल से उसकी वीडियो भी बनाई और इसे इंटरनेट पर अपलोड कर बदनाम करने व बच्चों की धमकी देते हुए इसके बाद भी उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। इधर 3 मई 2018 की रात को भी आरोपियों ने एक बार फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद 18 जून 2018 को उसने एसएसपी, मुख्य सचिव, आईजी, डीआईजी, डीजीपी और महिला आयोग की अध्यक्ष को पत्र भेज कर कार्रवाई की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर उसने न्यायिक मजिस्ट्रेट खटीमा की अदालत में न्याय के लिए गुहार लगाई। इस पर 28 जुलाई को अदालत ने सितारगंज थानाध्यक्ष को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी जोशी, जयंत व राकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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  • जनपद के दूरस्थ बेतालघाट विकास खंड के ग्राम रतौड़ा की घटना, राजस्व पुलिस में मुकदमा दर्ज, सिविल पुलिस कर रही मामले की तफ्तीश

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p style=”text-align: justify;”>नैनीताल, 14 जुलाई 2018। जनपद के दूरस्थ बेतालघाट विकास खंड के ग्राम रतौड़ा में एक मानसिक रूप से कुछ कमजोर 32-33 वर्षीया परित्यकता महिला से करीब 12 वर्ष बड़े उसके रिश्ते के भाई द्वारा दुष्कर्म किये जाने का मानवता को शर्मशार करने का मामला सामने आया है। घटना करीब एक-डेढ़ माह पुरानी बतायी गयी है। महिला पहले लोकलाज के भय से मामले को छुपाये रही, परंतु अब समस्या बढ़ने की वजह से उसने अपनी भाभी को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद उसके भाई की तहरीर पर राजस्व पुलिस में आरोपित 45 वर्षीय भगत सिंह दर्मवाल के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं राजस्व पुलिस के पुलिस कार्यों का परित्याग करने की स्थितियों के बीच बेतालघाट पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेतालघाट मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर खैरना की ओर स्थित रतौड़ा गांव में पीड़िता करीब 4-5 वर्ष से पति व ससुराल वालों से ठुकराये जाने के बाद मायके में ही भाई-भाभी के साथ रहती है। वहीं रिश्ते में भाई ही लगने वाला आरोपित नशेड़ी व लड़ाकू प्रवृत्ति का है। वह पूर्व में अपनी पत्नी व बच्चों सहित ससुर के साथ भी मारपीट कर चुका है। उसकी रोज-रोज की मारपीट से परेशान होकर उसकी पत्नी दो बच्चों को लेकर करीब दो वर्ष पूर्व अपने मायके चली गयी है, जिसके बाद से वह अकेला रहता है। इधर घटना के दिन पीड़िता के भाई-भाभी एक विवाह में शामिल होने गये थे, जिस कारण वह घर में अकेली थी। आरोप है कि इस बीच आरोपित शराब के नशे में उसके घर में जबरन घुसा और दुष्कर्म कर दिया। बेतालघाट के थाना प्रभारी रोहिताश सागर ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल कराकर सबूत इकट्ठे किये जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: मसूरी के प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल में रैगिंग के नाम पर चार छात्राओं के साथ बलात्कार !

-जिस बोर्डिंग स्कूल में यौन शोषण होने का आरोप लगा है, वह बहुत ही प्रतिष्ठित स्कूल है। वहां कई एनआरआई परिवारों के बच्चे भी पढ़ते हैं

एक पीड़िता ने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया, और इससे पहले एक पत्र लिखकर स्कूल के अंदर रेप होने की बात कही

देश में बलात्कार की घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अब ताज़ा मामला उत्तराखंड में मसूरी के एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल में चार छात्राओं के साथ रैगिंग के नाम पर वरिष्ठ छात्रों के द्वारा बलात्कार किये जाने का सामने आया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर मामले की जांच करने और मामले की रिपोर्ट 15 दिनों में देने के आदेश दिए हैं। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सचिव कामिनी गुप्ता ने बताया कि जिस बोर्डिंग स्कूल में यौन शोषण होने का आरोप लगा है, वह बहुत ही प्रतिष्ठित स्कूल है। वहां कई एनआरआई परिवारों के बच्चे भी पढ़ते हैं।

मामला मसूरी के एकबोर्डिंग स्कूल का है। यहां नया प्रवेश लेने वाली चार छात्राओं का आरोप है कि वरिष्ठ छात्रों ने 6 मई को कथित रूप से रैगिंग के नाम पर उनका रेप किया। इसके बाद चारों छात्राएं स्कूल से घर को भाग निकलीं और अपने परिजनों को जाकर स्कूल में यौन शोषण होने की बात बताई। छात्राओं ने यह भी बताया कि बोर्डिंग स्कूल में नहाने की जगह पर कोई दरवाजे नहीं हैं। सिर्फ पर्दे लगे हैं। इस पर एक छात्रा के परिजन  ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि छात्राएं मानसिक रूप से बेहद प्रताड़ित हैं। उनमें से एक ने आत्महत्या करने का भी प्रयास किया। आत्महत्या का प्रयास करने से पहले उसने एक पत्र लिखा, जिसमें स्कूल के अंदर रेप होने की बात कही। शिकायतकर्ता ने बताया कि छात्रा ने अपनी डायरी में जो लिखा है उसे पढ़कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। उनके पास छात्रा की रिकॉर्डिंग भी है। उन्होंने आयोग को वह रिकॉर्डंग भी सौंपी, जिसमें वे स्कूल प्रशासन से बात कर रहे हैं। सभी छात्राओं को उनके घर वापस भेजा जा रहा है। इस मामले में जल्द ही कार्रवाई की आवश्यकता है।

यह भी पढ़ें : बच्चों के मोबाइल फोन नियमित रूप से चेक करें अभिभावक, ताकि….: खंडूड़ी

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p style=”text-align: justify;”>-मासिक अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी ने दिये निर्देश
नैनीताल। एसएसपी जनमेजय खंडूड़ी ने अभिभावको से अपील की है कि वह अपने बच्चों के प्रति सतर्कता बरतते हुए उनके मोबाइल फोन इत्यादि नियमित रूप से अवश्य चेक कर लें, ताकि उनके बच्चे, स्कूली छात्र-छात्राएं कही गलत संगत में ना पड़ जायें। इस सम्बन्ध में उन्होंने पुलिस अधिकारीयों को स्कूल-कॉलेजो में गोष्ठियां आयोजित कर जन-जागरुकता फैलाने तथा असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने हेतु स्कूल-कॉलेजों एवं कोचिंग सेंटरो के बाहर सादे वस्त्रो में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाने के लिए भी निर्देशित भी किया।
स्थानीय पुलिस लाइन सभागार में अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के मासिक सम्मेलन व अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी श्री खंडूड़ी ने इसके अलावा आसन्न नगर निकाय चुनावों के दृष्टिगत सतर्क दृष्टि रखते हुए 107-116 सीआरपीसी एवं गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही एवं समय-समय पर हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी करने हेतु निरोधात्मक कार्यवाही करने, यातायात ड्यूटी में लगाए जाने वाले पुलिसकर्मियों से ड्यूटी के दौरान शालीनता पूर्वक व्यवहार करने एवं किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा इत्यादि का प्रयोग ना करने हेतु निर्देशित किया गया। .इसके अलावा आगामी 24 अप्रैल से 30 अप्रैल तक नैनीताल पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान चलाने और इस दौरान वाहन चालकों को हेलमेट की अनिवार्यता एवं यातायात के नियमों के संबंध में जागरुक करने व यातायात का उल्लंघन करने पर एमवी एक्ट के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही करने को कहा।

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कठुआ मामले में यह भी जानें

(Am I Next ?)  कठुआ के बाद क्या मैं ? छात्राओं ने मौन जुलूस निकालकर पूछा सवाल

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p style=”text-align: justify;”>नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के हरमिटेज परिसर स्थित आईपीएसडीआर के छात्र-छात्राओं ने मुंह पर काली पट्टी बाँध कर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीया बच्ची आसिफा की मौत पर मौन जुलूस निकाला और हाथों में ली गयी पट्टियों के माध्यम से पूछा ‘एम आई नेक्स्ट’ यानी क्या अगली पीढ़ित वे होंगी। केवल तीन शब्दों का गहरे अर्थ लिये यह संदेश अनेक लोगों के दिलों तक उतरा और प्रधानमंत्री मोदी के ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के आह्वान के बावजूद बेटियों के साथ अनवरत हो रही हैवानियत पर समाज को कड़ा सवाल भी दे गया।
इस दौरान छात्राआंे ने मल्लीताल बैंड स्टेंड के सामने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी बेटियों के साथ हो रही अमानवीयता को उजागर किया। उन्होंने वे भी इंसान हैं और उन्हें भी सकुशल जीने का हक है, जैसे मार्मिक संदेश लिखी हुई पट्टियां भी हाथों में ली हुई थीं। उन्होंने आसिफा को न्याय दिलाने की गुहार भी लगाई। मौन जुलूस में रमनदीप कौर, मेघा राज, पिंकी बिष्ट, विशाखा जोशी, महिमा अधिकारी, अनीता बिष्ट, कविता भट्ट, तान्या, अंजलि, ऋषभ जोशी, छात्र संघ अध्यक्ष अभिषेक मेहरा व शार्दूल नेगी आदि भी शामिल रहे।
इधर देर शाम कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम में गजाला कमाल, मुन्नी तिवाड़ी, ईशा साह, नीतू बोहरा, नाहिद, बुशरा, मंजू, पवन जाटव, समीर अली, हरीश, अनश खान, अतीक हुसैन, दीपंक, राज कमाल व शादाब आदि ने मल्लीताल पंत मूर्ति के नीचे इसी घटना को लेकर प्रदर्शन किया और मोमबत्तियां जलाईं।

हाँ, एक पक्ष यह भी है.. चूंकि अगले वर्ष 2019 में देश में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं, इसलिए तय मानिये कि चुनाव होने तक देश में महिलाओं, दलितों व अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे, बढ़ाए जायेंगे अथवा बढ़ते हुए नज़र आयेंगे। यह साजिशन होगा या कि स्वाभाविक तौर पर, इस पर नज़र रखियेगा जरूर …

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भावनाओं के ज्वार से विचार ठहर नहीं पाते इसलिए समझ नहीं आ रहा कि शुरू कहाँ से करें। कामुकता पर आभासी शब्द बाण चलाने वालों पर निशाना साधा जाए या वासना से घायल को छद्म नैतिकता और न्याय की लोरी सुनाने वालों को कोसें। शुरुआत सुब्रमनियम स्वामी के नपुंसक सर्जरी वाले बयान से करना ही ठीक होगा।
स्वामी जी ने सलाह दी है कि बलात्कारियों को फांसी देना नाकाफी है इसलिए सर्जरी करके उन्हें लिंगहीन कर दिया जाए। सुनने में भी यह न्याय का क्रांतिकारी विचार लगता है। लेकिन, यह क्रांतिकारी विचार पूर्णतः अव्यवहारिक है क्योंकि लिंग के शमन से व्यक्ति की सोंच और समझ का शमन नहीं होता। वासना व्यक्ति के में पनपती-बसती है, लिंग में नहीं। ऐसे में लिंग का शमन और खतरनाक रूप ले सकता है। व्यक्ति पर हावी कामुकता के दौरान यदि उसका शरीर किसी अप्राकृतिक कारण से असहयोग करे तो यह असहयोग उसे और उत्तेजित करेगा। उसके भीतर कुंठा, क्रोध और अपराध को हवा देगा, जिसके कारण सम्मुख उपस्थित महिला या बच्ची को और भी भयंकर स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। संभव है कि वह स्थिति बलात्कार से भी ज्यादा विभत्स हो जाए। 
एक अन्य विचार पर काम शुरू हुआ है। सरकार अब यौन संबंधी अपराधियों का लेखाजोखा तैयार करेगी। कामुक प्रवृत्ति के लोगों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए यह कवायद की जा रही है। स्पष्ट है कि आंकड़ों में उन अपराधियों को शुमार किया जाएगा, जिनका अपराध या प्रवृत्ति सार्वजनिक हो चुकी है। मतलब इस प्रकार के आंकड़े नए कामुक लोगों की पड़ताल में मददगार नहीं होंगे। जबकि यौन संबंधी अपराधों का सबसे महत्वपूर्ण एवं मुश्किल तथ्य यही है कि इसे अंजाम देने वाले लोग अधिकांतः अंतर्मुखी होते हैं और नियोजित तौर-तरीकों से अपराध करते हैं। घटना से पूर्व उनके मन को पढ़ना और पहचानना लगभग असंभव होता है। 
अब बात बलात्कारियों को मृत्यदंड दिए जाने की। दंड कठोर दर कठोर किए जाने के बावजूद कागजों में यौन अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं। यह बड़ी कठिन स्थिति है क्योंकि यदि इसके बाद भी अंकुश नहीं लगा तब क्या उपाय होगा? और, अभी तक के अकादमिक, प्रशासनिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक प्रयासों के बावजूद ऐसे अपराध घटने के बजाय बढ़ क्यों रहे हैं? स्पष्ट है कि कहीं न कहीं एक बड़ी चूक हो रही है। यह चूक हमारे विमर्श में है, मंथन में है। यही वजह है कि हम समस्या के मूल में नहीं पहुंच पा रहे। क्योंकि अगर सारभौमिक सिद्धांतों की कसौटी पर समस्या के मूलभूत कारणों की पहचान हो जाती तो उससे निदान के उपाय भी मिलते। 
समस्या का मूल यह है कि हम कॉन्डोम के लिए बिंदास बोलने को तैयार हैं, पैडमैन का शोर मचाने को तत्पर हैं मगर, कामुकता पर बातचीत के लिए कोई आगे नहीं आना चाहता है। मसलन, 90 फीसद लोग इस स्तम्भ को बलात्कार और यौन शोषण से संबंधी जानकर ही इससे अलग हो जाएंगे। इसपर अपनी राय जताने से बचेंगे। यही मानव प्रवृत्ति इस समस्या से निजात नहीं मिल पाने का मुख्य कारण है। दूसरे शब्दों में कहें तो इतनी गंभीर समस्या पर सही लोगों की घोर चुप्पी ही गलत लोगों की ताकत है। विमर्श नहीं होने से अधिकांश लोग कामुकता और इस प्रकार की प्रवृत्तियों के तानेबाने से अनभिज्ञ रह जाते हैं, जिसका सीधा फायदा अपराधियों को मिलता है। मोहल्ले में दो बाइक चोरी होने पर घर-घर कोहराम मच जाता है। उसी मोहल्ले के किसी मनचले से अलग रहने भर को अभिभावक समझते हैं। 
समस्या सचमुच बहुत गंभीर है और यह किसी राज्य या देश की सीमाओं तक सीमित न होकर वैश्विक है। दुनिया के तमाम देशों में महिलाओं के साथ यौन हिंसा की समस्या भारत से भी कई गुना अधिक बड़ी और जघन्य है। यदि इसपर सही-सही विमर्श हो तो शायद भारत इस भयंकर समस्या से उन्मूलन में पूरे विश्व का नेतृत्व कर सकता है।
कामुकता और इसकी प्रवृत्ति पर विमर्श करते समय हमें अपनी समझ के आयाम को थोड़ा उदार करने की दरकार है। फिर हमें समझना होगा कि मानव निर्मित समाज और प्रकृति निर्धारित समाज के मध्य सामंजस्य और विरोधाभास कहाँ और क्यों उपस्थित हैं। जानवर से अलग पहचान स्थापित करने की कड़ी में इंसानों ने जो सिद्धांत, नैतिकता के मानदंड और कानून रूपी निषेध स्थापित किए हैं, क्या उन निषेधों ने प्राकृतिक मनुष्य को अप्राकृतिक जीवन जीने के लिए मजबूर किया है। क्या इस निषेध का अवसाद इंसान को दूसरों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण के लिए प्रेरित या बाध्य करता है? क्या अचेतन मस्तिष्क में प्राकृतिक और सामाजिक जीवन के बीच का द्वंद्व मुक्त एवं निष्ठुर मानसिकता को और घातक बना देता है? शायद हाँ! संभवतः यही वह प्रश्न हैं, जिनके उत्तर में इस गंभीर संकट का हल निहित है। 
ऐसे में नए कानून बनाने या पुराने कानूनों को कठोर करने के बजाय यह विचरना लाभप्रद होगा कि मौलिक त्रुटियों को कैसे सुधारा जाए। प्राकृतिक सत्य को आत्मसात कर कैसे नए रास्ते तलाशे जाएं, जिससे यौन उत्पीड़न जैसे पाशविक कृत्यों को न्यूनतम किया जा सके। सड़क पर मूत्र विसर्जन, थूकने या कूड़ा फेकने का दंड तभी न्यायसंगत है, यदि निश्चित दूरी और स्थान पर मूत्रालय और कूड़ेदान की व्यवस्था कर दी जाए। घर में शौचालय होते हुए भी कोई कमरे में पेशाब करे तो निश्चित तौर पर वह मानसिक रोगी है। किंतु, शौचालय नहीं होने पर कोई कमरे में पेशाब करे तो यह स्थापना संबंधी विफलता से उपजी हुई समस्या कहलाएगी। और यह सबकुछ तभी संभव है, जब कामुकता और अंतर्मुखी प्रवृत्तियों पर लोग खुलकर बोलेंगे। अव्यवहारिक लिहाज त्यागकर विमर्श करेंगे। (अनिल कामिल)

दिल्ली गैंग रेप कांड के बाद तो दावा किया गया था-जाग गया है पूरा देश ! फिर क्यों नहीं रुक रहे बलात्कार, क्यों हुई कठुवा-सूरत जैसी हैवानियत ?

दिल्ली गैंग रेप कांड और इसके बाद जो कुछ भी हुआ है, वह कई मायनों में अभूतपूर्व है। इस नृशंशतम् घटना के बाद कहा जा रहा था कि देश ‘जाग’ गया है, 125 करोड़ देशवासी जाग गए हैं, लेकिन सच्चाई इसके कहीं आसपास भी नहीं है। सच्चाई यह है दिल्ली गैंग रेप कांड के बाद भी ऐसे नृशंशतम मामलों का अंतहीन सिलसिला, बदायूं, लालकुआं, रामनगर, शीशमहल हल्द्वानी, 29 जुलाई 2016 की  रात्रि बुलन्दशहर के निकट एनएच-91 पर पिता के समक्ष पत्नी व नाबालिग बेटी के साथ तथा जम्मू के कठुवा व यूपी के उन्नाव के साथ ही बिहार के सासाराम व गुजरात के सूरत हुई वहशियाना घटनाओं के साथ जारी है। सच यही है-न देश अन्ना के आंदोलन के बाद जागा था, और न ही अब जागेगा।

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उत्तर प्रदेश में आपका स्वागत है !

हमारी आदत है, हम आधुनिक सुख-सुविधाओं के साथ आराम तलब होते चले जा रहे है। हम पहले जागते नहीं, और कभी देर से जाग भी गए, तो वापस जल्दी ही सो भी जाते हैं। यदि जाग गए होते तो दिल्ली की घटना के ठीक बाद बस से नग्नावस्था में फेंके गए युवक व युवती को यूं घंटों खुद को लपेटने के लिए कपड़े की गुहार लगाते हुए घंटों वहीं नहीं पड़े रहने देते। और तब ना सही, करोड़ों रुपए की मोमबत्तियां जलाने-गलाने के बाद ही सही, जाग गये होते तो अब देश में कोई बलात्कार न हो रहे होते, जितने लोग शीशमहल कांड की पीड़िता के बलात्कारी हत्यारे को सरेआम फांसी पर लटकाने और तड़फा-तड़फा कर मारने के कमेंट कर और मार्च निकालने को आगे आये, उसके एक फीसद से भी कम, कुछ सौ लोग भी यदि घटना के तत्काल बाद आस-पास 100-500 मीटर के दायरे में बच्ची की तलाश में जुटते तो आज इस सब की जरूरत ही न पड़ती। बुलंदशहर के साथ ऐसी अमानवीय घटनाओं का अबाध सिलसिला जारी न रहता।

सच्चाई यह है कि दिल्ली की घटना के बाद तो देश में जैसे बलात्कार के मामलों की (या मामलों के प्रकाश में आने की) बाढ़ ही आ गई है। इसका अर्थ तो यह हुआ कि कि देश की बड़ी आबादी को दिल्ली और इस जैसे कांडों की जानकारी ही नहीं है, और देश की अन्य समस्याओं, भूख, गरीबी, बेकारी, बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार के बीच वह अपने लिए दो जून की रोटी जुटाने में सो ही नहीं पाता, तो जागेगा क्या। वह आज भी आजादी के पहले जैसी ही जिंदगी जीने को अभिशप्त है। उसके पास चुनाव के दौर से सैकड़ों की संख्या में ‘उगे’ खबरिया चैनल दूर, रेडियो तक मयस्सर नहीं है। फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशियल साइटों का तो उसने नाम भी न सुना होगा। स्थिति यह है कि एक आंकलन के अनुसार हमारे देश में हर 6 मिनट पर एक महिला के खिलाफ अपराध को अंजाम दिया जाता है और केवल चार प्रतिशत बलात्कार के मामले ही अनजान लोगों द्वारा किए जाते हैं, यानी 96 प्रतिशत बलात्कार जानने-पहचानने वालों द्वारा किए जाते हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि बलात्कार के साथ ही अवैध संबंध बनाने वालो का क्या मनोविज्ञान है।

कठुवा व उन्नाव की घटनाओं पर महिला संगठनों ने लगाए ‘आजादी’ के नारे

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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>नैनीताल। बीते सप्ताह जम्मू के कठुवा व यूपी के उन्नाव के साथ ही बिहार के सासाराम व गुजरात के सूरत सहित देश भर में बेटियों के साथ हुई अमानवीय घटनाओं से दिल्ली के निर्भया कांड की यादें एक बार फिर ताजा होने लगी हैं। रविवार को इन घटनाओं के विरोध में जनपद की महिला मैत्री, प्रयास, विमर्श, स्यैंणियों का संगठन, आवाज व महिला मंच आदि संगठनों की अगुवाई में महिलाओं व बालिकाओं ने नगर में रैली निकाली। रैली में महिलाएं हमें चाहिए आजादी, पढ़ने-लिखने की आजादी, बच्ची मांगे आजादी, हिंसाओं से आजादी, आज के भारत की यही निशानी-हिंसा बलात्कार और मनमानी, जब कातिल उतरे सड़कों पर-जब ताले लगे लबों पर-आवाज उठाना लाजमी है-आवाम जगाना लाजमी है तथा बेटी को ज्ञान दो-बेटी को सरकार दो एवं स्टॉप रेप नाव के साथ ही ‘पुरुष बुरे नहीं होते, औरत को नुकसान पहुंचाने वाली सोच बुरी है’ जैसे नारे लिखी तख्तियां लहराई गयीं और नारे लगाए गए।
रैली तल्लीताल बाजार के क्रांति चौक से प्रारंभ हुई और मल्लीताल पंत पार्क पर आकर समाप्त हुई। रैली में विमर्श संस्था की कंचन भंडारी, मैत्री की बसंती पाठक, प्रयास की सुनीता शाही, महिला मंच की बिमला असवाल व तारा शाही के साथ ही मेघा, यमुना, नीतू, प्रियंका, भारती, दिव्या, अनिल कार्की, पंकज, भरत, गिरिजा पाठक, महेश जोशी व अमित मेहता सहित बड़ी संख्या में लोग व खासकर महिलाएं व बालिकाएं मौजूद रहीं।

महिलाएं ही करती हैं संस्कारवान परिवार व देश का निर्माण

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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-आरएसएस का मातृशक्ति सम्मेलन हुआ आयोजित
नैनीताल। देश में चर्चा में चल रहीं कठुवा व उन्नाव की घटनाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का परिवार प्रबोधिनी मातृ शक्ति सम्मेलन रविवार को मुख्यालय स्थित आर्य समाज मंदिर में आयोजित हुआ। इस अवसर पर विद्या भारती के प्रांत संगठन मंत्री भुवन जी ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि एक महिला ही अपने परिवार को बेहतर संस्कार दे सकती है, और इससे ही एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कुंती का उदाहरण देकर परिवार को बांधने की कहानी सुनाई एवं मैकाले द्वारा शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के जरिये देश में भारतीयता को विखंडित कर अंग्रेजियत थोपने का भी जिक्र किया।
अध्यक्षता करते हुए शुमा कंसल व अन्य वक्ताओं ने कहा कि जिस परिवसार में महिलाएं पूजी जाती हैं, यानी उनका सत्कार होता है वहां दिव्य गुण, दिव्य भोग और उत्तर संतान उत्पन्न होती हैं। और जहां ऐसा नहीं होता है, वहां सभी तरह के कार्य निष्फल होते हैं। भारत वर्ष में महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है। वर्तमान समय में उन्नाव व कठुवा की घटनाओं की तरह समाज में महिलाओं के बारे में एक वर्ग में जो अपराध बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है। इन स्थितियों से यथाशीघ्र देश को बाहर निकलने की जरूरत है। कार्यक्रम में नगर संघचालक डीएसबी परिसर के प्रोफेसर डा. हरीश चंदोला, नगर कार्यवाह सुयश पंत, नगर परिवार प्रबोधन प्रमुख धर्मेंद्र, जिला प्रचारक मनोज, केपी काला, विमला अधिकारी, तारा राणा, रीना मेहरा सहित अनेक महिलाएं मौजूद रहीं।

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मीडिया ने निस्संदेह एक हद तक शहरी और कस्बाई जनता को जगा दिया है। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि “ऐसे लोग” मीडिया से नहीं जागते। सरकार और राजनीतिक दलों को मीडिया से दूर सोई जनता को जगाने का हुनर आता है। वह चुनाव के दिन मीडिया से कोसों दूर, सोई जनता को चुनाव के दौरान घर से बाहर निकालकर बूथों तक लाकर अपने पक्ष में वोट भी डलवा देते हैं, जबकि कथित तौर पर ‘जागे’ लोग वोट डालते वक्त ‘सो’ जाते हैं, यह भी सच्चाई है। लिहाजा, यह गलतफहमी ही कही जाएगी, कि देश जाग चुका है। अच्छा हो सरकार और राजनीतिक दल एक दिन के बजाए रोज के लिए इस पूरी जनता को जगा दें। और जो एक चौथाई लोग कथित तौर पर मीडिया और सोशियल मीडिया से जागे हैं, चुनाव के दिन अपनी आदत से ही सो ना जाऐं।

एक समाधान यह हो सकता है, शिक्षा में नैतिक शिक्षा विषय को बढ़ावा दिया जाए। आज कई एकल परिवारों में बच्चों को भाई-बहन का रिश्ता भी नहीं पता होता। उन्हें इसका ज्ञान दिया जाए। वहीं लगातार बढ़ते जा रहे आर्थिक असंतुलन के कारण समाज उभर रहे एक बड़े रोटी के एक टुकड़े या चंद रुपयों के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले उपेक्षित वर्ग के लोगों, खासकर बच्चों-युवाओं के बीच जाकर उनके मन में भी अपने घर, परिवार, समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान, आदर का भाव जगाया जाए। उनके बीच नुक्कड़ नाटक जैसे जागरूकता के कार्यक्रम चलाकर सरकार इस दिशा में पहल कर सकती है।

आइये बलात्कार की समस्या को समग्रता से समझें….

मनोवैज्ञानिक व सामाजिक पहलू:

बलात्कार की समस्या को समग्रता से समझें तो मानना होगा हमारी बहुत सी समस्याएं लगती तो शारीरिक हैं, लेकिन होती मानसिक हैं। बलात्कार भी एक तरह से तन से पहले मन की बीमारी है। और इसकी जड़ में समाज के अनेक-शिक्षा, लिंग, सामाजिक-आर्थिक स्तर के विभेद जैसे अनेक कारण भी हैं। कानून, पुलिस और न्यायिक व्यवस्था का प्रभाव तो बहुत देर में आता है। इन समस्याओं पर सतही चर्चा करने के बजाए गहन मंथन करने की भी जरूरत है। अधिकतर लोग क्यों बलात्कार करते हैं ? इससे पहले एक बात पर शायद सभी सहमत हों कि यौन आवश्यकता हर जीवधारी में भोजन की तरह ही मूलभूत होती है, और पीढ़ियों के आगे बढ़ने के लिए जरूरी भी है। मनुष्य ने इस आवश्यकता को विवाह नाम के सामाजिक बंधन से बांध दिया है। विवाह में सबसे पहले, खासकर पुरुषों की हर वर्ग में और आर्थिक रूप से समर्थ वर्ग में महिलाओं (पुत्रियों) की पसंद का ध्यान रखा जाता है। विवाह से पूर्व कम उम्र में, जबसे मनुष्य के बच्चों के कोमल मन के साथ मस्तिष्क काम करना शुरू करने लगता है, छुपा कर रखे गए व गुप्त बताए जाने वाले खुद के एवं विरोधी लिंग के अंगों के प्रति जानने की इच्छा बढ़ने लगती है। यही समय है जब माता-पिता बच्चों की उनके अंगों के बारे में बताएं और अच्छे-बुरे की जानकारी दें, साथ ही स्कूलों में नैतिक, संस्कारवान शिक्षा दी जाए। जरूरी समझी जाए तो यौन शिक्षा भी दी जाए। जरूरी हो तो भूख और सैक्स का मनोविज्ञान भी समझा जाए। भूख को पेट की और सैक्स को शरीर की आग और दोनों को बेहद खतरनाक कहा जाता है। सैक्स की आग में शरीर की भूख के साथ ही मन की भी बड़ी भूमिका होती है, जिस पर मनुष्य की शैक्षिक, आर्थिक व सामाजिक स्थिति भी अत्यधिक प्रभाव डालती है। निठारी कांड इन दोनों भूखों को नृशंशतम् मामला था जिसमें कहा जाता है कि इन दोनों भूखों के भूखे भेड़िये दर्जनों मासूम बच्चों का बलात्कार करने के बाद उनके शरीर को भी खा गए। अफसोस, हमारी याददाश्त बेहद कमजोर होती है। हम इस कांड को कमोबेश भूल चुके हैं। मीडिया भी उसी दिन याद करता है, जब न्यायालय से इस मामले में कोई अपडेट आती है। वर्षों से मामला न्यायालय में चल रहा है। और इस “रेयरेस्ट ऑफ द रेयर” मामले में दोषियों को कब सजा होगी, कुछ नहीं कहा जा सकता।

आयु के आधार परः

इसे पहले आयु के आधार पर देखते हैं। कम उम्र के बच्चों (लड़के-लड़कियों दोनों में, भारत में अभी कम, विदेशों में काफी) में टीवी, सिनेमा व इंटरनेट की देखा-देखी और सैक्स व जननांगों के बारे में जानने की इच्छा, के कारण सैक्स संबंध बनाए जाते हैं। युवावस्था में युवक-युवतियों दोनों में शारीरिक और यौन अंगों का विकास होने के साथ यौन इच्छाएं भी नैसर्गिक रूप से बढ़ती हैं। सामाजिक व्यवस्था भी उन्हें बताती जाती है कि अब आप विवाह एवं यौन संबंध बनाने योग्य हो गऐ हो। यहां आकर व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थित उसकी यौन इच्छाओं को प्रभावित करती है। अच्छे आर्थिक व सामाजिक स्तर के लोगों में इस स्थिति में अपने लिए मनपसंद जीवन साथी प्राप्त करने की अधिक सहज स्थिति रहती है, जबकि कमजोर तबके के लोगों के लिए यह एक कठिन समय होता है। इस कठिन समय पर यदि व्यक्ति को उसका मनपसंद साथी ना मिल पाए तो उसे अच्छी और संस्कारवान, नैतिक शिक्षा ही संबल व शक्ति प्रदान कर सकती हैं। अन्यथा उनके भटकने का खतरा अधिक रहता है। इस उम्र में कुछ लोग, खासकर युवक शराब जैसे बुरे व्यसनों की गिरफ्त में फंसकर और अपनी कथित पौरुष शक्ति के प्रदर्शन की कोशिश में युवतियों से छेड़छाड़ और बलात्कार की हद तक जा सकते हैं। इससे आगे प्रौढ़ अवस्था में विवाहितों और अविवाहितों में यौन इच्छाऐं (मन के स्तर से ही) पारिवारिक स्तर पर तृप्त या अतृप्त होने पर निर्भर करती हैं।

आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक स्तर

यौन इच्छाओं की पूर्ति बहुत हद तक मनुष्य की आर्थिक, शैक्षिक व सामाजिक स्तर पर निर्भर करती है। इन तीनों स्तरों के समन्वित प्रभाव से ही मनुष्य स्वयं में एक तरह की शक्ति या कमजोरी महसूस करता है। शक्ति की कमजोरी की स्थिति में आकर गिरा व्यक्ति इससे बुरा क्या होगा की दशा में बुराइयों को दलदल में और धंसता चला जाता है, जबकि शक्ति के उच्चस्तर स्तर पर आकर भी व्यक्ति में सब कुछ अपने कदमों पर आ गिरने जैसा अहम और कोई क्या बिगाड़ लेगा का दंभ भी उसे ऐसे कुकृत्य करने को मजबूर करता है, और वह अपने बल से अपनी आवश्यकताओं को जबर्दस्ती जुटा भी लेता है, फिर बल से ही लोगों का मुंह भी बंद कराने में अक्सर सफल हो जाता है। कमजोर वर्ग के लोगों के मामले जल्दी प्रकाश में आ जाते हैं। दिल्ली कांड में भी बलात्कारी कमोबेश इसी वर्ग के हैं। कोई ड्राइवर, क्लीनर, कोई सड़क पर फल विक्रेता, और एक कम उम्र युवक। यानी किसी की भी आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक स्थिति बहुत ठीक नहीं है। वहीं, मध्यम वर्ग के लोगों में सहयोग से या ”पटा कर (जुगाड़ से)“ काम निकालने की प्रवृत्ति अधिक देखी जाती है। यह वर्ग कोई बुरा कार्य करने से पहले सामाजिक स्तर पर डर भी अधिक महसूस करता है, इसलिए एक हद तक बुराइयों से बचा भी रहता है।

महिलाओं के प्रति समाज का गैर बराबरी का रवैया

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महिलाओं, बालिकाओं के प्रति आज भी समाज में बरकरार असमानता की भावना ऐसी स्थितियों के लिए बड़ी हद तक जिम्मेदार है। माता-पिता के मन में उसे पैदा करने से ही डर लगता है कि वह पैदा हो जाएगी तो उस ”लक्ष्मी“ के आने के बावजूद बधाइयां नहीं मिलेंगी। उसे, स्कूल-कालेज या कहीं भी अकेले भेजने में डर लगेगा। फिर उस ”पराए धन“ को कैसा घर-बर मिलेगा। और इस डर के कारण बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता है। पैदा हो जाती है तो उसे यूं ”घर की इज्जत“ कहा जाता है, मानो वह हर दम दांव पर लगी रहती है। ससुराल में भी पह ”पराई“ ही रहती है, और उसे ”डोली पर आने“ के बाद ”अर्थी पर ही जाने“ की घुट्टी पिला दी जाती है कि वह कदम बाहर निकालने की हिमाकत न करे। बंधनों में कोई बंधा नहीं रहना चाहता। वह भी ”सारे बंधन तोड़कर उड़ने“ की कोशिश करती है। आज के दौर में पश्चिमीकरण की हवा में टीवी- सिनेमा और इंटरनेट उसकी ”उड़ानों को पंख“ देने का काम कर रहा है। इस हवा में उसका अचानक ”उड़ना“ बरसों से उसे कैद कर रखने वाला पुरुष प्रधान समाज कैसे बर्दास्त कर ले, यह भी एक चुनौती है। यह संक्रमण और तेजी से आ रहे बदलावों का दौर है। इसलिए विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। लिहाजा, यह कहा जा सकता है कि बलात्कार केवल एक शब्द नहीं, मानव मात्र पर एक अभिशाप है। यह केवल महिलाओं के लिए ही नहीं संपूर्ण समाज और मानवता पर कोढ़ की तरह है। इसके लिए किसी एक व्यक्ति, महिला या पुरुष, जाति, वर्ण, वर्ग को एकतरफा दोषी नहीं ठहराया जा सकता। भले ही एक व्यक्ति बलात्कार करता हो, लेकिन इसके लिए पूरा समाज, हम सब, हमारी व्यवस्था दोषी है। लिहाजा, इसके उन्मूलन के लिए हर तरह के सामूहिक प्रयास करने होंगे। और यह सब हमारे हाथ में है, जब कहा जा रहा है कि दिल्ली की घटना के बाद पूरा देश जाग गया है। ऐसे में अच्छा हो कि अदालत से इस एक मामले में चाहे जो और जब व जैसा परिणाम आऐ, उससे पूर्व ही हम सब मिलकर मानवता पर लगे इस दाग को हमेशा के लिए और जड़ से मिटा दें।

क्या कानून से रुक सकते हैं बलात्कार

वादे कितने ही किये जायें पर बेहद लंबी कशमकश और दांव-पेंच भरी कानूनी लड़ाई के बाद शायद उसके बलात्कारियों और हत्यारों को शायद फांसी दे ही दी जाए। इससे पहले बलात्कारियों, हत्यारों को फांसी की मांग करने वाले अनेक अधिवक्ता उन्हें फांसी देने का भी विरोध करेंगे। न्यायाधीश महोदय भी पूछेंगे कि क्यों फांसी ही दी जाए, आखिर हमारे कानून की भावना जो ठहरी-”एक भी निर्दोष न फंसे“ (चाहे जितने दोषी बच जाएं, जबकि अनगिनत निर्दोष सींखचों के पीछे ट्रायल के नाम पर ही बर्षों से सजा भुगतते रहें हैं।) हमारी संसद, पश्चिमी दुनिया के लिव-इन संबंधों को अपने यहां भी कानूनी मान्यता देने व विवाह जैसी सामाजिक संस्था के लिए पंजीकरण की कानूनी बाध्यता बनाने और यौन संबंधों में आपसी सहमति के लिए आयु को कम करने की पक्षधरता के बीच शायद बलात्कार को भी ”रेयर“ और ”गैर रेयर“ के अलावा कुछ अन्य नए वर्गों में भी वर्गीकृत कर दे। उम्र (नाबालिगों से सहमति के यौन संबंध भी बलात्कार की श्रेणी में हैं) व लिंग (महिलाओं, पुरुषों व किन्नरों के आधार पर तो बलात्कार के लिए भी कमोबेश अलग-अलग कानूनी प्राविधान) के साथ ही हमारे माननीय बलात्कार को जाति-वर्ण के आधार पर भी बांट दें, यानी जाति विशेष की महिलाओं से बलात्कार पर अधिक या कम सजा के प्राविधान हो जाएं तो आश्चर्य न होगा। ऐसे-ऐसे तर्क भी आ सकते हैं कि दूसरों के केवल गुप्त यौननांगों पर बलात आक्रमण या प्रयोग ही क्यों बलात्कार कहा जाए, पूरा शरीर और अन्य अंगों पर क्यों नहीं। ऐसे तर्क भी आने लगे हैं कि महिला बलात्कार के बाद ‘जिंदा लाश’ क्यों कही जाए। बलात्कार होना मौत से बदतर क्यों माना जाए। बहरहाल, इन सब कानूनी बातों और केवल इस एक मामले में कड़ा न्याय मिल जाने के बावजूद क्या दिल पर हाथ रखकर कहा जा सकता है कि देश में ऐसी घटनाओं पर रोक लग जाएगी । क्या हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित हो जाएंगी ?

दिल्ली की तरह बलात्कार का हर मामला न पहला, न आखिरी

यह सही है कि दिल्ली का बलात्कार न तो पहला था, और ना ही आखिरी। उत्तराखंड के लालकुआं में आफिसकर्मी युवती से बलात्कार का मामला भी कम वीभत्स नहीं था, जिसमें बलात्कारियों ने युवती से बलात्कार के बाद उसके खास अंगों में पेन और रुपए ठूंस दिए थे, और उसकी हत्या भी कर डाली थी। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति कर चुकी है, पर आज भी जांच शुरू नहीं हुई है। इसके अलावा लालकुआ की ही आठ साल की मासूम संजना के बलात्कार के बाद हत्याकांड का मामला। ऐसे ही और भी अनेकों मामले हैं। लेकिन, दिल्ली जैसा आक्रोश पहले कभी देखने को नही मिला। निस्संदेह, इस आक्रोश के पीछे केवल दिल्ली की छात्रा के अपमान का रोष ही नहीं, वरन देश की हर मां-बहन की इज्जत, मान-सम्मान का प्रश्न आ खड़ा हुआ था। यह देश भर में पूर्व में हुई ऐसी अन्य घटनाओं के साथ लोगों के दिलों में भीतर राख में दहल रहे शोलों और खासकर छात्राओं, किशोरियों द्वारा समाज में कथित बराबरी के बावजूद झेली जा रही जिल्लत का स्वतः स्फूर्त नतीजा था। मौजूदा व्यवस्था से बुरी तरह आक्रोशित जनता को मौका मिला, और उन्होंने अपने गुस्से को व्यक्त कर दिया।

इस सबसे थोड़ा आगे निकलते हैं। कल तक मीडिया, समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी बलात्कार पीड़िता की खबरें धीरे-धीरे पीछे होती चली जा रही हैं। सोशियल मीडिया में लोगों की प्रोफाइल पर लगे काले धब्बे भी हटकर वापस अपनी या किसी अन्य खूबसूरत चेहरे की आकर्षक तस्वीरों से गुलजार होने लगे हैं। आगे अखबरों, चनलों में कभी संदर्भ के तौर पर ही इस घटना का इतना भर जिक्र होगा कि 16 दिसंबर 2012 को पांच बहशी दरिंदों ने दिल्ली के बसंत विहार इलाके में चलती बस में युवती से बलात्कार किया था, और उसे उसके मित्र के साथ महिपालपुर इलाके में नग्नावस्था में झाड़ियों में फेंक दिया था। यह नहीं बताया जाएगा कि करीब आधे घंटे तक सैकड़ों लोग उन्हें बेशर्मी से देखते हुए निकल गऐ थे, और आखिर पुलिस ने पास के होटल से चादर मंगाकर उन्हें ढका और दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया, और जहां से हृदयाघात होने के बावजूद कमोबेश मृत अवस्था में ही उसे राजनीतिक कारणों से 27 दिसंबर को सिंगापुर ले जाकर वहां के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 29 दिसंबर की सुबह तड़के 2.15 बजे उसने दम तोड़ दिया, लेकिन पूरे दिन रोककर रात्रि के अंधेरे में उसके शरीर को दिल्ली लाया गया और 30 की सुबह तड़के परिवार के कथित तौर पर विरोध के बीच उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसा इसलिए ताकि लोग आक्रोषित ना हों, कानून-व्यवस्था के भंग होने की कोई स्थिति न उत्पन्न हो। क्योंकि पूरा देश कथित तौर पर जाग गया था।

आक्रोश के पीछे भी कोई साजिश तो नहीं थी ?

इसके बावजूद दिल्ली के साथ जिस तरह देश भर में महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी कंधे से कंधे मिलाते हुए ‘बलात्कारियों को फांसी दो’ के नारे के साथ निकल पड़े, दिल्ली में छात्र मानो 1997-97 में इंडोनेशिया के देशव्यापी छात्र आंदोलन की यादों को ताजा करने लगे और उनके समर्थन में देश भर के अनेकों छोटे-बढ़े कस्बों में खासकर युवा जुड़ गए, और दिल्ली में तो हजारों की भीड़ करीब-करीब निरंकुश होती हुई राष्ट्रपति भवन की ओर बढती हुई मिश्र में राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को गद्दी से उतारने के बाद ही थमने वाली जनक्रांति जैसा नजारा पेश करने लगी। वह सरकार ही नहीं, देशवासियों के लिए भी कान खड़े करने वाला और मौजूदा शासन व्यवस्था के साथ ही देश के लिए भी खतरे की घंटी है। लेकिन आश्चर्य की बात रही कि ऐसे हालातों पर चर्चा केवल लाठी चार्ज और एक पुलिस कर्मी की शहादत को विवादित कर पीछे धकेल दी गई। यह सोचने की जरूरत भी महसूस नहीं की गई कि ऐसा क्यों हुआ। यह आक्रोश स्वतः स्फूर्त था कि इसके पीछे भी कोई साजिश थी। देश में चल रहे अनेक अन्य जरूरी मुद्दे, गैस सब्सिडी को सीमा में बांधने, महंगाई के आसमान छूने, आरटीआई के बावजूद नन्हे बच्चों के स्कूलों में एडमिशन न हो पाने के साथ ही भ्रष्टाचार, कालाधन, जन लोकपाल, पदोन्नति में आरक्षण, अन्ना, रामदेव, केजरीवाल सभी इस आंदोलन के आगे बौने पड़ गए, जिनके द्वारा भी कभी देश को जगा देने की बात कही जा रही थी । सारे देश को जगाने वाले अन्ना या रामदेव कहीं नहीं दिखे। रामदेव और केजरीवाल दिल्ली आए भी तो उन्हें भीड़ को भड़काने के आरोप में मुकदमे ठोंककर वापस भेज दिया गया। कहीं ऐसा तो न था कि गुजरात में मोदी की हैट्रिक के रूप में प्रचारित की जा रही जीत, केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ ही बाबा रामदेव और अन्ना हजारे के आंदोलनों के साथ ही देश भर के सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करने वाले पदोन्नति में आरक्षण के बिल के लोक सभा में पास न हो पाने जैसे मुद्दों को इस नृशंशतम घटना के पीछे नेपथ्य में धकेल दिया गया। इस आंदोलन में एक खास बात यह भी रही कि कमोबेश पहली बार सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की छात्र व युवा ब्रिगेड एनएसयूआई व युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इस मामले का विरोध करने सड़कों पर उतरे। लिहाजा, यह दिल्ली सहित देश भर में ऐसा व्यापक विरोध प्रदर्शन रहा, जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल हुए, और खास तौर पर यदि सत्तारूढ़ दल की विचारधारा के लोग भी आंदोलन में शामिल रहे या शामिल होने का मजबूर हुए, तो यह वक्त है जब सरकार को संभल जाना चाहिए। अन्ना, रामदेव के आंदोलनों को दबाने, के लिए जिस तरह के राजनीतिक प्रपंच किए गऐ, उनसे अब काम चलाने से बाज आना चाहिए। आश्चर्य न होगा, यदि ऐसे में जल्द ही किसी सामान्य विषय पर भी लोग इसी तरह गुस्से का इजहार करने लगे।

समस्याएं थोपी तो नहीं जा रहीं ?

हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या क्या है ? बीते वर्ष पूरे देश को झकझोरने वाले दिल्ली गैंग रेप और हालिया बदायूं में दो बहनों की बलात्कार के बाद पेड़ पर लटका दिए जाने की घटनाओं के आलोक में यदि इस प्रश्न का जवाब देश के बच्चों से पूछा जाए तो उनमें अनेक बच्चों का भी जवाब होगा-बलात्कार। ऐसा क्यों है ? निस्संदेह, बलात्कार एक राष्ट्रीय कोढ़ जैसी समस्या है, और इस समस्या के कारण देश की महिलाओं, युवतियों, किशोरियों और यहां तक कि तीन-चार वर्ष की बच्चियों के साथ ही पूरे देश को पड़ोसी देशों के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ में तक शर्मसार होना पड़ा है। पर बच्चों के भी दिल-दिमाग में भी बलात्कार जैसा विषय क्यों ? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम नहीं कोई और हमारी समस्याएं तय कर रहा है, या समस्याएं तय कर हम पर थोप रहा है।

विगत वर्षों में पहले केंद्र और दिल्ली सरकार के राष्ट्रमंडल खेलों, टूजी स्पेक्ट्रम सहित अनेकानेक घोटाले ‘देश’ की चिंता का सबब बने रहे। बाबा रामदेव ने दल-बल के साथ देश का काला धन देश में वापस लाने के आह्वान के साथ दिल्ली कूच किया तो काला धन से अधिक बाबा रामदेव देश की मानो समस्या हो गए। खबरिया चैनल दिल्ली में उनके प्रवेश से लेकर मंत्रियों द्वारा समझाने, फिर उनके मंच पर उपस्थित चेहरों, इस बीच आए समझौते के पत्र, रात्रि में हुए लाठीचार्ज और महिलाओं के वस्त्रों में रामदेव के दिल्ली से वापस लौटने की कहानी में काला धन का मुद्दा कहीं गुम ही हो गया। फिर अन्ना हजारे जन लोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली आए तो यहां भी कमोबेश जन लोकपाल की जरूरत से अधिक अन्ना की गिरफ्तारी, उनके अनशन के एक-एक दिन बीतने के साथ उनके स्वास्थ्य की चिंता जैसी बातें देश की समस्या बन गईं, और इन समस्याओं को लेकर कथित तौर पर ‘पूरा देश’ ‘जाग’ भी गया। फिर अन्ना टीम में बिखराव व मतभेद पर ‘देश’ चिंतित रहा। आखिरकार केजरीवाल के ‘आम आदमी पार्टी’ बनाने के बाद ‘देश’ की चिंता कुछ कम होती नजर आई। लेकिन बीते वर्ष के आखिर में दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा के साथ चलती बस में हुई गैंग रेप की घटना ने तो मानो देश को झंकायमान ही करके ही रख दिया।

इन सभी घटनाक्रमों के पीछे क्या चीज ‘कॉमन’ थी। एक-दिल्ली, दो-इन घटनाओं को जनता तक लाने वाला मीडिया, तीन-सरकार और चार-आक्रोशित आम आदमी। क्या है इन चारों का आपसी संबंध ?

दिल्ली निस्संदेह देश की राजधानी और देश का दिल है। लेकिन क्यों केवल दिल्ली की खबरें ही हमारी चिंता का सबब बनती हैं। क्या बाकी देश की कोई समस्याएं नहीं हैं। क्या बलात्कार देश भर में नहीं हो रहे। क्या देश में महंगाई, भूख, गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण और भ्रष्टाचार जैसी अनेकानेक समस्याएं नहीं हैं। यदि हैं, क्या कहीं कोई बड़ी गड़बड़ तो नहीं है। मीडिया क्यों नहीं गांवों में आ सकता। क्यों उत्तराखंड के लालकुआं में ऑफिस कर्मी युवती के साथ बलात्कार के बाद उसके प्राइवेट नाजुक अंगों में रुपए व पेन आदि ठूंसने और उत्तराखंड के पहले करीब चार दर्जन लोगों की डीएनए जांच के बाद रिस्ते के फूफा के ही 13 बर्षीय बच्ची की बलात्कार बाद हत्या करने के मामले की खबरें राष्ट्रीय मीडिया की ‘पट्टी’ में भी नहीं आती। यह टीआरपी के नाम पर जो चाहे दिखाने, और उसी को राष्ट्रीय चिंता व समस्या बना देने का कोई खेल तो नहीं है।

ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं हम पर समस्याएं थोपी तो नहीं जा रही हैं। कि लो, अभी कुछ दिन यह समस्या लो, इससे बाहर कुछ ना सोचो। थोड़े दिन बाद, अब इस समस्या की घुट्टी पियो, और थोड़े दिन बाद अगली समस्या का काढ़ा पियो और अपनी वास्तविक समस्याओं को भूलकर मस्त रहो। यह कोई साजिश तो नहीं चल रही कि देश भर के लोगों की भावनाओं को चाहे जिस तरह से भड़काओ, और उनसे अपने लिए माल-मत्ता समेटो। लोगों की भावनाओं का बाजार सजा दो। देश की वास्तविक समस्याओं से लोगों का ध्यान भटका दो, और अपनी ऐश काटो। कोई बलात्कार जैसी समस्याओं का भी व्यापार तो नहीं कर रहा कि अभी मोदी अपनी जीत को ‘हैट्रिक-हैट्रिक’ कहते हुये बहुत उछल रहा है। अच्छा हुआ, बलात्कार हो गया, इसी गोटी से घोड़े को पीट डालो। रामदेव को महिलाओं के वस्त्र पहनाकर, अन्ना को केजरीवाल अलग करवाकर और केजरीवाल को राजनीति में लाकर पहले ही पीट चुके है। शतरंज की बिसात पर कोई बचना नहीं चाहिए। राजनीति में इतना दम है कि प्यांदे से राजा को ‘शह-मात’ दे दें।

(मूलतः दिल्ली के गैंग रेप कांड के दौरान लिखी गई पोस्ट)

बलात्कार-एसिड अटैक पीड़िताओं के प्रति भी संवेदनशील नहीं सरकार

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p style=”text-align: justify;”>p style=”text-align: justify;”>-पीड़िताओं को न्यायालय के आदेशों और विधिक सेवा प्राधिकरणों की संस्तुति के बावजूद नहीं मिल रहा मुआवजा
-एक वर्ष से लंबित हैं फाइलें
नवीन जोशी, नैनीताल। देश-प्रदेश में ऐसा कल्याणकारी राज्य बताया जाता है, जो कमजोरों, जरूरतमंदों को मुसीबत के समय सहारा दे। दुखियारों के दु:ख दूर करे। लेकिन उत्तराखंड सरकार अपनी इस जिम्मेदारी का कितना सही-गलत निर्वाह कर पा रही है, इसका नमूना राज्य की बलात्कार और तेजाब के हमलों की शरीर के साथ ही मन-मस्तिष्क पर असह्य पीड़ा झेलने वाली प्रदेश की नाबालिग बच्चियों को राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे से देखा जा सकता है। उत्तराखंड राज्य में ऐसी बालिकाओं, किशोरियों और पीड़ितों के लिए ‘उत्तराखंड अपराध पीड़ित सहायता योजना” लागू है, लेकिन इस योजना के तहत जनपद की एक भी पीड़िता को लाभ नहीं मिला है। जिला न्यायालयों के आदेशों एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की संस्तुतियों के बावजूद शासन में पिछले एक वर्ष से अधिक समय से फाइलें लंबित हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में बलात्कार एवं तेजाब के हमले जैसी मर्मांतक पीड़ा झेलने वाली पीड़िताओं के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए ‘उत्तराखंड अपराध पीड़ित सहायता योजना” लागू है। इस योजना के तहत सामान्यतया संबंधित न्यायालय मामले में फैसला सुनाने के साथ अपराधी से वसूली गई जुर्माने की राशि का अंश पीड़िता को देने के साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देशित करते हैं कि वह पीड़िता को शासन से भी मदद दिलाएं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व सचिव योजना के प्राविधानों के तहत पीड़िताओं को अधिकतम दो से ढाई लाख रुपए तक की सहायता की मंजूरी देते हैं, जिसके बाद जिलों के डीएम के माध्यम से संबंधित फाइलें धनराशि की स्वीकृति के लिए शासन को भेज दी जाती हैं। नैनीताल जनपद की बात करें तो यहां से एक अप्रैल 2014 से करीब आठ मामलों की फाइलें शासन में भेजी गई हैं, लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी इन मामलों में संस्तुति तो दूर शासन से प्राधिकरण को फाइल प्राप्ति का कोई जवाब भी प्राप्त नहीं हुआ है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ज्योति बाला का कहना था कि फाइलें शासन में लंबित हैं। प्रयास किया जाएगा कि पीड़िताओं को जल्द से जल्द मदद दिलाई जाएगी।

सगे पिता से पीड़ित बहनों से लेकर संजना व पूजा बलात्कार बाद हत्याकांड के मामले लंबित

नैनीताल। ‘उत्तराखंड अपराध पीड़ित सहायता योजना” के तहत शासन में सगे पिता द्वारा नौ जुलाई 2013 को बलात्कार की गई कालाढुंगी थाने के ग्राम पाटकोट निवासी दो सगी 12 व 14 वर्ष की बहनों की फाइल एक अप्रैल 2013 को शासन में भेजे जाने के बाद से लंबित हैं। दोनों बहनों को ढाई-ढाई लाख रुपए देने की संस्तुति की गई थी। इसके अलावा बिंदूखत्ता के तिवारी नगर निवासी प्रदेश के बहुचर्चित संजना बलात्कार बाद हत्याकांड मामले की फाइल भी नौ अप्रैल 2014 को भेजी गई थी। इसी तरह हल्द्वानी के भोटिया पड़ाव निवासी कविता बिष्ट पुत्री दीवान सिंह पर दो फरवरी 2008 में अज्ञात व्यक्ति ने तेजाब से हमला किया था, उसे डेढ़ लाख रुपए देने की संस्तुति की फाइल 25 मार्च 14 से, धनपुर मोटाहल्दू में 16 वर्षीया बालिका के साथ निकटवर्ती बचीपुर गांव के आनंद सिंह ने जुलाई 2011 में बलात्कार किया था, रेलवे कॉलोनी काठगोदाम निवासी 16 वर्षीया बालिका से काठगोदाम निवासी भुवन सिंह पुत्र रूप सिंह ने बलात्कार किया था एवं मूलत: मूंडा पांडे मुरादाबाद निवासी मजदूर की 10वर्षीया बेटी की साथी मजदूर ने रामनगर थाना क्षेत्र में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। इन सभी मामलों में ढाई-ढाई लाख रुपए देने की संस्तुति की गई थी, जबकि हल्द्वानी के लाइन नंबर 18 में 10 जून 2014 को हुए बहुचर्चित तेजाब हमले के मामले में जहांआरा पुत्री रईश मिया, इरशाद हुसैन व समीर सहित कुल 19 एसिड अटैक पीड़ितों को करीब ढाई लाख रुपए मुआवजा देने की संस्तुति जिला प्रशासन की ओर से की गई थी। यह सभी फाइलें शासन में अभी भी लंबित पड़ी हैं।

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