नैनीताल जनपद के केवल 10 फीसद बच्चे ही ले पाए मोदी सर की ‘क्लास’


Modi's Class in CRST Inter College Nainital
Modi’s Class in CRST Inter College Nainital
-छात्रों ने सराही पीएम की पहल
नवीन जोशी, नैनीताल। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में नैनीताल जनपद शीर्ष स्थान पर बताया जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षक दिवस के अवसर पर देश भर के स्कूली बच्चों से टीवी के माध्यम से सीधा संवाद करने की अनूठी पहल ने जनपद की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। जनपद के 18 मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों व इंटर कॉलेजों में से केवल 18 स्कूलों के यानी मात्र 10 फीसद बच्चे ही अपने प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक पहल के गवाह बन पाए। जनपद के जिला शिक्षा अधिकारी-बेसिक आरसी पुरोहित ने बताया कि इनके अलावा 13 स्कूलों में आज भी दशकों पुराने संचार माध्यम रेडियो या ट्रांजिस्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री की केवल आवाज ही सुनने को मिली। वहीं जनपद का एक भी स्कूल ऐसा नहीं था, जिसके बच्चों को प्रधानमंत्री से सीधे संवाद करने का मौका मिल पाया। अलबत्ता छात्रों ने प्रधानमंत्री की इस अनूठी पहल का दिल खोलकर स्वागत किया।

सरोवरनगरी के सबसे पुराने 1858 में अमेरिकी मिशनरियों द्वारा स्थापित चेत राम साह ठुलघरिया इंटर कालेज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टीवी के माध्यम से लाइव दिखाया गया। यहां बच्चे नगर में चल रहे श्री नंदा देवी महोत्सव के बड़े आयोजन को छोड़कर कार्यक्रम शुरू होते ही टीवी के सामने बैठ गए, और मोदी के संबोधन और बाद में बच्चों से संवाद को ध्यान से सुना। बच्चों ने मोदी की पहल की दिल खोल कर प्रशंषा भी की। 12वीं के छात्र शिवम कन्नौजिया व ऋषभ पांडे ने कहा कि पहली बार सुना कि देश के कोई प्रधानमंत्री बच्चों से सीधे बात कर रहे हैं, इसलिए नंदा देवी महोत्सव में जाने या स्कूल समय के बाद भी स्कूल में रोके जाने से कोई परेशानी नहीं हुई। शिवम को मोदी के इस सवाल ने बेहद छुवा कि क्यों कोई भी छात्र बड़ा होकर शिक्षक नहीं बनना चाहता। वहीं अविनाश को पीएम की यह बात अच्छी लगी कि उन्होंने अच्छे शिक्षकों पर जोर दिया। अन्य छात्र अंकित चंद्रा ने कहा, यदि उन्हें मौका मिलता तो वह पीएम से पूछते कि वह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए क्या नई योजना बनाने जा रहे हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज चलाने, उच्च आधुनिक तकनीकों का लाभ उन्हें भी देने तथा अमीर-गरीब सभी बच्चों के लिए एक जैसी समान शिक्षा उपलब्ध कराने की भी आवश्यकता जताई।

शिक्षकों ने पूछा-शिक्षक दिवस था या बाल दिवस

नैनीताल। शिक्षकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा दिवस पर स्कूली बच्चों से सीधे संवाद की पहल कुछ खास पसंद नहीं आई। शिक्षकों ने का, आज लगा नहीं कि शिक्षक दिवस था, बल्कि लगा कि शायद बाल दिवस जैसा कुछ था। अलबत्ता सीआरएसटी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मनोज पांडे पीएम की पहल से काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा, आज तक किसी प्रधानमंत्री ने बच्चों से इस तरह संवाद स्थापित करने की जहमत नहीं उठाई। उम्मीद जताई कि इस पहल से स्कूलों की समस्याएं सीधे प्रधानमंत्री तक पहुचेंगी और दूरी कम होगी। उन्होंने सरकारी स्कूलों को साधन संपन्न किए जाने तथा पीएम की तरह ही मंत्रियों और सचिव स्तर के अधिकारियों के द्वारा भी इसी तरह की पहल किए जाने की आवश्यकता जताई। जबकि वरिष्ठ शिक्षक कमलेश पांडे का कहना था कि आज के दिन शिक्षक पिता सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए शिक्षकों व छात्रों के बीच की दूरी को कम करने की कोई पहल होनी चाहिए थी। कार्यक्रम की सूचना देरी से मिली, इस कारण सीमित संख्या में बच्चे ही टीवी आदि संसाधन उपलब्ध न होने की वजह से कार्यक्रम देख पाए। शिक्षक राजेश लाल ने कहा कि वह आज डा. राधाकृष्णन पर संवाद, समान शिक्षा पर बात तथा सरकारी स्कूलों को अच्छे संसाधन उपलब्ध कराने एवं शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा की उम्मीद कर रहे थे। वहीं पीसी पंत का कहना था कि आज शिक्षकों को पीएम से सीधे संवाद करने, प्रश्न पूछने व अपनी समस्याएं बताने का मौका मिलना चाहिए था। शिक्षकों का यह भी कहना था कि आज उनका शिक्षक दिवस पर उपहार आदि प्राप्त करने का मौका भी गया। वह अपने दिन को पूर्व की तरह उल्लास पूर्वक नहीं मना पाए, और उल्टे टीवी जुटाने तथा पीएम के संवाद कार्यक्रम को सफल बनाने की जुगत में परेशान रहे।

कान्वेंट स्कूलों ने पीएम के आदेश की भी नहीं की परवाह

नैनीताल। नगर के अधिकांश निजी व कान्वेंट स्कूलों ने हमेशा की तरह एक दिन पहले ही शिक्षक दिवस मनाने की औपचारिकता पूरी कर ली, और आज शिक्षक दिवस के दिन छुट्टी मनाई। कुछ स्कूलों ने अपने छात्रावासों में रहने वाले बच्चों को टीवी पर प्रधानमंत्री का भाषण दिखाकर औपचारिकता पूरी की। सीआरएसटी के शिक्षक अनुपम पाध्याय ने इस पर चुटकी ली कि सारे नियम-कानून सरकारी स्कूलों पर ही चलते हैं। इस तरह की गैर समानता ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है नगर के कान्वेंट स्कूल स्वतंत्रता दिवस भी एक दिन पहले ही 14 अगस्त को मनाकर एक तरह से भारत का नहीं पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।