गजबः नैनीताल जिला पंचायत में जीत कांग्रेस की पर जीते भाजपाई


 
Yashpal Arya Hugged Dr. Indira Hridyesh and Sumitra Prasad, just after winning Nainital Jila Panchayat President Election
Yashpal Arya Hugged Dr. Indira Hridyesh and Sumitra Prasad, just after winning Nainital Jila Panchayat President Election

-विजयी अध्यक्ष सुमित्रा प्रसाद व उपाध्यक्ष पुष्कर नयाल दोनों ने भाजपा के चुनाव चिह्न पर जीता था जिला पंचायत का चुनाव

नवीन जोशी, नैनीताल। जी हां, यकीनन नैनीताल जिला पंचायत में कांग्रेस की ओर से घोषित अध्यक्ष पद प्रत्याशी सुमित्रा प्रसाद और उपाध्यक्ष पद पर पुष्कर नयाल ने चुनाव जीता है, लेकिन दोनों विजयी सदस्य न केवल मूलतः भाजपाई रहे हैं, वरन उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए जिला पंचायत सदस्य बनने की अर्हता धुर विरोधी भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न कमल के फूल पर चुनाव लड़ कर अर्जित की है। वरन, उपाध्यक्ष बने पुष्कर नयाल ने तो स्वयं को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का सक्रिय कार्यकर्ता भी बताया है। कांग्रेस प्रत्याशियों की विजय में योगदान देने वाले कम से कम दो सदस्य प्रताप गोरखा और कृष्णानंद कांडपाल भी मूलतः भाजपाई रहे हैं।

जी हां, ऐसा इतिहास में संभवतया पहली बार हुआ होगा कि किसी शीर्ष संवैधानिक संस्था के सभी शीर्ष पदों पर किसी पार्टी के समर्थन से जीते प्रत्याशी मूलतः किसी अन्य व धुर विरोधी दल से रहे होंगे। इसे आधुनिक राजनीति और सत्ता प्राप्ति के लिए किए जा रहे प्रबंधन और जोड़-तोड़ की राजनीति का एक अनूठा नमूना माना जा सकता है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को हुए जिला पंचायत के चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी सुमित्रा प्रसाद ने अध्यक्ष एवं पुष्कर नयाल ने उपाध्यक्ष पद पर एक-एक वोट के अंतर से जीत दर्ज की। दोनों को 31 सदस्यीय जिला पंचायत में 16-16 मत मिले, जबकि पराजित भाजपा अध्यक्ष प्रत्याशी नीमा आर्या और उपाध्यक्ष प्रत्याशी धीरज कुमार जोशी को 15-15 मत मिलने के कारण हार का मुंह देखना पड़ा। और इस तरह नैनीताल जिला पंचायत में लगातार चौथी बार कांग्रेस का राज कायम रहा है।

गौरतलब है कि सुमित्रा प्रसाद ने भाजपा से अध्यक्ष पद की दावेदारी करने और वहां से टिकट न मिलने पर आखिरी क्षणों में पाला बदलकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। नामांकन प्रक्रिया के दौरान आखिरी क्षणों में तीन बजने से कुछ मिनट पहले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश व हरीश चंद्र दुर्गापाल की मौजूदगी में उनका नामांकन पत्र उनकी अनुपस्थिति में दाखिल किया था। यह भी काबिल-ए-गौर है कि इस चुनाव में भाजपा से कांग्रेस में ही नहीं, कांग्रेस से भाजपा में भी सदस्यों का आना-जाना रहा। बिर राम को कांग्रेस ने कथित तौर पर अपना अध्यक्ष प्रत्याशी घोषित कर दिया था, लेकिन वह भाजपा के पाले में चले गए। इसी तरह भाजपा की ओर से उपाध्यक्ष प्रत्याशी रहे धीरज कुमार भी मूलतः कांग्रेसी हैं।

इन 16 सदस्यों ने दिए कांग्रेस प्रत्याशियों को वोट
नैनीताल। घोषित तौर पर जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद प्रत्याशियों को सुमित्रा प्रसाद, पीसी गोरखा, बीसी कफल्टिया, पुष्कर नयाल, देवकी बिष्ट, लता देवी, पूनम बिष्ट, किरन बेलवाल, नीमा बेलवाल, नीमा बृजवासी, देवकी पांडे, गणेश मेहरा, कृष्णानंद कांडपाल, महेंद्र चौधरी और डा. हरीश बिष्ट द्वारा वोट दिए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह गुप्त रही, लेकिन भाजपा व कांग्रेस दोनों के समर्थकों ने एकमुश्त, एक साथ आकर मतदान किया, लिहाजा यह दावा किया जा रहा है।

इन 15 सदस्यों ने दिए भाजपा प्रत्याशियों को वोट
नैनीताल। जिला पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को नीमा आर्या, प्रकाश गरजोला, लाखन सिंह निगल्टिया, शांति भट्ट, मंजू रावत, बिर राम, सुरजीत सिंह, दिव्या, नीलम, गीता सुयाल, नवीन मेलकानी, धीरज कुमार जोशी, विनोद कुमार व गोविंद सामंत द्वारा वोट डाले जाने का दावा भाजपा की ओर से किया गया है। इन सदस्यों ने एक साथ आकर ही मतदान किया था।

तीन मंत्रियों सहित चौथाई सरकार ने लगाया था जोर

नैनीताल। राज्य के 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल में से तीन सदस्य काबीना मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश, यशपाल आर्या और हरीश चंद्र दुर्गापाल यानी एक चौथाई सरकार ने नैनीताल जिला पंचायत में अपने पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जोर लगाया था। तीनों मंत्री पूरे चुनाव के दौरान और परिणाम घोषित होने तक जिला पंचायत कार्यालय और पास ही स्थित कांग्रेस नगर अध्यक्ष मारुति नंदन साह के आवास पर जमे रहे। नके अलावा भी मंडी परिषद व दुग्ध संघ के अध्यक्ष सहित दर्जनों वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी यहीं मौजूद रहे। जीत के उपरांत तीनों मंत्रियों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जोश देखते ही बन रहा था।

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बिजली, पानी, सड़क रहेगी प्राथमिकताः सुमित्रा

नैनीताल। जीत के उपरांत नव निर्वाचित जिपं अध्यक्ष सुमित्रा प्रसाद ने अपने क्षेत्र कुसुमखेड़ा की जनता को अपनी ताजपोशी का श्रेय दिया। कहा कि भाजपा से टिकट न मिलने के बाद भी क्षेत्र की जनता चाहती थी कि वह अध्यक्ष बनें, इसलिए वह कांग्रेस में आईं। बताया कि उनका मायका पिथौरागढ़ जिले में दसांईथल गंगोलीहाट के पास है। ससुर डीएफओ एवं पति ग्राम विकास अधिकारी हैं। बिजली, पानी और सड़क का विकास उनकी प्राथमिकता में होगा।
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भाजपा कार्यकर्ताओं को भूल जाती हैः पुष्कर
नैनीताल। उपाध्यक्ष पद पर जीते पुष्कर नयाल ने कहा कि वह आरएसएस से भी जुड़े हैं। भाजपा को केवल चुनाव में संगठन की याद आती है, और बाद में वह कार्यकर्ताओं को भूल जाती है। जिपं सदस्य के चुनाव में उन्हें केवल भाजपा का चुनाव चिन्ह मिला था, इसके अलावा पार्टी ने कोई मदद नहीं की। पड़ोस के गांव के होने के बावजूद विधायक भी उनके क्षेत्र में नहीं आए। राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस का दामन थामा।

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बिष्ट की कुर्बानी की रही जीत में भूमिका
नैनीताल। जिपं के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत में डा. हरीश बिष्ट की जीत की मत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। बिष्ट ने भाजपा से आए सदस्य पुष्कर नयाल का वोट अर्जित करने के लिए अपना उपाध्यक्ष पद पर किया गया नामांकन वापस ले लिया था, इस कारण कांग्रेस का वोट भाजपा के मुकाबले एक अधिक रहा। 2009 के जिपं चुनावों में भी कुछ इसी तरह उनकी पत्नी गीता बिष्ट ने उपाध्यक्ष पद के लिए किया गया नामांकन वापस लेते हुए कांग्रेस प्रत्याशी तारा नेगी की जीत सुनिश्चित की थी। इस बार गीता भीमताल ब्लॉक प्रमुख बनने में सफल रही हैं। अलबत्ता बिष्ट कई बार विधायक पद के टिकट से वंचित कर दिए जाते रहे हैं।

भाजपा-कांग्रेस दोनों ओर से तीन-तीन सदस्यों ने की क्रास वोटिंग

नैनीताल। जिला पंचायत चुनावों के परिणाम आने के बाद छन-छन कर आ रही खबरों के मुताबिक भाजपा और कांग्रेस दोनों ओर से तीन-तीन सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग की है। गौरतलब है कि भाजपा नेता कांग्रेस खेमे के साथ आए 16 सदस्यों में से तीन सदस्यों के अपनी ओर मतदान कने की संभावना जता रहे थे। बताया जा रहा है कि इन सदस्यों को 30-30 लाख रुपए की धनराशि दी गई थी। इन कांग्रेसी सदस्यों ने भाजपा के पक्ष में वोट भी किया। इसके उलट कांग्रेस ने भी भाजपा के खेमे में रहे तीन सदस्यों को इससे भी बड़ी धनराशि देकर अपने पाले में कर लिया। जिस कारण चुनाव परिणाम तो अपेक्षा के अनुरूप 16-15 का ही रहा, लेकिन भीतर यह खेल भी हुआ। हालांकि भाजपा व कांग्रेस में एक वर्ग इसके इतर इस बात को लेकर भी परेशान बताया जा रहा है कि मोटी धनराशि लेकर वोट न देने वाले विपक्षी सदस्यों से किस तरह से धनराशि वापस ली जाए।