नैनीताल में 66 फीसद प्रतिष्ठान बिना कर्मचारी के !


Rashtriya Sahara-8.9.14
Rashtriya Sahara-8.9.14

-आठ होटलों व 29 रेस्टोरेंटों में मालिक खुद ही परोसते हैं भोजन और खुद ही उठाते हैं जूठन
-श्रम विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में मिली अजब-गजब जानकारी
नवीन जोशी, नैनीताल। क्या कोई सोच सकता है कि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं दिलाते हुए आकर्षित करने वाली सरोवरनगरी में 66 फीसद प्रतिष्ठान बिना कर्मचारियों के ही चल रहे हैं। मजे की बात यह भी है कि इनमें नगर के आठ प्रतिष्ठित होटल और 29 रेस्टोरेंट भी शामिल हैं, जिनके मालिकों ने श्रम विभाग में जानकारी दी है कि उनके यहां एक भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। यानी वह खुद ही ग्राहकों के लिए भोजन तैयार करते हैं, उसे खुद ही परोसते हैं, खुद ही जूठन उठाते हैं और फिर सैलानियों के लिए बिस्तर भी खुद ही बिछाते हैं।

जी हां, यह अजीबो-गरीब खुलासा नगर के निवासी बीआर भसीन द्वारा श्रम विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में हुआ है। श्रम विभाग द्वारा दी गई सूचना के अनुसार नगर में केवल 1077 प्रतिष्ठान ही श्रम विभाग में पंजीकृत हैं, और इनमें से 66 फीसद से अधिक यानी 711 प्रतिष्ठानों में एक भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है। पहले बात नगर के सर्वाधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों की करें तो इनमें सबसे ऊपर है मनु महारानी होटल। इस होटल में सर्वाधिक 138 कर्मचारी कार्यरत हैं, जबकि नगर से कार्य समेट चुकी एटुजेड कंपनी में 120 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनके उलट नगर के आठ होटलों व 29 रेस्टोरेंटों के अलावा 20 टेलर, 13 बारबर शॉप, सात ड्राइक्लीनर, एक मोमबत्ती फैक्टरी, एक प्रिंटिंग प्रेस, माल रोड का एक सबसे बड़ा डिपार्टमेंटल स्टोर तथा 34 कंपनियों की एजेंसी वाली दो एजेंसी भी बिना कर्मचारियों के ही कार्य कर रही हैं। इनके अलावा दो सोसायटी-खुर्पाताल साधन सकारी समिति और न्यू टेक्सटाइल इंपोरियम सोसायटी में भी कोई कर्मचारी तैनात नहीं हैं। साफ तौर पर माना जा सकता है कि श्रम विभाग को दी गई यह सभी, और खासकर कर्मचारियों के बारे में दी गई गलत जानकारियां जानबूझकर श्रम कानूनों से बचने और कर्मचारियों को श्रम विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं, वेतन व अवकाश आदि से बचाने के लिए की गई हैं।

कर्मचारियों को यह सुविधाएं हैं अनुमन्य

नैनीताल। किसी भी वाणिज्यिक प्रतिष्ठान में मालिकों के लिए अपने कर्मचारियों को वर्ष में तीन राजकीय दिवस, होली व दीपावली पड़वा, डा. अंबेडकर जयंती, कार्तिक पूर्णिमा व ईद के अलावा साप्ताहिक अवकाश देने जरूरी हैं। इसके अलावा शहर की आबादी के अनुसार अकुशल कर्मचारी को 4980 से 5075, अर्द्धकुशल कर्मचारी को 5445 से 5555, कुशल कर्मचारी को 5915 से 6035, लिपिक वर्ग में श्रेणी एक के कर्मी को 6690 से 6845 व श्रेणी दो के लिपिक को 6110 से 6240 तथा सभी को 26 फीसद से अधिक परिवर्तनीय महंगाई भत्ता देय है। घंटेवार काम करने वालों के लिए भी प्राविधान है कि उन्हें दैनिक दर के छठे हिस्से से अधिक ही भुगतान करना होगा। लेकिन इन प्राविधानों का पालन भी कहीं नहीं, अथवा केवल कागजों में ही हो रहा है, और श्रम विभाग ने साप्ताहिक बंदी के दिन प्रतिष्ठान खोलने पर 2011 में केवल 126 और 2013 में 157 प्रतिष्ठानों के चालान करने तक ही अपनी भूमिका सीमित रखी है।