मानव सैलानियों के लिये सीजन ‘ऑफ”, पर पक्षी सैलानियों के लिये ‘ऑन”


नैनी झील में विचरण करते ग्रेट कॉमोरेंट और सुर्खाब पक्षी के जोड़े।
नैनी झील में विचरण करते ग्रेट कॉमोरेंट और सुर्खाब पक्षी के जोड़े।

नैनी झील में पहुंचने लगे ग्रेट कॉर्माेरेंट, सुर्खाब, बार हेडेड गीज आदि प्रवासी पक्षियों के भी जल्द पहुंचने की संभावना
नवीन जोशी, नैनीताल। जी हां, जहां दीपोत्सव के बाद ठंड बढ़ने के साथ आमतौर पर पहाड़ों और खासकर सरोवरनगरी में मानव सैलानियों के लिए पर्यटन सीजन को ‘ऑफ” माना जाता है, वहीं यही समय है जब पक्षी सैलानियों के लिए सीजन ‘ऑन” हो गया है। आश्चर्य न करें, अब समय शुरू हो गया है जब पहाड़ों एवं खासकर नैनीताल एवं इसके करीब की जल राशियों पर हजारों मील दूर उच्च हिमालयी देशों के प्रवासी पक्षियों का लंबे प्रवास के लिए आना प्रारंभ होने जा रहा है। नैनीताल में ग्रेट कॉर्मोरेंट यानी पन कौव्वे के करीब आधा दर्जन जोड़े और अपने सुनहरे पंखों के लिए प्रसिद्ध सुर्खाब पक्षी के जोड़े सोमवार को पहुंच गए हैं, और इनके बार हेडेड गीज सहित अन्य अनेकों प्रवासी पक्षियों के साथ शीघ्र ही पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

नैनीताल, इसके निकटवर्ती क्षेत्र व पहाड़ न केवल मानव सैलानियों, वरन पक्षियों को भी अपनी आबोहवा से आकर्षित करते हैं, और उनके भी पर्यटन स्थल हैं। इन दिनों यहां मनुष्य सैलानियों का पर्यटन की भाषा में ‘ऑफ सीजन” शुरू होने जा रहा है, वहीं मानो पक्षी सैलानियों का सीजन ‘ऑन” होने जा रहा है। ग्रेट कॉर्मोरेंट और सुर्खाब ने सोमवार को यहां पहुंचकर अपने पीछे चीन, तिब्बत आदि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला सुर्खाब पक्षी तथा बार हेडेड गीज सहित अनेक अन्य प्रवासी पक्षी प्रजातियांे के भी पहुंचने का इशारा कर दिया है। पक्षी विशेषज्ञ एवं अंतर्राष्ट्रीय छायाकार अनूप साह के अनुसार इन दिनों उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फवारी होने के कारण वहां की झीलें बर्फ से जम जाती हैं। ऐसे में उन सरोवरों में रहने वाले पक्षी नैनीताल जैसे अपेक्षाकृत गर्म स्थानों की ओर आ जाते हैं। यह पक्षी यहां पूरे सर्दियों के मौसम में पहाड़ों और यहां भी सर्दी बढ़ने पर रामनगर के कार्बेट पार्क व नानक सागर, बौर जलाशय आदि में रहते हैं, और मार्च-अप्रैल तक यहां से वापस अपने देश लौट आते हैं। उन्हांेने बताया कि नैनी झील में कई प्रकार की बतखें भी पहुंची हैं, जबकि नगर के हल्द्वानी रोड स्थित कूड़ा खड्ड में अफगानिस्तान की ओर से स्टेपी ईगल पक्षी भी बड़ी संख्या में पहुंंचे हैं।

पक्षियों का मानो तीर्थ है नैनीताल

नैनीताल। सरोवरनगरी को पक्षियों का पर्यटन स्थल से अधिक यदि तीर्थ कहा जाऐ तो अतिशयोक्ति नहीं होगी, जहां मनुष्य की तरह खासकर दुनिया भर के प्रवासी प्रकृति के पक्षी जीवन में एक बार जरूर जाना चाहते हैं। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार देश भर में पाई जाने वाली ११०० पक्षी प्रजातियों में से ६०० तो यहां प्राकृतिक रूप से हमेशा मिलती हैं, जबकि देश में प्रवास पर आने वाली ४०० में से से २०० से अधिक विदेशी पक्षी प्रजातियां भी यहां आती हैं। इनमें ग्रे हैरोन, शोवलर, पिनटेल, पोचर्ड, मलार्ड, गागेनी टेल, रूफस सिबिया, बारटेल ट्री क्रीपर, चेसनेट टेल मिल्ला, २० प्रकार की बतखें, तीन प्रकार की क्रेन, स्टीपी ईगल, अबाबील आदि भी प्रमुख हैं।

यह भी पढ़ें: विश्व भर के पक्षियों का भी जैसे तीर्थ और पर्यटन स्थल है नैनीताल