-भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने जताई पूरी संभावना
-कहा, मुख्यमंत्री से वार्ता हुई है, लिखित प्रस्ताव दे रहे हैं
नवीन जोशी, नैनीताल। यदि योजनानुसार सब कुछ ठीक रहा तो उत्तराखंड में वर्ष 2018 में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय खेल हो सकते हैं। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने इसकी पूरी संभावना जताई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनकी प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत से वार्ता हो गई है। एक-दो दिन में उत्तराखंड की ओर से भारतीय ओलंपिक संघ को औपचारिक प्रस्ताव मिलने जा रहा है, जिसके स्वीकृत होने की उन्होंने अपनी ओर से पूरी संभावना जताई है। मेहता ने कहा कि यदि यह तय हुआ तो उत्तराखंड में केंद्रीय निधि से कम से कम सात-आठ विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम बनाए जाएंगे।
उत्तराखंड में वर्ष 2018 में देश के 38वें राष्ट्रीय खेल आयोजित किए जाने की 19 दिसंबर 2014 को भारतीय ओलंपिक संघ ने घोषणा कर दी है। इसे उत्तराखंड सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्वप्न के सच होने के रूप में प्रचारित किया गया। गौरतलब है कि हमने 2 नवंबर 2014 को बोट हाउस क्लब में यहीं नैनीताल निवासी भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता से मुलाकात के आधार पर 5 नवंबर के अंक में प्रथम पृष्ठ पर एवं ‘नवीन जोशी समग्र’ पर यह समाचार प्रकाशित कर दिया था। श्री मेहता ने कहा था-उनकी हमेशा से इच्छा थी कि वह भारतीय ओलंपिक संघ में होने का लाभ लेते हुए अपने राज्य को कुछ दें। उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी इस बाबत बात की थी, पर शायद उनकी समझ में बात नहीं आई। अलबत्ता, हरीश रावत ने उन्हें इस बाबत औपचारिक पत्र देने का वादा किया है।
बीती शाम (2.11.2014) मुख्यालय में मौजूद श्री मेहता ने खास बातचीत में यह खुलासा किया। मूलत: राज्य व जनपद के निवासी मेहता ने बताया कि वर्ष 2000 में बने तीन नए राज्यों में से केवल उत्तराखंड को ही अब तक राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का दायित्व नहीं मिल पाया है। झारखंड ने वर्ष 2010 में यह खेल कराए, जबकि छत्तीसगढ़ को वर्ष 2017 में यह खेल कराने प्रस्तावित हैं। इससे पहले आगामी 31 जनवरी से 14 फरवरी के बीच केरला में वर्ष 2015 के तथा फिर 2016 में गोवा को राष्ट्रीय खेल आवंटित हैं। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य सरकार की केवल 20 से 30 फीसद भागीदारी के साथ सभी खेलों के सात-आठ विश्व स्तरीय स्टेडियमों का निर्माण किया जाता है। स्टेडियमों के निर्माण में तीन-चार वर्ष लगते हैं। इसलिए सही समय है जब उत्तराखंड के सीएम की ओर से एक-दो दिन में मिलने वाले प्रस्ताव पर वर्ष 2018-19 तक स्टेडियमों का निर्माण पूरा भी किया जा सकता है।
नैनीताल, हल्द्वानी व रुद्रपुर में तीन स्पोर्ट्स स्टेडियम की योजना
नैनीताल। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव ने कहा कि उत्तराखंड का निवासी होने के नाते उनकी कोशिश है कि अपने कार्यकाल में यहां के लिए कुछ करें। इसी कोशिश में उन्होंने नैनीताल, हल्द्वानी व रुद्रपुर में डे-स्कॉलर तथा छात्रावास की सुविधा युक्त स्पोर्ट्स स्टेडियम बनाने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंदा सोनोवाल, केंद्रीय खेल सचिव अजीत सरन मोहन तथा साई के सचिव जीजू थॉमसन से बात कर चुके हैं।
सरिता मामला: शिकायत करने को मैनेजर ही नहीं था
नैनीताल। एशियाई खेलों में अपना पदक लौटाने और इस कारण निलंबित होने की वजह से चर्चा में आई देश की उभरती बॉक्सर सरिता देवी के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि सरिता के साथ निर्णय के मामले में अन्याय हुआ, लेकिन खेलों में अनुशासनहीनता कभी भी क्षम्य नहीं होती है। इसलिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सिंग संघ-आइवा से इस मामले में कोई राहत मिलने की बहुत कम है। इस मामले में उन्होंने खुलासा किया कि एशियाई खेलों में भारतीय बॉक्सिंग टीम के साथ मैनेजर ही नहीं थे। जबकि नियमानुसार केवल मैनेजर को ही ऐसी स्थिति में फैसले पर विरोध (प्रोटेस्ट) करने का अधिकार होता है। खिलाड़ी और कोच नियमानुसार विरोध नहीं कर सकते।
“great decision of Govt of Uttrakhand. This initiative wil creat Sports Infrastructure in the State and will help make great players in Uttrakhand thanks to CM and Secretary General of IOA”
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