नैनीताल। अगले सप्ताह 19 जनवरी को अपना 92वें जन्म दिन मनाने की तैयारी कर रहे, और उम्र के इस पड़ाव पर भी किसी युवा की तरह सार्वजनिक कार्यक्रमों में फिल्मी गीत गुनगुनाकर अपनी जवां और जिंदा दिली का परिचय कराने वाले हर दिल अजीज मेजर जीआई पुनवानी नहीं रहे। रानीबाग में संचालित रॉयल कॉलेज ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट व नगर के जनहित संगठन के संरक्षक और 11 गोरखा रेजीमेंट के संस्थापक सदस्यों में से एक मेजर पुनवानी का शनिवार सुबह लखनऊ के सहारा अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें तीन जनवरी को हुए ब्रेन हैमरेज के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन का समाचार मुख्यालय पहुंचते ही उनके परिचितों और समाज के विभिन्न वर्गों में शोक की लहर छा गई।
नगर के रॉयल होटल के स्वामी और मूलत: वर्तमान पाकिस्तान के हैदराबाद सिंध प्रांत में 19 जनवरी 1923 को सिंधी परिवार में जन्मे 92 वर्षीय पुनवानी 1954 में दार्जिलिंग में स्थापित 11 गोरखा रेजीमेंट की स्थापना के समय ही कमीशन अधिकारी के रूप में नियुक्त हुए थे। इस तरह उन्हें इसके संस्थापक सदस्य की हैसियत प्राप्त थी। इससे पूर्व वह आजादी से पूर्व अंग्रेजी सेना की 10 बलूच रेजीमेंट कराची में भी किंग्स कमीशन अधिकारी के रूप में तैनात हुए थे, लेकिन अंग्रेजों की नौकरी उन्हें रास न आई, इसलिए एक वर्ष की सेवा के बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। 1975 में गोरखा रेजीमेंट से सेवानिवृत्त होने के बाद वह केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में विदेश व्यापार विभाग के उप महानिदेशक के पद पर भी रहे। वह अब रानीबाग में संचालित रॉयल कॉलेज ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट व नगर के जनहित संगठन के संरक्षक थे। नगर में उनकी पहचान ‘पीआईएल मैन’ के रूप में भी थी। उनकी जनहित याचिका पर ही नगर के बाजारों व सड़कों से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाए गए थे। वह बिल्कुल स्वस्थ थे और अपने 92वें जन्म दिन को हर वर्ष की भांति भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे थे। इस बीच बीती 22 दिसम्बर को वह पारिवारिक कार्य से अपने लखनऊ स्थित आवास गए थे, जहां उन्हें तीन जनवरी को ब्रेन हैमरेज हो गया। वह अपने पीछे दो पुत्र व पुत्रवधू विवेक-तहसीना, विक्रम-बीना, पुत्री विनीता व दामाद सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर रॉयल कॉलेज में निदेशक अनुराग भोंसले की अगुआई में शोक सभा हुई। शोकसभा में डा. भूपाल भाकुनी, सुरेश गुरुरानी, कर्नल हरीश साह, कर्नल नीरज तिवारी, कर्नल मनोज साह, निदेशक जोशी, जेएस बिष्ट, सुदर्शन साह, बहादुरसिंह कोटलिया, सुरेंद्र चौधरी, एडी तिवाड़ी व शाकिर अली आदि मौजूद थे। जीआई पुनवानी
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